The motivational story in Hindi:- If you’re searching for motivational stories in Hindi then you are at the right place. Here I’m sharing with you the top 41 motivational stories in Hindi which is really amazing and mind-blowing, these Hindi motivational Stories help you to grow in your life and whatever carrier you choose. these motivational stories are for everyone.
Top 41 Motivational story in Hindi सोच बदलने वाली
यदि आप हिंदी में प्रेरक कहानियां खोज रहे हैं तो आप सही जगह पर हैं। यहां मैं आपके साथ हिंदी में शीर्ष 41 प्रेरक कहानियां साझा कर रहा हूं जो वास्तव में अद्भुत और दिमाग को उड़ाने वाली हैं, ये हिंदी प्रेरक कहानियां आपको अपने जीवन में बढ़ने में मदद करती हैं और जो भी कैरियर आप चुनते हैं। ये प्रेरक कहानियाँ सभी के लिए हैं.
TIME Magazine की पहली किड ऑफ द ईयर बनीं Gitanjali Rao Youngest Scientist Motivational Story in Hindi
जब दूसरे 11 साल के बच्चे टीवी पे कार्टून देख रहे थे तब गीतांजलि राव को साइंस और टेक्नोलॉजी की न्यूज़ सुनने में बहुत इंटरेस्ट रहता था। और ऐसे ही एक दिन न्यूज़ देखते टाइम गीतांजलि को us के Finland city में हो रह वाटर क्राइसिस के हाई अलर्ट के बारे में पता चला,
जहा पानी में लीड की मात्रा बढ़ने के कारन पुरे सिटी में पिने के पानी की प्रॉब्लम बढ़ गयी थी। इस न्यूज़ ने गीतांजलि को बहुत एफेक्ट किया और 11 साल की गीतांजलि ने डिसाइड किया की वो कुछ ऐसा करेंगी जिसे की वो पुरे सहर की मदद कर पाए।
क्यों की उस टाइम us के कई जगहोंपे वाटर क्राइसिस बढ़ गयी थी इस लिए us के एन्वॉयरमेंट प्रोटेक्शन एजेंसी घर घर जा कर वाटर के सैम्पल्स को कलेक्ट करते थे। इसी में गीतांजलि में अपनी माँ को देखा की वो बेसिक टेस्ट स्ट्रिप का यूज़ कर रही है अपने पानी को जांचने के लिए।
ये देख के गीतांजलि बताती है की वो कासी हैरान हुई थी क्यों की उन्हें ये बिलकुल भी सही तरीका नहीं लग रहा था। ये साडी कंडीशन को देख के गीतांजलि को एक डिवाइस बनाने का प्लान आया।
जिसकी हेल्प से पानी में लीड की मात्रा को आसानी से जांचा जा सके इस किए लिए गीतांजलि ने 3M के मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के रिसर्चर को कांटेक्ट किया और उनके हेल्प से अपनी रिसर्च को सुरु करने के लिए रेक़ुएस्ट किया।
3M एक अमेरिकन कंपनी है जिसका फुल फॉर्म है “Minnesota Mining & Manufacturing Company. ये कंपनी कंस्यूमर इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट बनाने के लिए जानी जाती है।
3M के रिसर्चर ने गीतांजलि को पुरे दिल से स्वागत किया और गीतांजलि के आईडिया को पूरी तरह से सपोर्ट किया फाइनली गीतांजलि के हिडेन टेलेंट की जर्नी यहाँ से सुरु हुई और गीतांजलि में अपना डिवाइस TETHYS को लंच किया।
बसीकली TETHYS एक छोटी सी डिवाइस है जिसमे एक 9 volt की बैटरी एक लीड सेंसिंग यूनिट एक ब्लूएथूथ एक्सटेंशन लगा है और कार्बन के ननोतुबस लगे हैं जो लीड के साथ टच होने से अपना रंग और रेसिस्टेन्स चेंज करता है।
गीतांजलि से इन ननोटुब्स के बारे में जाना जब वो MIT के वेबसाइट को चेक कर रही थी। तो फाइनली TETHYS लंच हुआ और सिर्फ US में ही नहीं दुनिया भर में बहुत सफल हुआ। और US के अलावा बाकि के देश ने भी TETHYS को यूज़ करना सुरु कर दिया गया।
तो फिर इतने सक्सेस फुल डिवाइस बनाने के बाद बात आती है इसके प्राइस की तो आप देख के हैरान हो जाएंगे , इसकी प्राइस बीएस २०$ रखी गयी। इस सक्सेस्फुल डिवाइस बनाने के बाद गीतांजलि को दुनिया भर में रिकॉग्निस किया गया और इंडिया से ज्यादा जितांजलि ने दूसरी देशो में नाम रोसन किया।
गीतांजलि को अमेरिका का टॉप यंगेस्ट साइंटिस्ट का अवार्ड दिया गया , 25000 $ के कॅश प्राइस के साथ। फोबेस 2019 के 30 अंडर 30 के लिस्ट में भी शामिल हुई। US Environmental Protection Agency Youth Award भी गीतांजलि को मिला और इसके साथ ही Top Health Pillar Prize Student Challenge भी गीतांजलि ने जीता।
इसके अलावा गीतांजलि TEDx की तीन बार स्पीकर भी रह चुकी हैं। जो की एक तेर साल की स्टूडेंट के लिए बहुत बरी बात हैं। और यही नहीं लास्ट ईयर के TEDx इंडिया में भी गीतांजलि को इन्वित किया गया , जहा पर गीतांजलि एक बहुत ही संदर स्पीच दी दुनिया भर के साइंटिस्ट के लिए।
ज्ञातंजलि कहती है मूवीज के सुपर हीरोज अगर रियल लाइफ में आजाए तो हम मेसे हर कोई उसको रिस्पेक्ट और अप्रेसीएट करने जाएगा , लेकिन रियल लाइफ के साइंटिस्ट जिन्होंने ऐतिहासिक रिसर्च कर के दुनिया को चेंज किया है जो किसी फिलमिल हीरो से कम नहीं होते उन्हें लोग कई बार नजर अंदाज कर देते हैं।
1. Motivational Story In Hindi – खुदा के गुलाम
इब्राहिम बल्ख के बादशाह थे। सांसारिक विषय- भोगों से ऊबकर वे फकीरों का सत्संग करने लगे। बियाबान जंगल में बैठकर उन्होंने साधना की । एक दिन उन्हें किसी फरिश्ते की आवाज सुनाई दी, ‘मौत आकर तुझे झकझोरे, इससे पहले ही जाग जा ।
अपने को जान ले कि तू कौन है और इस संसार में क्यों आया है। ‘ यह आवाज सुनते ही संत इब्राहिम की आँखों से अश्रुधारा बहने लगी। उन्हें लगा कि बादशाहत के दौरान अपने को बड़ा मानकर उन्होंने बहुत गुनाह किया है। वे ईश्वर से उन गुनाहों की माफी माँगने लगे।
एक दिन वे राजपाट त्यागकर चल दिए । निशापुर की गुफा में एकांत साधना कर उन्होंने काम, क्रोध, लोभ आदि आंतरिक दुश्मनों पर विजय पाई। वे हज यात्रा पर भी गए और मक्का में भी पहुँचे हुए फकीरों का सत्संग करते रहे।
एक दिन वे किसी नगर में जा रहे थे कि चौकीदार ने पूछा, ‘तू कौन है?’ उन्होंने जवाब दिया, ‘गुलाम । ‘ उस चौकीदार ने फिर पूछा, ‘तू कहाँ रहता है, तो इस बार जवाब मिला, ‘कब्रिस्तान में ।’
सिपाही ने उन्हें मसखरा समझकर कोड़े लगा दिए, पर जैसे ही उसे पता चला कि वे पहुँचे हुए संत इब्राहिम हैं, तो वह उनके पैरों में गिरकर क्षमा माँगने लगा। संत ने कहा, ‘इसमें आखिर क्षमा माँगने की क्या बात है? तूने ऐसे शरीर को कोड़े लगाए हैं, जिसने बहुत वर्षों तक गुनाह किए हैं। ‘
कुछ क्षण रुककर उन्होंने कहा, ‘सारे मनुष्य खुदा के गुलाम हैं और गुलामों का अंतिम घर तो कब्रिस्तान ही होता है।’
2. Motivational Story In Hindi – मौत का भय
पद्म पुराण में कहा गया है, ‘जो जन्म लेता है, उसकी मृत्यु निश्चित है। इसलिए मृत्यु से भयभीत होने की जगह सत्कर्मों के माध्यम से मरण को शुभ बनाने के प्रयास करने चाहिए।’
जैन संत आचार्य तुलसी एक बोधकथा सुनाया करते थे एक मछुआरा समुद्र से मछलियाँ पकड़ता और उन्हें बेचकर अपनी जीविका चलाता था। एक दिन एक वणिक उसके पास आकर बैठा। उसने पूछा, ‘मित्र, क्या तुम्हारे पिता है?’
उसने जवाब दिया, ‘नहीं, उन्हें समुद्र की एक बड़ी मछली निगल गई।’ उसने फिर पूछा, ‘और तुम्हारा बड़ा भाई ? ‘ मछुआरे ने जवाब दिया, ‘नौका डूब जाने के कारण वह समुद्र में समा गया।’
वणिक ने फिर पूछा, ‘दादाजी और चाचाजी की मृत्यु कैसे हुई ?’ मछुआरे ने बताया कि वे भी समुद्र में लीन हो गए थे। वणिक ने यह सुना, तो बोला, ‘मित्र, यह यमुद्र तुम्हारे विनाश का कारण है, बावजूद इसके तट पर आकर जाल डालते हो। क्या तुम्हें मरने कर भया नहीं है ??
मछुआरा बोला, ‘भैया, मौत जिस दिन आनी होगी, आएगी ही। तुम्हारे घरवालों में से दादा, परदादा, पिता में से शायद ही कोई इस समुद्र तक आया होगा। फिर भी वे सब चल बसे । मौत कब आती है और कैसे आती है, यह आज तक कोई भी नहीं समझ सका है। फिर मैं बेकार ही मौत से क्यों डरूँ??
