Hindi Stories For Class 2:-Here I’m sharing the top Hindi stories for class 2 which are very valuable and teach your kids life lessons, which help your children to understand the people & world that’s why I’m sharing with you.
Top 19 Stories In Hindi For Class 2
यहां मैं बच्चों के लिए हिंदी में नैतिक के लिए शीर्ष कहानी साझा कर रहा हूं जो बहुत मूल्यवान हैं और अपने बच्चों को जीवन के सबक सिखाते हैं, जो आपके बच्चों को लोगों और दुनिया को समझने में मदद करते हैं इसलिए मैं आपके साथ हिंदी में नैतिक के लिए कहानी साझा कर रहा हूं।
- बनिए का बनिया
- जिंदा मुरदा
- भेड़िए की चाल
- भाग्य की महिमा
- छोटा और बड़ा काम
- बंद आँखें, खुला मुँह
- पानी
- चमत्कारी भोजन
- सब्जी
- बैल और मक्खी
- उपकार का बदला
- कोयल और बाज
- मछुआरा और छोटी मछली
- लालची औरत
- मूर्ख मेंढक
- बदला
- बकरी की सलाह
- बाँसुरी वाला मछुआरा
- लोमड़ी का फूला पेट
1. Hindi story for class 2 – बनिए का बनिया
एक बनिया संत के पास पहुँचा। बोला, “भगवान् का नाम लेना चाहता हूँ, महाराज! सेवा-पूजा करना चाहता हूँ; किंतु एक दमड़ी का भी खर्चा न हो, इसका खयाल रखिएगा।”
संत बोला, “अरे भाई, भगवान् कब तुमसे पैसा-रुपया चाहता है ! उसे तो चाहिए सच्ची भक्ति | ” पैसे के बिना भक्ति हो सकती है, तब बनिए को भक्ति से क्या परहेज।
बस, लग गया राम नाम जपने उठते-बैठते, खाते-पीते, दिन-रात वह ईश्वर का नाम जपता रहता। एक दिन बनिए ने भगवान् के सामने दूध से भरा लोटा चढ़ाया। मीठा करने के लिए शक्कर डाली।
तभी उसे खयाल आया कि दूध में शक्कर ज्यादा पड़ गई है। सोचा, थोड़ा निकाल ले। मगर जैसे ही लोटे में हाथ डाला तो दंग रह गया। लोटे में शक्कर तो शक्कर, दूध भी गायब था।
बनिया समझ गया। भगवान् उससे भी ज्यादा उस्ताद निकले। हाथ आया वापस क्यों जाने दें। सच है, भगवान् बनियों का बनिया है। भक्ति तो मन में सच्ची थी, अतः भगवान् ने प्रसाद ग्रहण कर लिया। यह सोच बनिए की खुशी का ठिकाना न रहा ।
Moral of Hindi story for class 2 – भक्ति धन से नहीं, मन से होती है ।
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2. Hindi story for class 2 – जिंदा मुरदा
राजा राहूगण पालकी में यात्रा कर रहे थे । चार मजदूर उनकी पालकी उठाए दौड़ रहे थे। सफर लंबा था। तभी एक कुएँ के पास पालकी उतारकर मजदूरों ने कहा, “प्यास लगी है, हुजूर! जरा पानी पीकर आते हैं।”
उनमें से एक मजदूर तो इतना थक गया था कि एक कदम भी चलने की हिम्मत उसमें बाकी नहीं थी । वह वहीं से जान छुड़ाकर भाग गया। अब बच रहे तीन । पालकी कैसे उठाई जाय? इतने में सामने से जड़भरत आते दिखे। राजा ने कहा,
” पकड़ो इसे उठवाओ इससे पालकी । ” चौथे मजदूर की जगह जड़भरत ने कंधा दिया। पालकी चल पड़ी । मगर यह क्या? कभी राजा का सिर पालकी की दीवार से टकराता तो कभी लुढ़कने लगता ।
राजा ने मजदूरों को धमकाया, “ठीक तरह चलो। तीनों मजदूर गिड़गिड़ाए, “हुजूर, ठीक तो चल रहे हैं। यह जो नया मजदूर है न, यही सीधा नहीं चल रहा ।’ राजा ने जड़भरत को धमकाया, “जान है कि नहीं? क्या मरे जैसा चल रहा है!”