भगवान् महावीर ने कहा था, ‘नाणागमो मच्चुमुहस्य अत्थि’ यानी मृत्यु किसी भी द्वार से आ सकती है, इसलिए आत्मज्ञानी ही मौत के भय से बचा रह सकता है।
3. Motivational Story In Hindi – ज्ञान का ढिंढोरा
आध्यात्मिक विभूति श्री हनुमानप्रसाद पोद्दार से मिलने कलकत्ता के एक धनाढ्य परिचित पहुँचे। उन्होंने कहा, ‘जब मैं किसी तीर्थ में जाता हूँ, तो दान अवश्य करता हूँ।’ उन्होंने एक अखबार भी दिखाया, जिसमें किसी को कपड़े दान करते हुए उनका चित्र छपा था।
पोद्दारजी ने कहा, ‘तुमने तो अपने दान को एक ही दिन में निष्फल बना डाला, जबकि दान का पुण्य तो लंबे समय तक मिलता है। धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि जो प्रशंसा या किसी बदले की इच्छा से दान करता है, वह उसका पुण्य फल कदापि नहीं प्राप्त कर सकता।’
उन्होंने कुछ क्षण रुककर कहा, ‘पद्मपुराण में कहा गया है कि मानव को धन-संपत्ति भगवान् की कृपा से प्राप्त होती है, इसलिए इसका उपयोग अपने परिवार के पालन-पोषण में सतर्कता से करना चाहिए।
उसका अत्यधिक भाग यज्ञ आदि धार्मिक कार्यों और अभावग्रस्त लोगों की सेवा – सहायता में लगाना चाहिए। यह मानकर दान करना चाहिए कि भगवान् की चीज भगवान् को ही अर्पित की जा रही है।
यदि कोई अहंकार में अपने को बड़ा धर्मात्मा प्रकट करने के लिए दान करता है, तो वह पुण्य की जगह पाप का भागी बनता है। ‘ पोद्दारजी कहते हैं, ‘जो व्यक्ति निष्काम सेवा सहायता करता है, प्रभु उसी पर कृपा-दृष्टि रखते हैं।
जो आदमी लालसा में सेवा का प्रदर्शन करता है, उसे ढोंग मानना चाहिए। इसलिए कहा गया है कि एक हाथ से किसी को दान देते वक्त दूसरे हाथ को भी इसका पता नहीं चलना चाहिए । गुप्तदान को शास्त्र में सर्वश्रेष्ठ दान माना गया है।’
4. Motivational Story In Hindi – गुरु का सम्मान
श्रीराम कथा की विशिष्ट काव्य शैली में रचना करनेवाले पंडित राधेश्याम कथावाचक संत-महात्माओं के सत्संग के लिए लालायित रहा करते थे। संत उड़िया बाबा, श्री हरिबाबा, आनंदमयी माँ तथा संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी के प्रति वे अनन्य श्रद्धा भाव रखते थे।
प्रभुदत्त ब्रह्मचारीजी की प्रेरणा से उन्होंने महामना पंडित मदनमोहन मालवीय को अपना गुरु बनाया था। पंडित राधेश्यामजी मालवीयजी के श्रीमुख से भागवत कथा सुनकर भाव विभोर हो उठते थे |
मालवीयजी को भी राधेश्यामजी की लिखी रामायण का गायन सुनकर अनूठी तृप्ति मिलती थी । वे समय-समय पर उन्हें बरेली से काशी आमंत्रित कर उनकी कथा का आयोजन कराते थे ।
एक बार गुरु पूर्णिमा के अवसर पर पंडित राधेश्यामजी ने संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी के साथ काशी पहुँचकर अपने गुरु मालवीयजी को एक कीमती शॉल व मिठाइयाँ भेंट कीं।
मालवीयजी को आग्रहपूर्वक शॉल ओढ़ाया गया। यह शॉल उन्होंने विशेष रूप से गुरु दक्षिणा के लिए तैयार कराया था। कुछ समय बाद अचानक हिंदू विश्वविद्यालय के दक्षिण भारतीय संस्कृत शिक्षक मालवीयजी के दर्शन के लिए आ पहुँचे।
मालवीयजी उनके विरक्त व तपस्वी जीवन से बहुत प्रभावित थे। उन्होंने शिक्षक की ओर संकेत कर राधेश्याम कथावाचक से कहा, ‘ इन्होंने कठोर साधना कर असंख्य छात्रों को देववाणी और धर्मशास्त्रों का अध्ययन कराया है। ऐसे तपस्वी शिक्षक हमारे आदर्श हैं।’
कहते-कहते उन्होंने वह शॉल उन्हें ओढ़ा दिया। राधेश्यामजी उनकी विरक्ति भावना और आदर्श शिक्षक के प्रति श्रद्धा देख दंग रह गए।
5. Motivational Story In Hindi – नैतिक शिक्षा का महत्त्व
आचार्य विनोबा भावे अनेक भाषाओं के ज्ञाता थे। उन्होंने विभिन्न धर्मों, मत-मतांतरों के साहित्य का अध्ययन किया था। बड़े-बड़े शिक्षाविद् ज्ञान का लाभ अर्जित करने उनके पास आया करते थे । विनोबाजी संस्कारों को सबसे बड़ी धरोहर मानते थे ।
एक बार महाराष्ट्र के किसी विश्वविद्यालय में उन्हें आमंत्रित किया गया। विनोबाजी वहाँ पहुँचे। उन्होंने प्राचार्य से बातचीत के दौरान पूछा, ‘विश्वविद्यालय में किस किस विषय के अध्ययन की व्यवस्था है ?’
उन्हें बताया गया कि विभिन्न भाषाओं, गणित, विज्ञान तथा अन्य विषयों का अध्ययन कराया जाता है। विनोबाजी ने पूछा, ‘क्या छात्रों को नैतिक शिक्षा देने की भी व्यवस्था है ?’
उन्हें बताया गया कि ऐसी व्यवस्था नहीं है । विनोबाजी ने पूछा, ‘क्या छात्रों को केवल धनार्जन के योग्य बनाने की शिक्षा देना ही पर्याप्त है ? क्या उन्हें सच्चा मानव, सच्चा भारतीय बनाना आप आवश्यक नहीं समझते?
यदि छात्रों को अच्छे संस्कार नहीं दिए गए, उन्हें अच्छा मानव बनाने का प्रयास नहीं किया गया, तो युवा पीढ़ी अपनी प्रतिभा व शक्ति का राष्ट्र व समाज के हित में ही सदुपयोग करेगी, इसकी क्या गारंटी है ?
मेरे विचार में तो सबसे पहले बच्चों व युवक-युवतियों को आदर्श मानव बनने के अच्छे संस्कार दिए जाने चाहिए । संस्कारहीन व्यक्ति तो ‘धनपिशाच’ बनकर समाज को गलत दिशा में ही ले जाने का कारण बनेगा। ‘ विनोबाजी की प्रेरणा से विश्वविद्यालय में छात्रों को नैतिक शिक्षा दी जाने लगी ।
6. Motivational Story In Hindi – हरिनाम की महिमा
गुरु तेगबहादुरजी भक्ति और शक्ति के उपासक थे। उन्होंने 1675 में धर्म की रक्षा के लिए दिल्ली में बलिदान देकर यह सिद्ध किया कि एक धर्मगुरु और कवि – साहित्यकार समय आने पर धर्म की रक्षा के लिए सिर भी कटा सकता है।
बलिदान देने से पूर्व अनेक वर्षों तक गुरु तेगबहादुरजी ने देश का भ्रमण कर असंख्य लोगों को सदाचार का उपदेश दिया। पंजाब के अनेक कसबों व गाँवों में पीने के पानी का अभाव दूर करने के लिए उन्होंने श्रमदान कर तालाब बनवाए, कुएँ खुदवाए।
एक बार गुरु महाराज तलवंडी से भठिंडा होते हुए सुलसट पहुँचे। उनके पास एक सुंदर घोड़ा था । चार चोर उस घोड़े को चुराने के लिए युक्ति करने लगे।
गुरुजी उनका मंतव्य जान गए। उन्होंने कहा, ‘यदि घोड़े पर नीयत है, तो चोरी क्यों करते हो ! मुझसे माँगकर ले जाओ। उनकी प्रेममय वाणी सुनकर चोरों को इतनी आत्मग्लानि हुई कि दो ने पश्चात्ताप के रूप में तत्काल आत्महत्या कर ली।
गुरुजी ने अगले पड़ाव में भक्तजनों के बीच प्रवचन देते हुए कहा कि पाप के प्रायश्चित्त का साधन आत्महत्या नहीं है। व्यक्ति ईश्वर का नाम सुमिरन करके हर तरह के पाप से मुक्त हो सकता है।
उन्होंने कहा, ‘शर्त यही है कि भविष्य में पाप न करने का दृढ़ संकल्प ले लिया जाए। लोभ, लालच व हिंसा की भावना त्याग देने वाले का हृदय स्वतः निर्मल बन जाता है।’ उनके सदुपदेशों से लाखों व्यक्तियों ने दुर्गुण त्यागकर अपना कल्याण किया ।
7. Motivational Story In Hindi – संन्यासी की दया भावना
स्वामी दयानंद गिरि एक ब्रह्मनिष्ठ संत थे । वे प्रायः कहा करते थे कि जो व्यक्ति गरीबों व असहायों से प्रेम करता है, भगवान् उसे अपनी कृपा का अधिकारी बना देते हैं ।
स्वामीजी विरक्तता की साक्षात् मूर्ति थे। चौबीस घंटे में एक बार किसी घर से भिक्षा प्राप्त करते थे। शेष समय साधना व लोगों को सदाचार का उपदेश देने में लगाते ।
एक बार किसी मजदूर ने उन्हें नंगे पाँव विचरण करते देखकर कपड़े के जूते भेंट किए। उन्होंने उस निश्छल भक्त के जूते खुशी-खुशी स्वीकार कर लिए कुछ वर्ष बाद उनका एक भक्त नए जूते लेकर आया तथा प्रार्थना की कि पुराने जूते उतारकर उसके लाए जूते पहन लें।
स्वामीजी ने जवाब दिया, ‘इन जूतों में मुझे गरीब मजदूर के प्रेम की झलक दिखाई देती है। मैं इन्हें तब तक पहनता रहूँगा, जब तक ये पूरी तरह फट न जाएँ।’
एक बार उनके भक्त शिवरात्रि पर भंडारा कर रहे थे । स्वामीजी प्रवचन में कह रहे थे कि वही सत्कर्म सफल होता है, जिसमें गरीबों के खून-पसीने की कमाई लगती है।
अचानक उन्होंने देखा कि दरवाजे पर कुछ लोग एक वृद्धा को हाथ पकड़कर बाहर निकाल रहे हैं। स्वामीजी ने कहा, ‘माई को आदर सहित यहाँ लाओ। ‘ वृद्धा आई तथा बोली, ‘महाराज, मेरे ये दो रुपए भंडारे में लगवा दें। ये लोग नहीं ले रहे हैं। ‘
स्वामीजी ने भक्त को पास बुलाया और बोले, ‘इन दो) रुपए का नमक मंगवाकर भंडारे में लगवा दो । खून-पसीने की ईमानदारी की कमाई के नमक से भंडारा भगवान् का प्रसाद बन जाएगा।’
8. Motivational Story In Hindi – तपस्विनी की स्वदेश निष्ठा
पेशवा नारायणराव की पुत्री सुनंदा ने अपनी बुआ रानी लक्ष्मीबाई की तरह अंग्रेजों की सत्ता को चुनौती देकर निर्भीकता का परिचय दिया। सुनंदा को अंग्रेजों ने त्रिचनापल्ली की जेल में बंद कर दिया ।
वहाँ से मुक होते ही वे एकांत में भक्ति-साधना करने नैमिषारण्य जा पहुँचीं। वहाँ वे परम विरक्त संत गौरीशंकरजी के संपर्क में आईं। संतजी सत्संग के लिए आने वालों को स्वदेशी व स्वधर्म प्रेम के लिए प्रेरित करते थे। सुनंदा उनकी शिष्या बन गईं।
साध्वी सुनंदा ने साधु-संतों से संपर्क कर उन्हें स्वदेशी व स्वधर्म के लिए जन-जागरण करने के लिए तैयार किया। नैमिषारण्य में लोग ‘साध्वी तपस्विनी’ के नाम से उन्हें पुकारने लगे।
वे साधुओं की टोली के साथ गाँवों में पहुँचतीं और ग्रामीणों को विदेशी सत्ता के विरुद्ध विद्रोह की प्रेरणा देतीं। अंग्रेजों को जब साधु-संतों के इस अभियान का पता चला, तो सीतापुर के आस-पास के अनेक साधुओं को गोलियों से उड़ा दिया गया ।
तपस्विनी सुनंदा चुपचाप नेपाल जा पहुँचीं। वहाँ से गुप्त रूप से पुणे पहुँचकर उन्होंने लोकमान्य तिलक से आशीर्वाद लिया। वे स्वामी विवेकानंदजी से भी बहुत प्रभावित थीं। उन्होंने कलकत्ता में महाकाली कन्या विद्यालय की स्थापना की ।
सुनंदा ने बंग-भंग के विरोध में हुए आंदोलन में भाग लिया। 16 अगस्त, 1906 को कोलकाता में रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में हुंकार भरते हुए उन्होंने कहा, ‘यदि हम रक्षाबंधन के पवित्र दिन विदेशी वस्तुओं के पूर्ण बहिष्कार का संकल्प ले लें, तो अंग्रेजी सत्ता की जड़ें हिल जाएँगी।’
अगले ही वर्ष 1907 में राष्ट्रभक्त तपस्विनी ने कोलकाता में स्वदेशी का प्रचार करते हुए अंतिम सांस ली ।
9. Motivational Story In Hindi – शहीद की कामना
मदनलाल ढींगरा लंदन के इंडिया हाउस से जुड़े रहकर भारत की स्वाधीनता के लिए प्रयासरत थे। विनायक दामोदर सावरकर से प्रेरणा लेकर उन्होंने 1 जुलाई, 1909 को इंपीरियल इंस्टीट्यूट में आयोजित समारोह में सर कर्जन वायली पर सरेआम गोलियाँ बरसाकर उसकी हत्या कर दी।
उन्हें फाँसी की सजा सुनाई गई । मदनलाल ढींगरा ने जेल से एक वक्तव्य जारी कर निर्भीकतापूर्वक कहा था, ‘एक हिंदू होने के नाते मैं विश्वास करता हूँ कि अंग्रेजों के हाथों मेरे देश का जो अनादर और अपमान हो रहा है,
वह वास्तव में परमात्मा का अपमान है। मेरी मान्यता है कि राष्ट्र का काम राम और कृष्ण की आराधना है। एक अक्षम पुत्र होने के नाते मैं अपने रक्त के अतिरिक्त माता के पावन चरणों में और क्या अर्पित कर सकता हूँ!’
ढींगरा ने वक्तव्य के अंत में अपनी अंतिम कामना व्यक्त करते हुए कहा, ‘मैं पुनः भारत माता की गोद में जन्म लूँ और देश को स्वाधीन कराने के काम में लग जाऊँ । प्रभु से यही प्रार्थना है कि भारत के स्वतंत्र होने तक मैं बार-बार मृत्यु का वरण करूँ और पुनः जन्म लेता रहूँ । ‘
17 अगस्त, 1909 को इस भारतीय देशभक्त युवक को लंदन की पैटन विले जेल में फांसी पर चढ़ा दिया गया। उनकी इच्छा के अनुसार पूर्ण धार्मिक हिंदू विधि-विधान से उनकी अंत्येष्टि की गई। इस अनूठे राष्ट्रभक्त युवक के बलिदान की बड़ी धूम-धाम से शताब्दी मनाई गई।
10. Motivational Story In Hindi – कुत्ता मेरा ही स्वरूप था
साईं बाबा शिरडी की मसजिद में रहा करते थे। वे उसे ‘द्वारका माई’ कहा करते थे । बाबा सत्संग के लिए आने वालों से अकसर कहा करते कि प्रत्येक प्राणी भगवान् का स्वरूप है। जीव मात्र से प्रेम और दुखियों की सेवा करके ही भगवान् की कृपा प्राप्त की जा सकती है ।
एक बार साईं बाबा के प्रति अटूट श्रद्धा रखने वाली श्रीमती तर्खड़ दर्शन के लिए शिरडी आईं। दोपहर के भोजन के समय जैसे ही उन्होंने थाली से रोटी का टुकड़ा उठाया और उसे मुँह में रखने ही वाली थीं कि अचानक एक कुत्ता सामने आ खड़ा हुआ।
उसकी आवाज सुनकर उन्हें लगा कि कुत्ता भूखा है। उन्होंने रोटी का टुकड़ा मुँह में न डालकर कुत्ते के सामने डाल दिया। इतना ही नहीं, अपना पूरा भोजन उन्होंने उस कुत्ते को खिला दिया। इसके बाद वह बाबा के पास पहुँची।
साईं बाबा भक्तों को राम नाम के महत्त्व से परिचित करा रहे थे। जैसे ही बाबा की दृष्टि महिला तर्खड़ पर गई, वे बोले, ‘माँ, तुमने बड़े प्रेम से मुझे रोटी खिलाई । मेरी आत्मा तृप्त हो गई।’
महिला ने कहा, ‘बाबा, मैंने आपको भोजन कब कराया ?” बाबा बोले, ‘अरे, कुछ देर पहले तुमने जिस कुत्ते को रोटी खिलाई थी, वह मेरा ही स्वरूप था। ‘
कुछ क्षण रुककर बाबा ने कहा, ‘माँ हजारों मील चलकर शिरडी आने की कोई आवश्यकता नहीं है। किसी भी भूखे प्राणी को भोजन कराया करो, समझ लेना कि मेरा आशीर्वाद मिल गया।’ सद्गृहस्थ महिला यह सुनकर भाव-विभोर हो उठी।
11. Motivational Story In Hindi – गुरु का लाहौर
गुरु तेगबहादुरजी ने अपने पुत्र गोविंदरायजी (गुरु गोविंदसिंहजी ) को लखनऊ से आनंदपुर साहिब बुला लिया था। उन्होंने उन्हें घुड़सवारी तथा अस्त्र-शस्त्र चलाने का प्रशिक्षण दिलाया।
उन्हें समय-समय पर वे धर्म व भगवद्-भक्ति के महत्त्व से भी अवगत कराते रहे। लाहौर के खत्रीवंश के प्रतिष्ठित व्यक्ति हरजसमल अपनी पुत्री जीतो का विवाह गोविंदरायजी के साथ तय कर चुके थे।
वे लाहौर से सपरिवार आनंदपुर साहिब पहुँचे। उन्होंने जीतो की कुड़माई (सगाई) का शगुन जैसे ही गोविंदरायजी की झोली में डाला, सभी उपस्थित जन आनंदित हो उठे।
गुरु तेगबहादुरजी ने सोने की मोहरें बेटे के सिर पर वारकर लुटा दीं। उन्होंने दिल खोलकर गरीबों को दान दिया। पवित्र गुरुवाणी से समारोह गूँज उठा।
हरजसमल ने हाथ जोड़कर गुरुजी से प्रार्थना की, ‘मैंने आपके चरणों का आसरा लिया है। आप धूम-धाम से बारात लेकर लाहौर आएँ। आप जैसी दिव्य विभूति व अन्य संतों तथा बारातियों की सेवा का सौभाग्य लाहौरवासियों को प्राप्त होगा। ‘
गुरुजी ने कहा, ‘विवाह कार्य अत्यंत सादगी से यहीं होगा। हम यहीं लाहौर बसा देंगे, चिंता मत करो।’ यह सुनकर हरजसमल भाव-विभोर होकर गुरुजी के चरणों में झुक गए ।
गुरुजी के आदेश से आनंदपुर से सात मील दूर नया लाहौर बसा दिया गया। इसी नगर में 21 जून, 1677 को गोविंदरायजी का विवाह संपन्न हुआ। यह नगर ‘गुरु का लाहौर’ नाम से विख्यात है।
12. Motivational Story In Hindi – भजन से पहले भोजन
वृंदावन के एक आश्रम में संकीर्तन का कार्यक्रम चल रहा था । हरि बाबा घंटा बजाकर ‘हरिबोल – हरिबोल’ की ध्वनि के बीच मस्त होकर झूम रहे थे। विरक्त संत उड़िया बाबा स्वयं भगवत् नाम के संकीर्तन का आनंद ले रहे थे।
अचानक चार-पाँच व्यक्ति वहाँ पहुँचे। उन्हें देखते ही उड़िया बाबा समझ गए कि ये लोग बीमार और भूखे हैं। शायद कई दिनों से उन्हें भोजन प्राप्त न हुआ हो ।
उनकी दयनीय स्थिति देखकर बाबा की आँखों से आँसू निकलने लगे। वह एकाएक संकीर्तन से उठे और उन भूखे बीमार दरिद्रों को लेकर आश्रम में चले गए और एक सेवक से बोले, ‘इन सबको कमरे में बिठाकर भोजन कराओ। ‘
उन्होंने स्वयं अपने हाथों से उनको भोजन परोसा तथा प्रेम से भरपेट खिलाया। बाबा ने एक वैद्य को संकेत कर उन्हें दवा भी दिलवाई और उनके लिए वस्त्रों की व्यवस्था कराई।
हरि बाबा इस बात से हतप्रभ हो उठे थे कि उड़िया बाबा पहली बार संकीर्तन बीच में छोड़कर वहाँ से क्यों गए। उन्हें यह बहुत आश्चर्यजनक लग रहा था। वे उनके पास पहुँचे और पूछा, ‘बाबा, आपने ऐसा क्यों किया?’
उड़िया बाबा उनसे बोले, ‘भजन व संकीर्तन आदि तभी सार्थक होते हैं, जब उपस्थित लोगों में से कोई भी भूखा प्यासा न हो। ये लोग भूखे थे और मैंने इन्हें भोजन कराकर तृप्त कराया है। ‘ उड़िया बाबा उठे और पुनः संकीर्तन स्थल पर पहुँचकर संकीर्तन का आनंद लेने लगे।
13. Motivational Story In Hindi – नाम की अनूठी महत्ता
गुरु नानकदेवजी एक बार किसी तीर्थस्थल पर गए हुए थे। अनेक व्यक्ति उनके सत्संग के लिए वहाँ जुट गए । एक व्यक्ति ने हाथ जोड़कर प्रश्न किया, ‘बाबा, मुझ जैसे साधारण गृहस्थ के कल्याण का सरल उपाय बताएँ । ‘
गुरुजी ने कहा, ‘ईश्वर को हरदम याद करनेवाला और सादा व सात्त्विक जीवन जीने वाला व्यक्ति सहज ही अपना कल्याण कर लेता है। तुम प्रेम व भक्ति से भगवान् के पवित्र नाम का सुमिरण करो, उस नाम रूपी परम तत्त्व से एकरूप हो जाओ, जीवन सार्थक होते देर नहीं लगेगी। ‘
गुरु नानकदेवजी ने आगे कहा, ‘भगवान् के नाम में बड़ी अनूठी शक्ति है। उसके नाम का जाप मनुष्य के समस्त पापों और दुःखों को धोने की क्षमता रखता है।
भगवान् का नाम हर तरह के विकारों और दुर्व्यसनों को दूर करके मानव को सद्गुणों से संपन्न करता है । ईश्वर के नाम जपने से व्यक्ति वासनामुक्त हो जाता है और पुनर्जन्म के चक्कर से छुटकारा पाकर अंततः मोक्ष को प्राप्त करता है।’
आत्म कल्याण का सरल उपाय बताते हुए गुरुजी ने कहा, ‘सत्य, सद्विचार, सदाचार, प्राणियों के प्रति दया भावना, ईश्वर की स्तुति और गुणगान से मानव अपना कल्याण कर सकता है ।
इसलिए हर व्यक्ति को यह प्रार्थना करनी चाहिए कि हे प्रभु, मुझे अपनी शरण में चाहे जिस भी अवस्था में रख, तेरी शरण के अतिरिक्त मेरा कोई और आश्रय नहीं है। जो व्यक्ति भगवान् के प्रति शरणागत होता है, वही कल्याण की अनुभूति करता है। ‘
14. Motivational Story In Hindi – साधु के लक्षण
एक दिन कोलकाता के दक्षिणेश्वर मंदिर में कुछ साधु संन्यासी स्वामी रामकृष्ण परमहंस के पास सत्संग के लिए पहुँचे। एक सद्गृहस्थ स्वामीजी के सान्निध्य में रहकर पिछले काफी समय से साधना कर रहा था ।
स्वामीजी उसकी सादगी, निश्छलता और भक्ति भावना से बेहद प्रभावित थे | किसी साधु ने अचानक स्वामीजी से प्रश्न किया, ‘महाराज, सच्चा साधु कौन है? क्या साधु बनने के लिए गृहस्थ जीवन का परित्याग करना जरूरी है ??
यह प्रश्न सुनकर परमहंसजी ने अपनी बगल में बैठे हुए सफेद वस्त्रधारी उस गृहस्थ साधक की ओर संकेत करते हुए संन्यासियों से कहा, ‘इसे देखिए, यह परिवार के बीच रहते हुए भी सच्चा साधु है,
क्योंकि इसने अपना मन, प्राण और अंतरात्मा पूरी तरह ईश्वर को समर्पित कर दिए हैं। यह सदैव भगवान् का चिंतन करता है। यह बीमारों और वृद्धों में भगवान् के दर्शन कर उनकी सेवा करता है। मैं तो सदाचारी गृहस्थ को ही सबसे श्रेष्ठ संत मानता हूँ।’
परमहंसजी ने कहा, ‘साधु को कंचन और कामिनी से दूर रहना चाहिए। उसे प्रत्येक नारी में माता और बहन के दर्शन करने चाहिए। कल क्या खाऊँगा, क्या पहनूँगा – इसकी उसे तनिक भी चिंता नहीं करनी चाहिए जो साधु झाड़ फूँक करने में लग जाता है,
जो बीमारियाँ दूर करने और चमत्कार का दावा करने लगता है, उसका एक-न- एक दिन पतन अवश्य हो जाता है। घर छोड़कर साधु बनने वाले को भगवान् के भजन और सेवा परोपकार में ही रत रहना चाहिए।’
15. Motivational Story In Hindi – भय से मुक्ति का उपाय
रंभा मोहनदास करमचंद गांधी के परिवार की पुरानी सेविका थी। वह पढ़ी-लिखी नहीं थी, किंतु इतनी धार्मिक थी कि रामायण को हाथ जोड़कर और तुलसी को सिर नवाकर ही अन्न-जल ग्रहण करती थी ।
एक रात बालक गांधी को सोने से पहले डर लगा। उसे लगा कि कोई भूत-प्रेत सामने खड़ा है। डर से उन्हें रात भर नींद नहीं आई। सवेरे रंभा ने लाल-लाल आँखें देखीं, तो उन्होंने गांधी से इसके बारे में पूछा गांधी ने पूरी बात सच सच बता दी ।
रंभा बोली, ‘मेरे पास भय भगाने की अचूक दवा है। जब भी डर लगे, तो राम नाम जप लिया करो। भगवान् राम के नाम को सुनकर कोई बुरी आत्मा पास नहीं फटकती।’
गांधीजी ने यह नुसखा अपनाया, तो उन्हें लगा कि इसमें बहुत ताकत है। बाद में संत लाधा महाराज के मुख से रामकथा सुनकर उनकी राम-नाम में आस्था और सुदृढ़ हो गई। बड़े होने पर गांधीजी ने अनेक ग्रंथों का अध्ययन किया, तो वे समझ गए कि भय से पूरी तरह मुक्ति भी ठीक नहीं होती।
एक बार वर्धा में एक व्यक्ति उनसे मिलने आया। गांधीजी से उसने पूछा, ‘बापू ! पूरी तरह भयमुक्त होने के उपाय बताएँ।’
गांधीजी ने कहा, ‘मैं स्वयं सर्वथा भयमुक्त नहीं हूँ। काम क्रोध ऐसे शत्रु हैं, जिनसे भय के कारण ही बचा जा सकता है। इन्हें जीत लेने से बाहरी भय का उपद्रव अपने-आप मिट जाता है। राग-आसक्ति दूर हो, तो निर्भयता सहज प्राप्त हो जाए। ‘
16. Motivational Story In Hindi – सेवा से ही कल्याण
स्वामी रामकृष्ण परमहंस दक्षिणेश्वर मंदिर में बैठे भक्तजनों को उपदेश दे रहे थे। एक दुकानदार पत्नी सहित उनके सत्संग के लिए पहुँचा। सत्संग के बाद उसने परमहंसजी से प्रश्न किया, ‘क्या सांसारिक बंधनों में रहते हुए भगवत् कृपा प्राप्त कर जीवन सार्थक किया जा सकता है?’