जड़भरत ने कह दिया, “राजा, मैं तो मरे जैसा चल रहा हूँ, पर तू तो जिंदा है, फिर अपना भार दूसरों पर क्यों डालकर चल रहा है? इस तरह तो आदमी तब चलता है जब मृत्यु को प्राप्त होता है।’ यह सुनकर राजा तुरंत पालकी से कूद पड़ा।
Moral of Hindi story for class 2 – जो उपदेश आत्मा से निकलता है, आत्मा पर सबसे ज्यादा कारगर होता है ।
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3. Hindi story for class 2 – भेड़िए की चाल
एक भेड़िया बीमारी की वजह से कुछ कमजोर हो गया। जंगल में शिकार कर अपने लिए भोजन जुटाना अब उसके लिए संभव न रहा। उसने एक चाल चली ।
भेड़ की खाल ओढ़कर वह भेड़ों के एक झुंड में घुस गया। किसीको पता न चला। चरवाहे को भी नहीं। बस, अब क्या था ! मौज ही-मौज। भेड़िया रोज चुपके से एक भेड़ के बच्चे को अलग ले जाता और मिनटों में गड़प कर जाता।
कुछ रोज यह युक्ति चलती रही। एक दिन चरवाहे के घर पर कुछ मेहमान आनेवाले थे। उसने एक बड़ी सी भेड़ को काटकर उसका सालन बनाने का निश्चय किया। अचानक उसकी दृष्टि भेड़ की खाल ओढ़कर भेड़ बने भेड़िए पर गई । चरवाहे ने फौरन उसकी गरदन धड़ से अलग कर दी।
Moral of Hindi story for class 2 -जैसी करनी वैसी भरनी ।
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4. Hindi story for class 2 – भाग्य की महिमा
एक यात्री रेगिस्तान में रास्ता भूल गया । कई दिनों तक वह बिना भोजन और पानी के लिए भटकता रहा। बस मरने-मरने को हो रहा था। तभी उसे एक खजूर का पेड़ दिखाई दिया।
वह उसकी ठंडी छाया में बैठ गया। पेड़ पर खजूर तो नहीं थे, पर सामने रेत पर एक थैला जरूर पड़ा था। यात्री ने सोचा, अवश्य इसमें कुछ खाने का सामान होगा—और वह मरने से बच जाएगा। बड़ी उत्सुकता से उसने थैला खोला। पर तुरंत उसका चेहरा फक पड़ गया।
“ओह! इसमें तो हीरे भरे हैं। ” वह बुदबुदाया। यात्री भूख से मर रहा था और उसकी बगल में कीमती हीरों का थैला पड़ा था। वह ईश्वर से प्रार्थना करने लगा। तभी उसने देखा कि एक ऊँट उसकी तरफ चला आ रहा है। जैसे ही ऊँट निकट आया, उसने देखा कि ऊँट की पीठ पर एक व्यापारी बैठा है।
यह व्यापारी कुछ समय पूर्व उसी रास्ते से गुजरते हुए खजूर के पेड़ के नीचे आराम करने के लिए बैठा था और अपना हीरों का थैला भूल गया था। उसी थैले की खोज में वह उस जगह वापस लौटा था।
थैला वापस पाकर व्यापारी बेहद खुश हुआ। उसने यात्री को ढेर सारी खाने की सामग्री दी और उसे अपने ऊँट की पीठ पर बैठाकर साथ ले गया।
Moral of Hindi story for class 2 -कभी ढेर सारे हीरों से कीमती एक रोटी होती है ।
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5. Hindi story for class 2 – छोटा और बड़ा काम
अब्राहम लिंकन जब अमेरिका की धारा सभा के सदस्य चुने गए तो उनका अभिनंदन करने के लिए अपार मानव समूह उमड़ पड़ा। उसमें अनेक जाने-माने और धनी लोग भी थे। जब ये सारे लोग लिंकन के घर पहुँचे तो वे अपनी गाय दुह रहे थे।
कुछ समय तक विस्मय का वातावरण बना रहा । आखिर जब एक सज्जन से न रहा गया तो उसने पूछ डाला, “अरे, आप देश के अग्रणी नेता होकर अपने हाथ से गाय दुह रहे
लिंकन ने मुसकराकर उत्तर दिया, “भाइयो, काम कोई छोटा-बड़ा नहीं होता। हम लोग श्रम से डरते हैं और अपना काम औरों पर छोड़ देते हैं। यह हमारे भीतर की एक बड़ी कमी है। “
Moral of Hindi story for class 2 – वही सफल होता है जिसका काम उसे निरंतर आनंद देता है ।
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6. Hindi story for class 2 – बंद आँखें, खुला मुँह
एक छोटे से गाँव में रहनेवाले एक मुरगे को अपनी आवाज पर बड़ा नाज था। एक दिन एक चालाक लोमड़ी उसके पास आई और बोली, “मुरगे महाशय ! सुना है, आपकी आवाज बड़ी प्यारी और बुलंद है !”