स्वामीजी ने बताया, ‘संसार में भगवान् को भजने वा साधु-संन्यासी कम, गृहस्थजन अधिक होते हैं। वे सत्कर्मों और भक्ति के माध्यम से अपना जीवन सफल बनाते हैं।
अपने परिवार के प्रति सभी कर्तव्य करो, किंतु मन भगवान् में लगाए रखो। जो व्यक्ति अपने माता-पिता, पत्नी और बच्चों से प्रेम नहीं करेगा, वह भला भगवान् से कैसे प्रेम करेगा?’
परमहंसजी ने आगे कहा, ‘गृहस्थ के कर्तव्य हैं कि वह प्राणियों के प्रति दया करे, असहायों-निर्धनों और मूक पशु-पक्षियों की सेवा करे तथा भगवान् के प्रति गहरी आस्था और प्रेम रखे।
सदाचार, ईमानदारी और कर्तव्यपालन ऐसे साधन हैं, जो गृहस्थ का लोक-परलोक, दोनों सुधारने की क्षमता रखते हैं। उसे यह ध्यान रखना चाहिए कि परिवार और सांसारिक प्रपंच में वह भगवान् को न भुला दे। जीवन का असली उद्देश्य तो भगवान् की भक्ति ही है। ‘
अंत में उन्होंने कहा, ‘भगवान् को पाने के लिए सद्पुरुषों का सत्संग, सद्विवेक, विनम्रता और करुणा की भावना जरूरी है। ‘ उस व्यक्ति की जिज्ञासा का समाधान हो गया।
17. Motivational Story In Hindi – रोगी पर दया करो
गुरु नानकदेव धर्मप्रचार करते हुए उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के एक गाँव में पहुँचे। उनके साथ भाई मरदाना भी थे। गाँवे वाले संत-महात्माओं के महत्त्व अनभिज्ञ थे।
उन्होंने दोनों को रात में आश्रय देने से इनकार कर दिया। गाँव के बाहर एक कोढ़ी कुटिया में रहता था । उसे गाँव वालों ने निकाल दिया था। उसने दोनों साधुओं को जाते देखा, तो हाथ जोड़कर प्रणाम किया और उनसे अपनी कुटिया में ठहरने की गुजारिश की ।
सवेरा होते ही कोढ़ी ने गुरुजी से कहा, ‘बाबा, गाँव वाले मुझसे घृणा करते हैं। कहते हैं कि मेरे शरीर से निकल रही दुर्गंध से अन्य गाँव वालों को भी यह रोग हो जाएगा । आप बताएँ कि मेरा कल्याण कैसे हो?”
गुरुजी के मुख से सहसा निकला, ‘जीओ तपत है बारोबार, तप-तप खपै बहुत बेकार जो तन बाणी बिसर जाए, जिओ पक्का रोगी बिललाए । ‘
गुरुजी की पवित्र वाणी सुनकर कोढ़ी उनके चरणों में गिर गया और उनके आशीर्वाद से वह भला-चंगा हो गया । गाँव वालों को जब पता चला कि वे दोनों सिद्ध संत हैं, जिन्होंने कोढ़ी को स्वस्थ कर दिया है, तो वे भागते-भागते कुटिया में पहुँचे और गुरु नानकदेवजी के चरणों में गिरकर क्षमा माँगने लगे।
गुरुजी ने उन्हें उपदेश देते हुए कहा, ‘किसी भी रोगी घृणा न करके उसके प्रति दयावान बनना चाहिए।’ गुरुजी के आदेश से गाँव वालों ने धर्मशाला और सरोवरों का निर्माण कराया। आज वह जगह गुरुद्वारा ‘कोढ़ीवाला धार साहिब’ श्रद्धा का केंद्र है ।
18. Motivational Story In Hindi – संगठन का महत्त्व
स्वामी विवेकानंद धर्म प्रचार करते हुए एक रियासत में पहुँचे। उस रियासत का जागीरदार धर्म के नियमों को धता बताकर लोगों का उत्पीड़न करता था ।
प्रवचन समाप्त होने के बाद अपना यही दुःख कहने कुछ व्यक्ति स्वामीजी के पास पहुँचे। उन्होंने स्वामीजी से कहा, ‘हम धर्म के अनुसार सादा जीवन जीने का प्रयास करते हैं, लेकिन जागीरदार के लठैत हमें चैन से भगवान् की भक्ति और परिवार का पालन नहीं करने देते। हमें क्या करना चाहिए?’
स्वामीजी ने पूछा, ‘क्या जागीरदार पड़ोस के शासक से भी झगड़ा करता है?’ उन्हें बताया गया कि पड़ोस का जागीरदार उससे ज्यादा शक्तिशाली है। वह उससे डरता है।
स्वामीजी ने कहा, ‘यही तो प्रकृति का नियम है। शिकारी हिरन और अन्य कमजोर प्राणियों का ही शिकार करता है । मछुआरा निरीह मछली को ही जाल में फांसता है ।
कुछ अंधविश्वासी देवता के सामने निरीह बकरे की ही बलि देते हैं। क्या कभी किसी को शेर की बलि देते देखा है?’ कुछ क्षण रुककर स्वामीजी ने कहा, ‘आप सब भगवान् की भक्ति के साथ-साथ संगठित होकर शक्ति का संचय करें।
शरीर से बलिष्ठ बनने पर अत्याचार का विरोध करने का साहस पैदा होगा। जब कारिंदा धमकी देने आए, तो सब इकट्ठा होकर उसका मुकाबला करो । ‘
स्वामीजी की प्रेरणा से ग्रामीणों ने संगठित होकर जागीरदार का विरोध किया। विरोध की आवाज उठते ही जागीरदार के होश ठिकाने आ गए, उसने उन्हें सताना छोड़ दिया।
19. Motivational Story In Hindi – संन्यासी की क्षमा याचना
स्वामी विवेकानंद नए-नए संन्यासी बने थे। उस समय तक उन्होंने प्राणिमात्र में समान भाव से ईश्वर के दर्शन के संदेश का गंभीरता से अध्ययन नहीं किया था।
स्वामीजी युवावस्था में काफी समय तक ग्रामीण अंचलों का भ्रमण करने में लगे रहे। वे गाँवों की स्थिति का अध्ययन करने तथा लोगों को सदाचारी बनने और दुर्व्यसनों से दूर रहने का उपदेश दिया करते थे।
एक दिन भीषण गरमी में स्वामीजी एक गाँव से गुजर रहे थे। प्यास लगी, तो खेत की मेड़ पर बैठे एक व्यक्ति को लोटे से पानी पीते देखकर कहा, ‘भैया, मुझे भी थोड़ा पानी पिला दो। ‘
उस ग्रामीण ने भगवा वस्त्रधारी को देखकर सिर झुकाया तथा बोला, ‘महाराज, मैं निम्न जाति का व्यक्ति आपको अपने हाथ से पानी पिलाकर पाप मोल नहीं ले सकता।’ स्वामीजी यह सुनकर आगे बढ़ लिए।
कुछ ही क्षणों में उन्हें लगा कि मैंने साधु बनने के लिए जाति, परिवार तथा पुरानी प्रचलित गलत मान्यताओं का त्याग कर दिया, फिर आग्रह करके उस निश्छल ग्रामीण का पानी
क्यों नहीं स्वीकार किया। मेरा सोया जाति अभिमान क्यों जाग उठा? यह तो अधर्म हो गया। वे तुरंत किसान के पास लौटकर बोले, ‘भैया, मुझे क्षमा करना ।
मैंने तुम जैसे निश्छल परिश्रमी व्यक्ति के हाथों से पानी न पीकर घोर पाप किया है। निम्न जाति तो उसकी होती है, जो दुर्व्यसनी और अपराधी होता है । ‘ स्वामीजी ने उसके हाथ से लोटा लेकर पानी ग्रहण किया। बाद में वे खुलकर ऊँच-नीच की भावना पर प्रहार करते रहे।
20. Motivational Story In Hindi – अनूठी कर्मनिष्ठा
क्ली एथेंस मातृ-पितृहीन अमेरिकी युवक था। उसने एक धर्मग्रंथ से प्रेरणा लेकर संकल्प किया कि वह परिश्रम करके विद्याध्ययन करेगा, बिना कर्म किए मिले धन-संपत्ति का उपयोग कदापि नहीं करेगा और दुर्व्यसनों से दूर रहकर सदाचारी जीवन बिताएगा ।
एथेंस ने प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय में दाखिला लिया । कुछ संपन्न परिवारों के छात्र उसकी अनूठी प्रतिभा देखकर चिढ़ गए। उन्होंने षड्यंत्र रचकर न्यायाधीश से शिकायत की कि यह अनाथ लड़का अपराध करके धन अर्जित करता है,
अन्यथा रोटी और पढ़ाई का खर्च उसे कहाँ से मिलता है ? न्यायाधीश ने उससे पूछा, ‘अनाथ होने के बावजूद तुम विश्वविद्यालय की फीस, पुस्तकों व रोटी कपड़े की व्यवस्था कैसे करते हो?’
एथेंस ने विनम्रता से कहा ‘सर, दुर्व्यसनों से मुक्त होने के कारण मैं बहुत कम खर्च में रोटी-पानी का जुगाड़ करता हूँ। पढ़ने की व्यवस्था के लिए मैं एक बाग में कुछ घंटे माली का कार्य करता हूँ।
उससे मिलने वाले धन से पढ़ाई का खर्च चलाता हूँ।’ न्यायाधीश ने जाँच कराई, तो पता चला कि यह होनहार छात्र सुबह और रात को घोर परिश्रम कर धन अर्जित करता है।
न्यायाधीश ने एथेंस की लगन देखकर दया करके कुछ मुद्राएँ देने का प्रयास किया। उसने हाथ जोड़कर कहा, ‘यदि मैं ये मुद्राएँ स्वीकार कर लूँगा, तो बिना परिश्रम कुछ न लेने के संकल्प से डिगने के पाप का भागी बनूँगा।’ आगे चलकर एथेंस की गणना अमेरिका के अग्रणी बुद्धिजीवियों में हुई।
21. The Story of the Angel at the Bus Stop Motivational story in Hindi
उस शाम जब बस स्टॉप पर आमी ने शरण ली थी तब भी लगातार बारिश हो रही थी। बेंच पर भारी बैठी, वह गन्दी नाली की तरफ देखती और सोचती कि कब चीजें बदल जाएंगी। इतना गलत था, उसे लगा कि वह धीरे-धीरे अंदर कुचल रही है। ऑटो दुर्घटना के बाद भौतिक चिकित्सा केवल कुछ हफ़्ते के लिए होनी चाहिए थी।
हफ़्ते महीनों तक चले गए थे, और यद्यपि वह अब चल सकती थी, फिर भी वह अपने कदमों पर संतुलन के लिए लड़ी, और स्तब्ध कर देने वाला दर्द अभी भी सबसे अधिक रातों की नींद लूट लिया। उसके टूटे हुए कॉलरबोन ने तब भी दर्द किया, जब बारिश हुई। आज की तरह।
उसका पेट फूल गया, और उसने भोजन के बारे में सोचा। सभी दवाएं उसकी भूख को बर्बाद कर रही थीं। वह बीमार होने के कारण बहुत थक गई थी। इसलिए थक कर चूर हो गया। आमी विचार में खो गया, क्योंकि बारिश ने शामियाना छोड़ दिया।
अचानक, अमी को उसकी दृष्टि के सामने सफेद सेवा के जूते के बारे में पता था। चौंका, उसने एक नीली कमर के चारों ओर चमकदार नीली कमीज के भीतर पुदीली तान हाथों को पकड़ते हुए देखने के लिए मजबूत वर्दी पहने पैरों का पालन किया। वह उखड़ी-उखड़ी तरह की भूरी आँखों की जोड़ी में नज़र आई और महसूस किया कि एक महिला उससे बात कर रही है।
“हां सब ठीक है, मधु?” वह कह रही थी। चेतावनी के बिना, अमी आँसू में फट गया। सेकंड में, महिला ने करीब कदम रखा था, और अमी के सिर को अपनी पर्याप्त छाती पर खींच लिया, और उसे चुपचाप पास रखा। वह क्षण बीत गया, और अमी सीधे खड़े हो गए, अपने आँसुओं के माध्यम से क्षमा मांगते हुए।
“अमी, रोको,” कोमल ने कहा। “भगवान जानता है कि जब हम डूब रहे हैं, और उसके स्पर्श की आवश्यकता है। सूरज आपके लिए फिर से बाहर आएगा।” धीरे वह Amee के माथे चूमा और दूर चलने के लिए बदल गया।
“रुको!” एमी रोया, “तुम्हें मेरा नाम कैसे पता चला ?!”
“भगवान उनके सभी बच्चों को नाम, बच्चे के नाम से जानते हैं।”
जैसे ही अम्मी अचरज में पलकें झपकाते हुए बस पहुंची, उनके विचार को अवरुद्ध कर दिया। जैसे ही वह खड़ी हुई, उसने अपना सिर हिलाया, आवाज फिर से आई।
उसी क्षण जैसे टूटता हुआ सूरज। धुंध में फुटपाथ को भापते हुए, अमी ने स्पष्ट रूप से सुना, “वह जानता है कि आपको उसकी बाहों में आयोजित होने की आवश्यकता है, बस एक पल के लिए। उसके दिल की धड़कन सुनने के लिए। उसने मुझे आज आपको इसमें लपेटने के लिए भेजा।”
22. It is More Blessed to Give than to Receive Motivational story in Hindi
हमारे विश्वविद्यालयों में एक युवा, एक छात्र, एक दिन एक प्रोफेसर के साथ सैर कर रहा था, जिसे आमतौर पर छात्रों के दोस्त कहा जाता था, जो उनकी हिदायत पर इंतजार करता था।
जब वे साथ गए, तो उन्हें रास्ते में पुराने जूतों की एक जोड़ी पड़ी दिखाई दी, जो कि वे एक गरीब व्यक्ति की थीं, जो एक खेत में काम कर रहा था, और जो लगभग अपने दिन का काम पूरा कर चुका था।
छात्र ने प्रोफेसर की ओर मुड़ते हुए कहा: “आइए हम उस आदमी को एक चाल खेलते हैं: हम उसके जूते छिपाएंगे, और खुद को उन झाड़ियों के पीछे छिपाएंगे, और जब वह उन्हें नहीं पा सकता है, तो उसकी ख़ुशी को देखने का इंतज़ार करेगा।”
“मेरे युवा मित्र,” ने प्रोफेसर को जवाब दिया, “हमें अपने आप को गरीबों की कीमत पर कभी भी खुश नहीं करना चाहिए। लेकिन आप अमीर हैं और गरीब आदमी के माध्यम से अपने आप को बहुत अधिक आनंद दे सकते हैं। प्रत्येक जूते में एक सिक्का डालें, और तब हम छिपाएंगे और देखेंगे कि खोज किस तरह उसे प्रभावित करती है। ”
छात्र ने ऐसा किया, और वे दोनों खुद को झाड़ियों के पास रख दिया। गरीब आदमी ने जल्द ही अपना काम खत्म कर दिया और मैदान के उस रास्ते पर आ गया जहाँ उसने अपना कोट और जूते छोड़ दिए थे।
अपने कोट पर डालते समय उन्होंने अपना एक पैर अपने जूते में खिसकाया; लेकिन कुछ कठिन महसूस करते हुए, वह महसूस करने के लिए रुक गया कि यह क्या है, और सिक्का पाया।
उनके पराक्रम पर विस्मय और आश्चर्य देखा गया। उसने सिक्के पर टकटकी लगाई, उसे घुमाया, और बार-बार देखा। फिर उसने चारों तरफ उसे देखा, लेकिन किसी व्यक्ति को नहीं देखा गया।
उसने अब पैसे अपनी जेब में डाल लिए और दूसरे जूते पर रखने के लिए आगे बढ़ा, लेकिन दूसरे सिक्के को खोजने पर उसका आश्चर्य दोगुना हो गया।
उसकी भावनाओं ने उस पर काबू पा लिया; वह अपने घुटनों पर गिर गया, स्वर्ग में देखा और जोर से धन्यवाद दिया, जिसमें उसने अपनी पत्नी, बीमार और असहाय, और बिना रोटी के अपने बच्चों की बात की, जिन्हें समय पर इनाम, किसी अज्ञात हाथ से, नष्ट होने से बचाएगा।
छात्र वहाँ गहराई से प्रभावित हुआ, और उसकी आँखों में आँसू भर आए। “अब,” प्रोफेसर ने कहा, “यदि आप अपनी इच्छित चाल खेले तो क्या आप इससे ज्यादा खुश नहीं हैं?”
युवाओं ने जवाब दिया, “आपने मुझे एक सबक सिखाया है, जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगा। मुझे अब उन शब्दों की सच्चाई महसूस हो रही है, जिन्हें मैंने पहले कभी नहीं समझा था: ‘यह प्राप्त करने की तुलना में अधिक धन्य है।”
23. The Story of the Storm Motivational story in Hindi
एक दिन एक युवा महिला अपने पिता के साथ गाड़ी चला रही थी।
वे एक तूफान में आए, और युवती ने अपने पिता से पूछा, मुझे क्या करना चाहिए? “
उसने कहा, “गाड़ी चलाते रहो”। कारों को साइड में खींचना शुरू हो गया, तूफान खराब हो रहा था।
“मुझे क्या करना चाहिए?” युवती ने पूछा? “गाड़ी चलाते रहो,” उसके पिता ने उत्तर दिया।
कुछ फुट ऊपर, उसने देखा कि अठारह पहिए भी खींच रहे थे। उसने अपने पिता से कहा, “मुझे ऊपर खींचना चाहिए, मैं मुश्किल से आगे देख सकती हूं। यह भयानक है, और हर कोई खींच रहा है!”
उसके पिता ने उससे कहा, “हार मत मानो, बस गाड़ी चलाते रहो!”
अब तूफान बहुत भयानक था, लेकिन उसने कभी भी गाड़ी चलाना बंद नहीं किया, और जल्द ही वह थोड़ा और स्पष्ट रूप से देख सकती थी। एक-दो मील के बाद, वह फिर से सूखी जमीन पर थी, और सूरज निकल आया था।
उसके पिता ने कहा, “अब आप ऊपर खींच सकते हैं और बाहर निकल सकते हैं।”
उसने कहा, “लेकिन अब क्यों?”
उन्होंने कहा “जब आप बाहर निकलते हैं, तो उन सभी लोगों को पीछे देखें जो अभी भी तूफान में हैं और अभी भी तूफान में हैं, क्योंकि आपने कभी भी अपना तूफान नहीं छोड़ा है।
यह किसी के लिए भी एक गवाही है जो “कठिन समय” से गुजर रहा है।
सिर्फ इसलिए कि हर कोई, यहां तक कि सबसे मजबूत, भी हार मान लेता है। आपके पास नहीं है … यदि आप चलते रहेंगे, तो जल्द ही आपका तूफान खत्म हो जाएगा और सूरज आपके चेहरे पर फिर से चमक उठेगा।
24. The Story of the Garbage Truck Motivational story in Hindi
एक दिन मैं एक टैक्सी में गया और हम हवाई अड्डे के लिए रवाना हुए। हम सही लेन में गाड़ी चला रहे थे जब अचानक एक काली कार ठीक हमारे सामने पार्किंग की जगह से निकल गई।
मेरे टैक्सी ड्राइवर ने अपने ब्रेक पर पटक दिया, स्किड किया, और दूसरी कार को सिर्फ इंच तक याद किया! दूसरी कार के ड्राइवर ने अपना सिर इधर-उधर कर दिया और हम पर चिल्लाने लगा।
मेरा टैक्सी ड्राइवर बस मुस्कुराया और लड़के पर लहराया। और मेरा मतलब है, वह वास्तव में दोस्ताना था।
तो मैंने पूछा, ‘तुमने ऐसा क्यों किया? उस आदमी ने आपकी कार को लगभग बर्बाद कर दिया और हमें अस्पताल भेज दिया! तभी मेरे टैक्सी ड्राइवर ने मुझे सिखाया कि मैं अब क्या कहता हूं, ‘द लॉ ऑफ द गारबेज ट्रक’।
उन्होंने समझाया कि बहुत से लोग कचरा ट्रकों की तरह हैं। वे कचरे से भरे, निराशा से भरे, क्रोध से भरे और निराशा से भरे हुए हैं। जैसा कि उनका कचरा ढेर हो जाता है,
उन्हें इसे डंप करने के लिए जगह की आवश्यकता होती है, और कभी-कभी वे इसे आप पर डंप करेंगे। यह व्यक्तिगत रूप से नहीं लेते। बस मुस्कुराहट की लहर,
उन्हें अच्छी तरह से शुभकामनाएं, और आगे बढ़ें। उनके कचरे को न लें और इसे अन्य लोगों को काम पर, घर पर, या सड़कों पर फैला दें। लब्बोलुआब यह है कि सफल लोग कचरा ट्रकों को अपने दिन नहीं लेने देते हैं।
ज़िंदगी बहुत कम है कि सुबह उठकर पछतावा हो, इसलिए …. ‘उन लोगों से प्यार करो जो आपके साथ सही व्यवहार करते हैं। जो नहीं है उसके लिए प्रार्थना करो। ‘ जीवन दस प्रतिशत है जो आप इसे बनाते हैं और नब्बे प्रतिशत आप इसे कैसे लेते हैं।
25. The Story about The Spoon Motivational story in Hindi
एक पवित्र व्यक्ति एक दिन प्रभु के साथ वार्तालाप कर रहा था और कहा, ‘भगवान, मैं जानना चाहूंगा कि स्वर्ग और नर्क क्या हैं।
यहोवा ने पवित्र व्यक्ति को दो दरवाजों तक पहुँचाया। उसने दरवाजे में से एक खोला और पवित्र आदमी अंदर देखा। कमरे के बीच में एक बड़ी गोल मेज थी। मेज के बीच में स्टू का एक बड़ा बर्तन था, जिसमें स्वादिष्ट गंध थी और पवित्र आदमी के मुंह का पानी बना था।
मेज के चारों ओर बैठे लोग पतले और बीमार थे। वे अकालग्रस्त दिखाई दिए। वे बहुत लंबे हैंडल वाले चम्मच पकड़ रहे थे जो उनकी बाहों में जकड़े हुए थे और प्रत्येक को स्टू के बर्तन में पहुंचने और एक चम्मच लेने के लिए संभव था।
लेकिन क्योंकि हैंडल उनकी भुजाओं से अधिक लंबा था, इसलिए वे चम्मचों को अपने मुंह में वापस नहीं ला सके। उनके दुख और पीड़ा को देखकर पवित्र व्यक्ति कांप गया।
प्रभु ने कहा, ‘तुमने नर्क देखा है।’
उन्होंने बगल के कमरे में जाकर दरवाजा खोला। यह पहले वाले के समान ही था।
स्टू के बड़े बर्तन के साथ बड़ी गोल मेज थी जो पवित्र आदमी के मुंह का पानी बनाती थी। लोग एक ही लंबे समय तक चलने वाले चम्मच से लैस थे, लेकिन यहां लोग अच्छी तरह से पोषित थे और हँस रहे थे, बातें कर रहे थे।
पवित्र व्यक्ति ने कहा, ‘मुझे समझ नहीं आया।’
‘यह सरल है,’ प्रभु ने कहा। ‘इसके लिए एक कौशल की आवश्यकता होती है। आप देखें कि उन्होंने एक-दूसरे को खाना खिलाना सीखा है, जबकि लालची केवल अपने बारे में सोचते हैं।
26. The Story of the King’s Highway Motivational story in Hindi
एक बार, एक राजा ने अपने राज्य में रहने वाले लोगों के लिए एक महान राजमार्ग का निर्माण किया। इसके पूरा होने के बाद, लेकिन इसे जनता के लिए खोलने से पहले, राजा ने एक प्रतियोगिता का फैसला किया।
उन्होंने भाग लेने के लिए अपने कई विषयों को आमंत्रित किया। यह चुनौती यह देखने के लिए थी कि राजमार्ग का सबसे अच्छा सफर कौन कर सकता है, और विजेता को सोने का एक बॉक्स प्राप्त करना था।
प्रतियोगिता के दिन, सभी लोग आए। उनमें से कुछ के पास बढ़िया रथ थे, कुछ के पास यात्रा को शानदार यात्रा बनाने के लिए बढ़िया कपड़े और फैंसी भोजन था।
कुछ ने अपने स्टर्डेस्ट जूते पहने और अपने कौशल को दिखाने के लिए अपने पैरों पर राजमार्ग पर भागे। पूरे दिन उन्होंने राजमार्ग पर यात्रा की, और अंत में पहुंचने पर हर एक ने राजा को चट्टानों और मलबे के एक बड़े ढेर के बारे में शिकायत की, जो एक बिंदु पर सड़क को लगभग अवरुद्ध कर दिया गया था, और जो उनके रास्ते में आ गया उनकी यात्रा में बाधा उत्पन्न की।
दिन के अंत में, एक अकेला यात्री युद्ध के दौरान फिनिश लाइन को पार कर राजा के पास चला गया। वह थका हुआ और गंदा था, लेकिन उसने राजा को बहुत सम्मान के साथ संबोधित किया और उसे सोने की एक छोटी सी छाती सौंपी।
उन्होंने कहा, “मैं चट्टानों और मलबे के ढेर को साफ करने के रास्ते पर रुक गया था जो सड़क को अवरुद्ध कर रहा था। सोने का यह संदूक इसके नीचे था। कृपया इसे इसके सही मालिक को लौटा दें।”
राजा ने जवाब दिया, “आप सही मालिक हैं।”
“अरे नहीं,” यात्री ने कहा, “यह मेरा नहीं है। मैंने कभी भी इस तरह के पैसे को नहीं जाना है।”
“ओह हाँ,” राजा ने कहा, “आपने यह स्वर्ण अर्जित किया है, क्योंकि आपने मेरी प्रतियोगिता जीती है। वह जो सड़क पर सबसे अच्छा यात्रा करता है,
वह वह है जो उन लोगों के लिए सड़क को बेहतर बनाता है जो अनुसरण करेंगे।” जीवन की सड़क यात्रा के रूप में ज्ञान के उन शब्दों को याद रखें!