मुरगे ने गद्गद होकर अपनी आँखें मीचीं और ऊँची आवाज में चिल्लाया–कु कु डू…कूँ ! कुकुडू कूँ… पर तभी लोमड़ी ने फुरती से उसे अपने मुँह में दबोच लिया और जंगल की तरफ भाग चली।
गाँववालों की नजर उसपर पड़ी तो वे चिल्लाए, “पकड़ो, मारो ! यह तो हमारा मुरगा दबोचे लिये जा रही है।’ लोमड़ी ने उनकी चिल्लाहट पर ध्यान नहीं दिया।
यह देखकर मुरगा बोला, “लोमड़ी बहन, ये गाँववाले चिल्ला रहे हैं कि मेरा मुरगा दबोचे लिये जा रही है। आप इन्हें जवाब क्यों नहीं दे देतीं कि यह मुरगा आपका है, उनका नहीं?”
लोमड़ी को मुरगे की बात जम गई। उसने फौरन मुँह खोला और गाँववालों की ओर देखकर कहा, “भूल जाओ अपने मुरगे को। यह तो अब मेरा निवाला है।” पर यह कहने के साथ जैसे ही लोमड़ी का मुँह खुला, मुरगा उसके मुँह से छूट गया। वह सरपट भागा और अपने गाँववालों के पास पहुँच गया।
Moral of Hindi story for class 2 – प्रयत्नशील लोगों के लिए सदा आशा हैं।
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7. Hindi story for class 2 – पानी
करनाल के मैदान में मुहम्मद शाह की सेना को हराकर जब विजयी नादिरशाह दिल्ली पहुँचा तो दोनों बादशाह साथ ही तख्त पर बैठे। नादिरशाह को प्यास लगी।
उसने मुहम्मद शाह को पानी मँगाने का संकेत किया। वह पानी आने का इंतजार कर रहा था कि उसे नगाड़े बजने की आवाज सुनाई पड़ी। लगा, जैसे कोई उत्सव होने जा रहा है।
वह अभी पूछने ही वाला था कि उसके सामने दस बारह नौकर हाजिर हुए। किसीके हाथ में रूमाल था तो किसीके हाथ में पानदान। तभी दो-तीन नौकर आगे बढ़े। उनके हाथ में चाँदी का एक थाल था। उसमें बड़े तरतीब से जल भरे हुए गिलास सजे थे। वह थाल बेशकीमती कपड़े से ढका हुआ था ।
नादिरशाह को जब पता चला कि यह सारा आडंबर उन्हें पानी पिलाने के लिए है तो वह बोला, “हम ऐसा पानी नहीं पीते। ” इसके बाद उसने जोर से आवाज देकर अपने भिश्ती को बुलाया।
भिश्ती चमड़े की मशक में पानी लिये तुरंत दौड़ा आया । नादिरशाह ने सिर से अपना लोहे का टोप उतारा और उसमें पानी भरकर तुरंत पी गया। फिर उसने मुहम्मद शाह की ओर देखकर कहा, “अगर हम भी तुम्हारी तरह पानी पीते तो ईरान से हिंदुस्तान तक न आ पाते।”
Moral of Hindi story for class 2 -आदमी जितना महान् होगा उतना ही नम्र होगा।
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8. Hindi story for class 2 – चमत्कारी भोजन
एक दिन एक राजा आँधी और तूफान में फँस गया। उसने एक झोंपड़े में शरण ली। उसने देखा, बच्चे जमीन पर बैठे हुए खाना खा रहे हैं। खाने में सिर्फ पतली खिचड़ी ही थी, पर बच्चे काफी स्वस्थ दिख रहे थे। उनके गालों पर हलकी ललाई थी । राजा ने बच्चों की माँ से इसका राज जानना चाहा।
उनकी माँ ने कहा, “यह सब उन तीन बातों की वजह से है जो बतौर घुट्टी मैं इन्हें खाने के साथ देती हूँ। पहली चीज, बच्चे अपने खाने भर का पैदा करने के लिए स्वयं मेहनत करें। दूसरी, मैं कोई चीज उन्हें बाहर की नहीं देती।
तीसरी, मैंने उन्हें अंधाधुंध खाने से दूर रखा है। जितनी भूख हो उतना ही खाना । ” “
Moral of Hindi story for class 2 – नियम और सादगी स्वास्थ्य की निशानी है।
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9. Hindi story for class 2 – सब्जी
“यह सब्जी बड़ी बेस्वाद है ! ” शैली ने गुस्से से कटोरी पटकते हुए कहा, “मैं इसे नहीं खा सकती । ” ‘“ठीक है।” माँ ने उसे पुचकारा, “शाम को मैं ठीक से बनाने की कोशिश करूँगी । ”
दोपहर में दोनों बगीचे में गईं। माँ ने आलू खोद-खोदकर निकालने शुरू किए और शैली उन आलुओं को उठा उठाकर झाबे में रखने लगी। यही करते-करते शाम हो गई ।
शैली और माँ दोनों घर लौटे | शैली दिन भर काम में माँ का हाथ बँटाती रही थी, अतः बुरी तरह थक गई थी । भूख भी उसे बड़ी जोरों की लगी थी । माँ ने जैसे ही खाना परोसा, शैली खाने पर टूट पड़ी। फिर उसने माँ से कहा, “सुबहवाली सब्जी की अपेक्षा यह सब्जी बहुत स्वादिष्ट बनी है। “
शैली का खाना समाप्त हो गया तो माँ ने कहा, “मुझे बड़ी खुशी हुई है कि तुम्हें सब्जी इतनी पसंद आई; पर बेटी, मैं तुम्हें यह सच्चाई बताना चाहती हूँ कि यह सब्जी वही सुबहवाली है।
पर इस वक्त तुम्हें इसलिए अच्छी लग रही है क्योंकि तुम खूब थकी हुई हो और तुम्हें कसकर भूख लगी है। मेहनत के बाद खाना अच्छा लगता है।’’
Moral of Hindi story for class 2 – हर चीज की कीमत सही वक्त पर होती है।
10. बैल और मक्खी (Hindi Stories For Class 2)
एक खेत से लगे चारागाह में एक बैल मजे से हरी-हरी घास चर रहा था। अचानक एक मक्खी उड़ती हुई आई और उसकी पूँछ पर बैठ गई। कुछ देर में वह वहाँ से उड़कर कभी उसके सींगों पर तो कभी पीठ पर या फिर वापस पूँछ पर बैठती।
बैल आराम से घास चरता रहा तो मक्खी को लगा कि बैल ने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया है। इसलिए वह बैल से बोली, “मित्र! ैं तुम्हें परेशान तो नहीं कर रही हूँ न? यदि मेरा भार तुम्हें सहन नहीं हो रहा तो कह दो।