27. The Story of the Neighbor’s Window Motivational story in Hindi
एक युवा जोड़ा एक नए पड़ोस में चला गया। अगली सुबह जब वे नाश्ता कर रहे थे, तो युवती ने अपने पड़ोसी को वॉश बाहर लटकाते हुए देखा। “वह कपड़े धोने बहुत साफ नहीं है,” उसने कहा। “वह नहीं जानती कि कैसे सही तरीके से धोना है। शायद उसे बेहतर कपड़े धोने वाले साबुन की जरूरत है।”
उसके पति ने देखा लेकिन चुप रहा।
हर बार जब उसका पड़ोसी सूखने के लिए अपने कपड़े धोता था, तो युवती भी यही टिप्पणी करती थी।
लगभग एक महीने बाद, महिला को लाइन पर एक अच्छा साफ धोना देखकर आश्चर्य हुआ और उसने अपने पति से कहा, “देखो, उसने सही तरीके से धोना सीख लिया है। मुझे आश्चर्य है कि उसे यह किसने सिखाया।”
पति ने कहा, “मैं आज सुबह जल्दी उठा और हमारी खिड़कियां साफ कीं।”
कहानी का नैतिक पाठ क्या है?
और इसलिए यह जीवन के साथ है। जब हम दूसरों को देखते हैं तो हम उस खिड़की की शुद्धता पर निर्भर हो सकते हैं जिसके माध्यम से हम देखते हैं।
28. The Story of the Faithful Dog Motivational story in Hindi
एक महिला की किंवदंती है, जिसके पास एक वफादार कुत्ता था। यह कुत्ता ऐसा था
विश्वासयोग्य कि महिला अपने बच्चे को इसके साथ छोड़ सकती है और अन्य मामलों में भाग लेने के लिए बाहर जा सकती है। वह हमेशा बच्चे को कुत्ते के साथ ईमानदारी से सोते हुए खोजने के लिए वापस आ गई …
एक दिन कुछ दुखद हुआ। महिला ने हमेशा की तरह, इस वफादार कुत्ते के “हाथों” में बच्चे को छोड़ दिया और खरीदारी करने चली गई। जब वह वापस लौटी, तो उसने एक बुरा दृश्य खोजा। कुल गड़बड़ थी। बच्चे की खाट को उखाड़ दिया गया और उसके लंगोट और कपड़े पूरे बेडरूम में खून के धब्बों से छलनी हो गए जहाँ उसने बच्चे और कुत्ते को छोड़ दिया था।
चौंककर, महिला ने बच्चे की तलाश शुरू कर दी।
वर्तमान में, उसने देखा कि वफादार कुत्ता बिस्तर के नीचे से निकल रहा है। यह रक्त से ढंका था और इसके मुंह को चाट रहा था क्योंकि यह एक स्वादिष्ट भोजन समाप्त कर चुका था।
महिला निडर हो गई और यह मान लिया कि कुत्ते ने उसके बच्चे को खा लिया है। बिना ज्यादा सोचे समझे उसने कुत्ते को मौत के घाट उतार दिया। लेकिन जब उसने अपने बच्चे के “अवशेष” की खोज जारी रखी, तो उसने एक और दृश्य देखा।
बिस्तर के करीब वह बच्चा था, जो नंगे फर्श पर पड़ा था, सुरक्षित था। और बिस्तर के नीचे एक सियार का शव टुकड़ों में फटा हुआ था जो उसके और उस कुत्ते के बीच भयंकर युद्ध हुआ होगा जो अब मर चुका था।
फिर वास्तविकता ने उस महिला को मारा जो अब समझने लगी थी कि उसकी अनुपस्थिति में क्या हुआ। कुत्ते ने बच्चे को सियार के कटहल से बचाने के लिए लड़ाई लड़ी। अब उसे संशोधन करने में बहुत देर हो गई क्योंकि, उसकी अधीरता और क्रोध में उसने वफादार कुत्ते को मार डाला था। प्रशंसा और आराधना के योग्य एक कुत्ते ने अपने प्यारे प्यारे बच्चे के जीवन को बचाने के लिए संघर्ष किया और बदले में मृत्यु को प्राप्त हुआ।
कितनी बार हमने लोगों को गलत तरीके से समझा और उन्हें कठोर शब्दों के साथ और यहां तक कि स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए समय से पहले शारीरिक हमले के साथ कतराने के लिए फाड़ दिया? इसे अनुमान का पाप कहा जाता है। अनुमान लगाने का एक तरीका यह है कि वास्तव में स्थिति क्या है, इसका पता लगाने के लिए परेशानी उठाए बिना एक तरीका है। थोड़ा धैर्य बड़ी आजीवन त्रुटियों को कम कर सकता है।
विचार करने के लिए अधिक अंक:
- एक बंदरगाह में एक जहाज सुरक्षित है, लेकिन यह वह नहीं है जिसके लिए जहाज बनाए जाते हैं!
- इंटेलिजेंस अंडरवियर की तरह है। यह महत्वपूर्ण है कि आपके पास यह है, लेकिन जरूरी नहीं कि आप इसे दिखावा करें!
- यदि आपके सपने आपके भविष्य को निर्धारित करते हैं, तो अब सोने के लिए क्यों नहीं?
- जब एकमात्र उपकरण आपके पास एक हथौड़ा है, हर समस्या नाखून की तरह दिखाई देने लगती है!
- कभी भी दोनों पैरों से पानी की गहराई का परीक्षण न करें!
29. The Story of the Curtain Rods Motivational story in Hindi
उसने पहले दिन को अपने सामान को बक्से, बक्से और सूटकेस में पैक करने में बिताया। वह मनमौजी थी क्योंकि उसने उन सभी चीजों को पैक कर लिया था जो उसने और उसके पति ने अपने जीवन में एक साथ जमा किए थे। लेकिन वह किसी से छोटी थी और उसे तलाक दे दिया।
दूसरे दिन, वह मूवर्स के पास आई और अपनी चीजें इकट्ठा कीं। तीसरे दिन, वह कैंडल-लाइट द्वारा अपने खूबसूरत डाइनिंग रूम टेबल पर आखिरी बार बैठी, कुछ सॉफ्ट बैकग्राउंड म्यूजिक लगाया,
और एक पाउंड झींगा, कैवियार का जार, और शैम्पेन की एक बोतल पर दावत दी। जब उसने खाना खत्म कर लिया, तो उसने झींगा के गोले को मिलाया, कुछ कैवियार को एक पेस्ट में डाल दिया।
वह फिर हर कमरे में चली गई और मिश्रण को पर्दे की छड़ के खोखले छोरों में जमा कर दिया और पंखों को बदल दिया। उसने फिर रसोई साफ की और निकल गई।
जब पूर्व पति अपनी नई प्रेमिका के साथ लौटा, तो पहले कुछ दिनों के लिए सभी आनंदित थे। फिर धीरे-धीरे घर से बदबू आने लगी। उन्होंने सब कुछ करने की कोशिश की; जगह की सफाई,
सफाई और हवा करना … मृत कृन्तकों के लिए वेंट की जाँच की गई और कालीनों को भाप से साफ किया गया। हर जगह एयर फ्रेशनर लटकाए गए थे।
गैस कनस्तरों को बंद करने के लिए एक्सटरमिंटर्स को लाया गया था, जिसके दौरान कुछ दिनों के लिए युगल को बाहर जाना पड़ा। अंत में, उन्होंने महंगी ऊन कालीन बदलने के लिए भी भुगतान किया।
कुछ भी काम नहीं किया !!! दोस्तों और परिवार ने आना जाना बंद कर दिया। मरम्मत करने वालों ने घर में काम करने से मना कर दिया। नौकरानी को छोड़ दिया। अंत में, वे बदबू नहीं ले सकते थे और स्थानांतरित करने का फैसला किया।
एक महीने बाद, भले ही उन्होंने अपनी कीमत में आधी कटौती की, लेकिन उन्हें अपने ‘बदबूदार’ घर के लिए कोई खरीदार नहीं मिला। वर्ड बाहर हो गया और अंततः, यहां तक कि स्थानीय रियाल्टरों ने अपने कॉल वापस करने से इनकार कर दिया। अंत में, उन्हें नई जगह खरीदने के लिए बैंक से बड़ी रकम उधार लेनी पड़ी।
पूर्व पत्नी ने उस आदमी को बुलाया और पूछा कि चीजें कैसे चल रही हैं क्योंकि उसे कोई निपटान चेक नहीं मिला है। उसने उसे सड़ते घर की गाथा सुनाई।
उसने विनम्रता से कहा और कहा कि वह अपने पुराने घर को बहुत याद करती है और घर वापस पाने के बदले में अपने तलाक के निपटान को कम करने को तैयार है।
अपनी पूर्व पत्नी को पता नहीं था कि गंध कितनी बुरी थी, वह उस कीमत पर सहमत थी जो घर के लायक होने के 1/10 वें हिस्से के बारे में थी, लेकिन केवल अगर वह उस दिन कागजात पर हस्ताक्षर करना चाहती थी। वह सहमत हो गई और एक घंटे के भीतर उसके वकीलों ने कागजी कार्रवाई को अंजाम दिया।
एक हफ्ते बाद वह आदमी और उसकी प्रेमिका मुस्कुराते हुए खड़े हुए, जब उन्होंने चलती कंपनी के पैक को अपने नए घर में ले जाने के लिए सब कुछ देखा। और सिर्फ पूर्व पत्नी को उकसाने के लिए, उन्होंने सभी पर्दे की छड़ें भी लीं।
30. The Story of the Roses and Thorns Motivational story in Hindi
एक निश्चित आदमी ने एक गुलाब लगाया और उसे ईमानदारी से पानी पिलाया, और इसके खिलने से पहले, उसने इसकी जांच की। उसने कली को देखा जो जल्द ही खिल जाएगी और कांटे भी।
और उसने सोचा, “इतने तेज कांटों से भरे पौधे से कोई सुंदर फूल कैसे आ सकता है?” इस विचार से दुखी होकर, उसने गुलाब को पानी देने की उपेक्षा की और खिलने के लिए तैयार होने से पहले ही उसकी मृत्यु हो गई।
तो यह कई लोगों के साथ है। हर आत्मा के भीतर, एक गुलाब है। जन्म के समय हमारे अंदर लगाए गए ईश्वर जैसे गुण हमारे दोषों के कांटों के बीच बढ़ते हैं।
हम में से कई लोग खुद को देखते हैं और केवल कांटों, दोषों को देखते हैं। हमें निराशा होती है, यह सोचकर कि कुछ भी अच्छा नहीं हो सकता है। हम अपने भीतर के अच्छे पानी की उपेक्षा करते हैं, और आखिरकार, यह मर जाता है। हमें कभी भी अपनी क्षमता का एहसास नहीं होता है।
कुछ लोग अपने भीतर गुलाब नहीं देखते; किसी और को उन्हें दिखाना होगा। सबसे महान उपहारों में से एक जो व्यक्ति के पास है वह कांटों तक पहुंचने और दूसरों के भीतर गुलाब खोजने में सक्षम होना है।
यह प्यार की विशेषता है, किसी व्यक्ति को देखना, और उसके दोषों को जानना, उसकी आत्मा में बड़प्पन को पहचानना, और उसे यह एहसास दिलाने में मदद करना कि वह अपने दोषों को दूर कर सकता है। यदि हम उसे गुलाब दिखाते हैं, तो वह कांटों पर विजय प्राप्त करेगा।