मैं कहीं और जाकर बैठ जाऊंगी।” बैल बोला,”मेरे इतने बड़े शरीर पर तुम्हारे बैठने से कोई असर पड़ने वाला नहीं है। मुझे तो पता भी नहीं चला कि तुम कब आईं। तुम हो ही इतनी छोटी कि तुम्हारे होने या न होने का फर्क पता ही नहीं चलता।”
(Moral Hindi Stories For Class 2)शिक्षा : हमें बड़े बोल नहीं बोलने चाहिए।
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11. उपकार का बदला ( Hindi Stories For Class 2 )
एक बार एक चींटी पानी पीते समय नदी में गिर गई। वह चिल्लाने लगी, “बचाओ, बचाओ।” नदी तट पर एक पेड़ पर बैठे कबूतर को उस पर दया आ गई और उसने एक पत्ता तोड़कर पानी में चींटी के पास फेंक दिया।
चींटी झट से पत्ते पर बैठकर बाहर निकल आई। बाहर आकर उसने कबूतर को धन्यवाद दिया और वादा किया कि एक दिन वह इस भलाई का बदला जरूर चुकाएगी।
कुछ दिनों बाद चींटी ने देखा कि शिकारी द्वारा फैलाए गए जाल में कबूतर फँस गया है। उसने तुरंत शिकारी के पैर में डंक मारा। शिकारी दर्द से कराहने लगा। शिकारी के हाथ से जाल छूट गया और मौका पाकर कबूतर जाल से निकलकर फुर्र से उड़ गया।
(Moral Hindi Stories For Class 2) शिक्षा : हमें दूसरों द्वारा किए गए उपकार को कभी नहीं भूलना चाहिए।
12. कोयल और बाज ( Hindi Stories For Class 2 )
बरगद के पेड़ की ऊँची शाखा पर बैठकर कोयल मस्ती में गा रही थी कि तभी ऊपर से निकलते बाज की नजर उस पर पड़ी। बाज काफी देर से भखा था और शिकार की तलाश में घूम रहा था।
कोयल को देखकर वह बहुत खुश हुआ और नीचे आकर उसको अपने पंजों में दबाकर उड़ गया। अचानक हुए इस हमले से कोयल को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे।
उसने बाज से कहा, “मैं इतनी छोटी हूँ कि मुझे खाकर तुम्हारा पेट भी नहीं भरेगा। इसलिए किसी बड़े पक्षी का पेड़ जिसे खाकर तुम्हारी भूख मिटे।” बाज बोला, “तुम इतनी छोटी होकर भी मुझे मूर्ख बनाने की कोशिश कर रही हो।
तुम चाहती हो कि मैं तुम्हें छोड़ दूँ। पर मैं बेवकूफ नहीं हूँ कि हाथ आया हुआ शिकार छोड़ दे।” यह कहकर बाज उसे मारकर खा गया।
(Moral Hindi Stories For Class 2) शिक्षा: हाथ आए अवसर को छोड़ देना मूर्खता है।
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13. मछुआरा और छोटी मछली ( Hindi Stories For Class 2 )
एक दिन मंगू मछुआरा सुबह से शाम तक समुद्र में जाल डालकर बैठा रहा, पर कोई मछली हाथ नहीं आई। आखिर में निराश होकर उसने जैसे ही अपना जाल समेटना चाहा,
एक नन्ही-सी मछली जाल में फँस गई। मछली को मछुआरे ने जैसे ही हाथ में लिया, वह बोली, “मैं इतनी नन्ही-सी मछली हूँ। मुझे ले जाकर क्या करोगे?
तुम मुझे अभी समुद्र में ही डाल दो और जब मैं बड़ी हो जाऊंगी तब मुझे निकालकर ले जाना। उस वक्त मुझे बेचने पर तुम्हें ज्यादा पैसे मिलेंगे।” मछुआरे ने उत्तर दिया,
“मैं तुम्हें हरगिज नहीं छोड़ सकता। सुबह से एक भी मछली मेरे जाल में नहीं फँसी है और तुम कहती हो कि मैं तुम्हें छोड़ दूं और जब तुम बड़ी हो जाओ,
तब तुम्हें पकड़ें। मैं इतना मूर्ख नहीं हूँ, जो तुम्हारी बातों में आ जाऊँ।” यह कहकर मछुआरे ने मछली को अपनी टोकरी में रख लिया।
(Moral Hindi Stories For Class 2) शिक्षा : बुद्धिमान व्यक्ति मौके को हाथ से नहीं जाने देते।
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14. लालची औरत ( Stories For class 2 In Hindi )
एक समय की बात है। एक गाँव में एक बूढ़ी औरत रहती थी। उसका कोई नहीं था।वह एकदम अकेली थी। उसकी आमदनी का कोई जरिया नहीं था।
बस ले- देकर उसके पास एक मुर्गी थी। मुर्गी उस बूढी औरत को हर रोज एक अंडा देती थी, जिसे वह पकाकर खा लेती थी। एक दिन वह बूढ़ी औरत बैठे-बैठे सोचने लगी,
‘यदि यह मुर्गी हर रोज एक अंडे की जगह दो अंडे देने लगे तो कितना अच्छा हो। एक अंडा मेरे खाने के काम आएगा और दूसरा अंडा बाजार में बेचकर मैं कुछ पैसे कमा सकती हूँ।
मुर्गी एक से ज्यादा अंडे दे, इस बारे में कुछ सोचना होगा।’ बहुत सोच-विचार के बाद उसने मुर्गी को ज्यादा दाना खिलाना शुरू कर दिया। ज्यादा दाना खाने से मुर्गी बीमार पड़कर मर गई। बुढ़ी औरत के पास अब अपनी गलती पर पछताने के सिवा कुछ नहीं बचा था।
(Moral Hindi Stories For Class 2) शिक्षा: लालच का फल हमेशा बुरा होता है।
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15. मूर्ख मेंढक ( For Class 2 Stories In Hindi )
एक गाँव में दो मेंढक रहते थे। एक मेंढक ने एक तालाब में अपना घर बनाया हुआ था, जबकि दूसरा मेंढक सड़क के किनारे एक कच्ची पगडंडी पर अपना घर बनाकर रहता था।
एक दिन तालाब में रहने वाले मेंढक ने दूसरे से कहा, “मित्र! तुम मेरे साथ तालाब में आकर रहो। तुम्हारा घर सुरक्षित नहीं है, क्योंकि पटरी पर सारा दिन रेलगाड़ियां और तांगे आदि चलते रहते हैं।
ऐसा न हो कि किसी दिन तुम किसी गाड़ी के नीचे आ जाओ।” दूसरा मेंढक बोला, “तुम बेवजह चिंता कर रहे हो। मैं कई सालों से यहाँ रह रहा हूँ और हमेशा यहीं रहूंगा।”
इसके कुछ दिनों बाद ही वह मेंढक एक गाड़ी के पहियों के नीचे कुचल कर मर गया।
(Moral Hindi Stories For Class 2) शिक्षा : जब दूसरे हमारी भलाई की बात कहें तो हमें मान लेनी चाहिए।
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16. बदला ( Hindi Stories For Class 2 )
एक दिन एक लोमड़ी ने किसान के खेत में जाकर उसका एक कच्चा सीताफल तोड़ दिया। यह देखकर किसान को लोमड़ी पर बहुत गुस्सा आया।
वह लोमड़ी को पकड़ने के लिए उसके पीछे भागा और आखिरकार लोमड़ी की पूँछ उसके हाथ में आ गई। किसान ने उसकी पूँछ में रस्सी लपेटकर उस पर केरोसिन तेल छिड़का और आग लगा दी।
लोमड़ी ने जब अपनी पूँछ से आग की लपटें निकलती देखीं तो वह घबराई नहीं, बल्कि किसान के खेतों की ओर भागी। खेतों में गेहूँ की फसल पककर तैयार थी। लोमड़ी ने पकी फसल में आग लगा दी।
किसान की सारी फसल पलभर में जलकर राख हो गई और उसे लाखों का नुकसान हुआ। अब किसान अपने किए पर पछता रहा था कि उसने एक सीताफल के बदले अपना इतना बड़ा नुकसान कर दिया।