इस दुनिया में हमारा कर्तव्य है कि हम दूसरों को उनके गुलाब दिखा कर मदद करें न कि उनके कांटे। तभी हम उस प्यार को प्राप्त कर सकते हैं जिसे हमें एक दूसरे के लिए महसूस करना चाहिए; तभी हम अपने बगीचे में खिल सकते हैं।
31. दुनिया गोल है Motivational story in Hindi of Poor Kid
ये कहानी है एक गरीब लड़के की एक ऐसा लड़का जिसके फैमिली में ज्यादा पैसा नहीं था वो स्कूल के बाद में घर घर जा कर के सामान बेचता था और उस सामान से जो पैसा इसे मिलता था उस पैसे से वो स्कूल की फीस भरता था।
ये लड़का एक दिन ऐसे ही दोपहर में निकला हुआ था सामान बेचने के लिए घर घर जा रहा था दरबाजा खाट खाटा रहा था। उसे जोर की भूख भी लग रही थी तो उसने निर्णय लिया की अब वो जिस भी घर का दरबाजा खाट खटाएगा उसे पैसे के बदले खाना मांग लेगा।
ये गया जा कर के दरवाजा खाट खटाया। जब दरवाजा खुला तो अंगदर से एक लड़की निकली लड़की को देख करके हका बका हो गया तो उसने अचानक से घबरा कर के एक गिलास पानी मांग लिया,
एक गिलास पानी मिलेगा। वो लड़की अंदर गयी किचन में जा करके सोचने लगी ये लड़का बड़ा परेशान सा हो रखा है
पसीना आ रहा है सामान लेके ढो रहा है इधर से उधर सामान बेच रहा है मुझे लगत है भूखा होगा तो उस लड़की ने एक गिलास दूध लेके आई और दूध ला कर के इस लड़के को दे दिया और उस लड़के ने दूध पीलिया धीरे धीरे और सोच रहा था ऊपर वाला अभी है अभी भी इंसानियत जिन्दा है
उपरवाले का धन्यवाद करनी चाहिए सारी अच्छी बातें इसके दिमाग में आरही थी की दूसरे की मदद करनी चाहिए। दूध पिने के बाद इस लड़के ने गिलास वापस दिया और बोलै की इसके बदलें में कितने पैसे दू तो लड़की ने कहा की पैसे क्यों दोगे,
मेरी मां हमेसा मुझे कहती है की अगर किसी की मदद करे तो पैसे नहीं लेनी चाहिए तो आप कुछ मत दीजिये तो फिर इस लड़ने ने कहा की तो आप कुछ सामान खरीद लीजिये कुछ लेना है खरीदना है
तो लड़की ने कहा की हमें कोई सामान नहीं चाहिए तो फिर इस लड़के ने कहा की तो फिर मैं आपको सिर्फ इतना कहूंगा की दिल से धन्यवाद आपने मेरी मदद की मुझे भूख लगी थी
अपने भूखे को दूध पीला दिया बहुत बहुत शुक्रिया ऐसा बोल कर के वो वहां से चल दिया और गली में जब जा रहा था तो सोच रहा था की इंसानियत अभी जिन्दा है वो लड़की मेरे लिए एक गिलास दूध लेके आ गयी मेरी मदद कर दी ऊपर वाल मदद करता है।
बहुत सारी अच्छी अच्छी बाते इसके दिमाग में चल रही थी। ये बात आयी गयी हो गयी इस लड़के ने पढ़ाई पूरी की स्कूल की पढ़ाई पूरी की कॉलेज की पढ़ाई पूरी की उसके बाद बड़े शहर में बड़ा डॉक्टर बन गया इधर ये जो लड़की थी जब वो बड़ी हो रही थी तो इसकी फैमिली की इस्तिथि बदल गयी।
इस लड़की की तबियत बिगड़ गयी वहा के लोकल डॉक्टर ने कहा इसे बड़े शहर में ले जाइये बड़े डॉक्टर को दिखाइए तो इसे ले जा कर के एक बड़े से हॉस्पिटल में भर्ती कर दिया गया।
वही हॉस्पिटल जहा ये लड़का डॉक्टर बन चूका था इस लड़के के पास में वो केस आया की इस तरीके से एक लड़की सीरियस इस्तिथि में है
बीमार है ICU में रखी गयी है इन्होने उसके बारे में पढ़ा गांव का नाम पढ़ा तो इसे याद आया की ये तो वही लड़की है। जा कर के देखा तो उसे समझ आया की ये तो वही लड़की है
इसकी तो मदद करनी चाइये इसने और एक्सपर्ट डॉक्टर को बुलाया सारी जी जान लगादी उसको ठीक करने में. अंततः उसकी तबियत धीरे धीरे ठीक होने लगी।
जब वो ठीक हो गयी तो डॉक्टर साहब ने इलाज के बाद में जो बिल जाता है उसे लिफाफे में एक छोटा सा नोट पेन से लिख कर के उसमे जोर दिया।
तो ये लिफाफा जब इस लड़की के पास में पहुँचता है जब वो ठीक हो चुकी थी तो इसने देखा की इसके पास में बिल आ चूका है तो ये घबरा गयी क्यों की ये ठीक तो हो चुकी थी
लेकिन इसके फैमिली की इस्तिथि ऐसी नहीं थी की ये अब बिल भर सके तो ये सोचने लगी की पता नहीं कितने का बिल आया होगा इसने वो लिफाफा खोला उसमे उस इलाज के बारे में सब कुछ लिखा हुआ था और साथ में एक छोटी सी पर्ची चिपका हुआ था
जिसपे पेन से कुछ लिखा हुआ था तो जब उसने ध्यान से उसे पढ़ा तो उस पर लिखा हुआ था की आपने इलाज का बिल बहुत सालों पहले एक गिलास दूध से pay कर दिया गया है
डॉक्टर साहब वहा पहुंचे उसको देख कर के इस लड़की ने भी पहचान लिया और उसने कहा आपका दिल से धन्यवाद। अपने उस दिन मुझे दिल से धन्यवाद कहा था आज मैंने आपको दिल धन्यवाद।
ये छोटी सी कहानी जिंदगी में बरी बात सिखाती है अगर आप अच्छा करतें हैं तो जिंदगी में अच्छाई घूम कर के अच्छाई अपने पास जरूर आएगी और अगर आप बुरा करते है तो वो बुराई घूम फिर के आपके पास जरूर आएगी।
32. गलत संगती Motivational story in Hindi of Friendships
ये कहानी है मनीष नाम के लड़के की जो माध्यम वार्गिये परिवार में पैदा हुआ जो 12 क्लास तक टॉप करता जा रहा था। कमाल का बच्चा पढ़ने लिखें में सबसे आगे फॅमिली को उस पर गरब था।
फॅमिली को लगता था की ये बचा जब बड़ा हो जाएगा तो कुछ कमाल करेगा हम लोगों की जिंदगी बदल देगा हमारी फॅमिली में खुशियां आ जाएगी सब कुछ बदल देगा सिर्फ और सिर्फ ये लड़का।
लेकिन वे लड़का जब 12 क्लास पास कर के कॉलेज में गया तो उसकी लाइफ बदल गयी उसके आस पास ऐसे दोस्त आ गये जिन्होंने उसे बिगड़ के रखा दिया देर रात तक पार्टी चलने लगी घर वालों से झूट बोल कर के पैसा मंगाने लगा।
घर वालों को समझ में आ रहा था उन्होंने एक दिन उसे समझाने की कोसिस की लेकिन मनीष ने घर वालों को डाट दिया की आप मुझे ज्ञान मत दीजिये मुझे सब कुछ मालूम है और आपकी ज्ञान से बात नहीं बनेगी आप सांत रहिये मैं अपनी जिंदगी सही से जी लूंगा।
घर वालो ने कुछ नहीं बोला। एक साल के बाद में जब रिजल्ट आया तो मनीष एक सब्जेट में फ़ैल हो गया और जहा ये फ़ैल होने वाली बात आई वही ये बात इसके ईगो को हर्ट कर गयी की जो लड़का 12 तक टॉप करता आ रहा था
वो कॉलेज में जाते ही फ़ैल कैसे हो सकता है और ये जो फ़ैल होने वाली बात थी इसके मन में इसके दिमाग में इतना घर कर गयी की ये घर में बंद हो गया एक कमरें में रहने लग गया घर वालो से बात करना बंद कर दिया दोस्तों के फ़ोन उठाना बंद कर दिया यहाँ तक की बहार आना जाना बंद कर दिया।
मनीष धीरे धीरे डिप्रेशन का सीकर हो रहा था। उसे लग रहा था की उसकी लाइफ में यही पे ब्रेक लग जाएगा सब कुछ ख़त्म हो जाएगा।
मनीष जिस स्कूल में पढ़ता था जहा से 12 पास की थी वहा के प्रिंसिपल को ये बात जब मालूम चली तो उन्होंने मनीष को अपने से मिलने के लिए बुलाया डिनर पे बुलाया वो इनविटेशन ये मना नहीं कर सकता था उसे मानना ही था की नेउता आया था।
प्रिंसिपल के पास जाना था तो मनीष पंहुचा साम में और इसने देखा की प्रिंसिपल साहब बगीचे में बैठे हुए थे अंगेठी पे हाथ ताप रहे थे शर्दी का माहौल था ये भी जा कर के वह बैठ गया सर ने पूछा क्या हल चल है बेटा तो मनीष ने कुछ नहीं बोला 10-15 मिनट तक उन्दोनो के बिच में बात चित नहीं हुई तो प्रिंसिपल साहब ने सोचा की क्या अलग किया जाए।
उन्होंने अंगेठी में एक एक कोइले का टुकड़ा जल रहा था और धधक के हुए टुकड़े को मिटी में फैक दिया जैसे ही उसे मिटी में फेका थोड़ी देर तो धधका और उसके बाद बुझ गया।
तब मनीष ने बोला ये आपने क्या किया जो कोइले का टुकड़ा अग्नि में धधक रहा था हमें गर्मी दे रहा था उसे बहार मिटी में फेक दिया बर्बाद कर दिया,
तो प्रिंसिपल ने कहा की बर्बाद कहा कर दिया कोनसी बरी बात हुई वापस इसको ठीक कर देते हैं। उन्होंने उस कोइले के टुकड़े को उठाया उस मिटी से और वापस से उसे अंगेठी में डाल दिया वापस से वो थोड़ी देर बाद धधकने लगा गर्मी देने लगा तो प्रिंसिपल ने कहा बेटा कुछ समझ में आया मनीष ने कहा नहीं तो फिर प्रिंसिपल ने कहा बेटे मैंने तुम्हे यही समझने के लिए यहाँ बुला रहा था।
ये जो कोइले का टुकड़ा है ये तुम हो , तुम जब अंगेठी से हबर आए गलत संगति में गए मिटी में गए तो बुझ गए लेकिन वापस से आ कर के जल सकते हो लेकिन शर्त ये है की अब अंगेठी में वापस आना होगा अपनी लाइफस्टाइल बदलनी होगी अपने दोस्त बदलने होंगे बस इतनी सी बात तुम्हे समझाने के लिए यह बुलाना चाहता था मनीष को सारी बात समझ में आगयी उसकी लाइफ बदल गयी।
33. जो है उस में खुशियां ढूंढो Motivational story in Hindi of Happiness
ये कहानी है एक ऐसे व्यक्ति की जो ऑफिस में काम किया करता था। ऑफिस के काम के प्रेस्सेर की वजह से बहुत परेशान रहा करता था की इतना सारा काम है बॉस की डांट सुने को मिलती है
वही जो गुस्सा था ऑफिस का घर आकर के बच्चों पे निकालता था बीवी पे निकलता था घर में झगड़ा करता था। उसे लग रहा था की उसकी लाइफ का होना न होना बराबर है।
जब कोई दोस्तों के कॉल आते थे तो कॉल कट कर देता था रिश्तेदारों के आते थे गुस्सा करने लगता था। एकदिन ये अपने घर में ऐसे ही बैठा हुआ था