(Moral Hindi Stories For Class 2) शिक्षा : जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना चाहिए।
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17. बकरी की सलाह ( Best Hindi Stories For class 2 )
एक आदमी के पास एक बकरी और एक गधा था। गधा दिनभर मेहनत करता था और बड़ा जानवर था, इसलिए वह उसे ज्यादा चारा देता और बकरी को कम। बकरी को यह बात अच्छी नहीं लगती थी।
वह चाहती थी कि मालिक गधे को घर से निकाल दे। फिर वह उसी की देखभाल करेगा। इसके लिए उसने एक योजना बनाई। वह गधे के पास जाकर बोली,
“मित्र! तुम कितना बोझा ढोते हो और दिनभर मीलों चलते हो पर मालिक तुम्हें एक दिन की भी छुट्टी नहीं देता।” गधा बोला, “तुम ठीक कहती हो, पर मैं क्या कर सकता हूँ।”
बकरी ने सुझाव दिया,”कल तुम मालिक से कहना कि तुम बीमार हो, फिर वह अपने आप तुम्हें छुट्टी दे देगा।” गधे ने बकरी का सुझाव मानकर मालिक से कहा,
“मैं काम पर नहीं जा सकता क्योंकि मेरी तबीयत ठीक नहीं है।” मालिक वैद्य को बुला लाया। वैद्य ने मालिक से कहा, “इस गधे की बीमारी दूर करने के लिए मुझे बकरी का फेफड़ा चाहिए।”
मालिक ने बकरी को मारकर उसका फेफड़ा निकालकर वैद्य को दे दिया। इस तरह बकरी की गलत सलाह ही उसकी मौत का कारण बनी।
(Moral Hindi Stories For Class 2) शिक्षा: बुरे काम का नतीजा बुरा ही होता है।
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18. बाँसुरी वाला मछुआरा ( Stories In Hindi For Class 2 )
समुद्र के किनारे बसे गाँव में एक मछुआरा रहता था। वह दिन भर मछलियाँ पकड़ता और शाम को समुद्र के तट पर बैठकर चैन से बाँसुरी बजाता।
एक दिन वह एक चट्टान पर बैठकर बांसुरी बजा रहा था और सोच रहा था कि शायद इसकी मीठी धुन सुनकर मछलियाँ किनारे पर आ जाएँ, पर ऐसा नहीं हुआ। उसने बाँसुरी एक ओर रखी और समुद्र में जाल फेंका।
जल्दी ही काफी सारी मछलियाँ उसके जाल में फंस गईं। उसने जाल किनारे की ओर खींचा तो मछलियाँ तड़प रही थीं। यह देखकर वह बोला,
“तुम कितनी मूर्ख हो। जब मैं बांसुरी पर मधुर धुन बजा रहा था तब तो तुम बाहर ही नहीं आई और अब जबकि तुम जाल में फैसी हो तो नाच रही हो।”
(Moral Hindi Stories For Class 2) शिक्षा : हर काम को करने का एक सही तरीका होता है।
19. लोमड़ी का फूला पेट ( Hindi Stories For Class 2 )
एक बार एक लोमड़ी भूख से बेहाल होकर भोजन की खोज में भटक रही थी। जब वह एक पेड़ के पास से निकली तो उसे मांस की गंध आई। उसने ऊपर नीचे नजर घुमाई तो उसे पेड़ के एक कोटर में रोटी और मांस रखा दिखाई दिया।
वह तुरंत कोटर में घुसकर मांस और रोटी खाने लगी। मांस चूँकि बहुत स्वाष्दि था, इसलिए उसने लालच में इतना ज्यादा खा लिया कि उसका पेट फूल गया और वह उस कोटर में फँस गई।
उसने बाहर निकलने का बहुत कोशिश की, पर निकल न सकी। तभी वहाँ से एक दूसरी लोमड़ी निकली तो उसने कोटर में फँसे-फँसे अपना सारी कहानी सुनाकर उससे मदद मांगी।
दूसरी लोमड़ी हँसकर बोली, “कुछ दिन यहीं पर रहो। बिना खाए-पिए जब तुम्हारा पेट पतला हो जाएगा तो बाहर आ जाना।” यह कहकर वह चली गई।
(Moral Hindi Stories For Class 2) शिक्षा: लोभ विपत्ति का कारण बनता है।
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