उसका बच्चा इसके पास में आया और आकर के बोला की पापा मेरी मदद कर दीजिये मुझे होम वर्क करवा दीजिये तो फिर इसने अपने बच्चे को डाट दिया डाट कर के भगा दिया की जाओ यहाँ से मैं होम वर्क करने के लिए बैठा हु यहाँ पे।
थोड़ी देर के बाद में जब इसका गुस्सा ठंडा हुआ तो इसको लगा की जाकर के एक बार बच्चे की मदद करनी चाहिए उसका होम वर्क करवाना चाहिए तो ये उस बच्चे के कमरे में गया तो देखा बैठा की वो सो चूका था
बच्चे ने होम वर्क की कॉपी उसने अपने सर पे रखी हुई थी होम वर्क करते करते ही सो गया था इसने कॉपी उठाया और इसको लगा की इस कॉपी को निचे रखा देतें है ताकि बच्चा आराम से सो सके लेकिन जैसे ही ये कॉपी निचे रखने वाला था
इसने पढ़ा की इसमें लिखा क्या हुआ है इसको लगा की एक बार पढ़ लेते हैं बच्चा काम क्या कर रहा था ऐसा जिसमे इसको मदद चाहिए थी तो जो होम वर्क था उसका शिरस्क था “
वो काम जो हमें शुरू में अच्छे नहीं लगते लेकिन बाद में धीरे धीरे धीरे अच्छे लगने लगतें हैं” इस शिरस्क पे बच्चे को एक निबंध लिखना था बच्चे ने एक पेराग्राफ लिख दिता था तो इसने पढ़ना शुरू किया बच्चे ने सबसे पहले लिखा था
थैंक यू सो मच फाइनल एग्जाम का जो शुरू में हमें बुरे लगते लेकिन उनकी वजह से बाद में गर्मियों की छुटियाँ आ जाती हैं, थैंक यू सो मच उन बेस्वाद कर्वी लगने वाली दवाइयों का जो शुरू में तो बिलकुल अच्छी नहीं लगती लेकिन बाद में उनकी वजह से हम सब कोई ठीक हो जातें हैं
फिर उस बच्चे ने आगे लिखा थैंक यू सो मच उस अलार्म क्लॉक का जो सुबह सुबह हमें जगा देती है हमें अच्छा नहीं लगता लेकिन उसकी वजह से जब हम जाग जाते तो हमें मालूम चलता है की हम जिन्दा है,
थैंक यू सो मच ऊपर वाले का भगवन को उस बच्चे ने धन्यावद कहा की आपकी वजह से मेरे पापा मेरी जिंदगी में आएं , मेरे पापा शुरू में तो मुझे डाटते है मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगता लेकिन बाद में मुझे घूमने के लिए ले जातें हैं
अच्छा अच्छा खाना खिलतें हैं खिलोने दिलाते हैं तो ऊपर वाले आपका धन्यवाद की आपने मेरे पापा को मेरी लाइफ में भेजा क्यों की मेरे एक दोस्त तो पापा ही नहीं हैं।
ये जो आखरी की लाइन थी इस लाइन ने इस आदमी को झंझोर दिया अंदर तक हिला कर के रख दिया ये नींद से जग गया और इसको लगा की इसकी लाइफ में क्या कुछ है जो ये होते हुए भी मिस कर रहा है
उस बच्चे के निबंद को कॉपी करते हुए ये बरबराने लगा बोलने लगा हे ऊपर वाले थैंक यू सो मच आपकी वजह से मेरे पास में घर है कइयों के पास तो घर भी नहीं क्या हुआ अगर मैं EMI चूका रहा हु
तो इसके बाद उसने बोला थैंक यू सो मच ऊपर वाले आपकी वजह से मेरे पास में परिवार है कइयों के पास तो परिवार भी नहीं होता वो दुनिया में अकेले होतें हैं
इस आदमी ने बोलाथैंक यू सो मच ऊपर वाले आपकी वजह से मेरे पास ऑफिस है वर्क है वर्क प्रेशर है थोड़ा प्रेशर है मेरे पास में जॉब तो है कइयों के पास तो जॉब होती ही नहीं हैं, हे ऊपर थैंक यू सो मच इस लाइफ के लिए जो आपने मुझे दी। छोटी सी कहानी बहुत बड़ा पॉजिटिव का मांत्र देती है जिंदगी में जो मिला है उसमे खुशियां ढूंढिए।
34. मेहनत का फल Motivational story in Hindi of Hard Work
ये कहानी है एक बुजुर्ग दम्पति की एक बुजुर्ग कपल जो इंडिया में रहता था एक शहर में सरहद में जहा नई नई मोहले बन रही होती है जहा मुश्किल से 4 5 माकन इनके मोहले में थे हमेसा इन्हे सुरक्षा का डर रहता था।
इनका बेटा इन्हे छोर कर के विदेश बस गया था अपने बीवी के साथ में क्यों की उसकी बीवी नहीं चाहती थी की वो इंडिया में शास शासुर की मदद करे।
बुजुर्ग कपल जिस मोहले में रहते थे वहां इन्हे हमेसा डर रहता था की कोई घटना न हो जाए इस लिए ज्यादा तर घर से बहार नहीं निकलते थे लेकिन फिर भी रूटीन था हर सुबह सूरज निकने के बाद टहलने के लिए निकल जाते थे दोनों पति पत्नी घूम कर के घर आते थे चाय पिते थे अपना रूटीन फॉलो करते थे।
एक दिन ऐसे ही निकले हुए थे घूमने के लिए तो उन्होंने देखा की एक लड़का तेजी से साइकिल चलता हुआ जा रहा है और उसके साइकिल के पीछे फावड़ा बंधा हुआ था इन्होने ज्यादा धयान नहीं दिया,
वही दूसरे दिन फिर से उसी टाइम पे वो लड़का देखा तीसरे दिन फिर से देखा चौथे दिन फिर से दिखा तो पाचवे दिन आंटी जी ने ऑनक्ल जी से पूछ ही लिया मुझे लगता है
की कुछ तो गर्बर है क्यों न हम पता करें कही ये लड़का गलत काम तो करने नहीं जा रहा है तो ऑनक्ल ने कहा क्या मतलब है छोरो ना लेकिन बीवी की डिमांड थी वो बोल रही थी की हमें चेक करना चाहिए हो सकता है
की हमरे मोहले में कोई गर्बर हो रही हो तो ऑनक्ल जी टाल नहीं सके तो अगले दिन ऑनक्ल जी ने निर्णय लिया की हम दोनों साथ में चलेंगे और इस साइकिल वाले का पीछा करेंगे की ये जा कहा रहा है ,
तो साइकिल वाला फिर से वापस आया फावड़ा पीछे बंधा हुआ था तेजी से लड़का उसके पीछे पीछे ये कपल भी जाने लगें तो थोड़ी दूर गए तो देखा की उस लड़के ने साइकिल खरी कर दी है एक बरे से पेड़ के पास।
पास में खाली सी जमीं थी जिसे वो लड़का खोदने लग गया ये दोनों कुछ देर देखने लगें की कर क्या रहा है कही कुछ गर्बर तो नहीं है लेकिन लड़का जमीं खोदे जा रहा था खोदे जा रहा था
फाइनली इन्होने हिमत कर के पूछ बहिया एक बात बताओ आप क्यों खोद रहे हो तो उस लड़के ने कहा की ऑनक्ल जी मैं आपको रोज़ देखता हु आप दोनों घूमने के लिए निकलते हैं आपको मुझसे घबराने की डरने ने की ज़रुरत नहीं है
और यहाँ जमीं इस लिए खोद रहा हु क्यों की मेरी नई नई नौकरी लगी है तो इन्होने ने पूछा की कहा नौकरी लगी है ऐसा कोनसा काम है जिमे जमीं खोदना है तो उस लड़के ने कहा की बरे दिन से बेरोजगार था
अब जा कर के मुझे फार्म हाउस में काम मिला है और उन्हें ऐसे लड़के की जरुरत है जिसे खेतो में काम करने का अनुभव हो मेरे पास में कोई भी अनुभव नहीं है इस लिए रोजाना मैं यह फावड़ा ले आता हु ज़मीं कोरने की प्रयास करता हु ताकि जैसे ही वह नौकरी पर शुरू हो उसके बाद मुझे नौकरी से निकल न जाए इस लिए रोज़ना मेहनत करता हु।
उस लड़के की बात सुने के बाद में ये जो बुजुर्ग कपल थे इन्होने उन्हें आशीर्वाद दिया और कहा प्रयास ही जिन्दगी में सब कुछ है।
35. नए सपने Motivational story in Hindi of Dreams
ये कहानी आपको सिखाएगी अगर जिंदगी में आप का भी कभी सपना टुटा है तो वापसी कैसे करनी है जिंदगी में नया सपना कैसे देखना है उसको पूरा कैसे करना है।
स्पेन का एक 10 साल का लड़का जिसका ये सपना था की वो फुटबॉलर बना चाहता था उसने अपने पेरेंट्स को जाकर के बताया की पापा देखना एक दिन मैं स्पेन का नंबर वन फुटबॉलर बनूँगा नंबर वन गोआल कीपर बनूंगा क्यों की उसे गोआल कीपिंग बहुत पसंद थी।
उसने अपने पेरेंट्स को बताया पेरेंट्स ने उस पे भरोसा किया उसके मम्मी पापा ने उसके लिए कोचिंग लगवा दी वो फुटबॉल के मैदान में जाने लगा कोच साहब से मिलने लगा कोच को बोलने लगा देखना एक दिन मैं स्पेन का बहुत बड़ा फुटबॉलर बनूँगा ।
जो हमरे यहाँ का बहुत बारे क्लब है real madrid वहा से गोआल कीपिंग करूँगा तो कोच ने देखा की उसका जो स्टूडेंट खेलने के लिए आया है सिखने के लिए आया है उसके आँखों में चमक है उसका सपना है कोच ने भी पूरी शिदत के साथ
उसको सिखाया उसको तैयार किया वो 10 साल का लड़का कब 20 साल का हो गया मालूम नहीं चला और इन 10 सालो में इसने कमाल की परफॉर्मेंस दी कमाल की गेम्स खेलें एक ऐसा दिन आने वाला था की उसे real madrid वाले उसे अपने में शामिल करने वाले थे
लेकिन उस दिन के आने से पहले ही एक वो शाम में अपने दोस्तों के साथ में घूम रहा था कार में था तभी उसकी कार का एक्सीडेंट हो गया इतना भयानक हादसा हुआ की लड़का हॉस्पिटल पहुंच गया और फिर डॉक्टर ने इसके पेरेंट्स को बताया की आपके बच्चे के कमर के निचे के हिसे को पैरालिसिस हो चूका है
लकवा मार गया है और आप का बच्चा अब कभी भी चल नहीं पाएगा फिर नहीं पाएगा फुटबॉल खेलना तो बहुत दूर की बात है। इस बच्चे के पेरेंट्स के आखों में आँशु थे इन्हे समझ में नहीं आरहा था की उनके बच्चे का इतना बड़ा सपा टूट गया था।
उन्हों ने जा कर के अपने बच्चे से बात की उसे समझाया की बेटा अब आपके आने वाली जिंदगी बड़ी मुश्किल होने वाली है। इस लड़के के जब मालूम चला तो ये हिल चूका था इसके लिए इसके सारे सपने टूट गए थे उदास था मायूस था
समझ नहीं पा रहा था की क्या होगा आगे 18 महीने तक ये लड़का हॉस्पिटल तक था आप सोचिये की जो 18 महीने हॉस्पिटल में रहेगा तो उसके दिमाग में क्या क्या चलता रहेगा कितने सारे नकारात्मक विचार आएँगे इसके साथ भी यही हो रहा था
लेकिन इसने हर नहीं मानी इसे लग रहा था की इसे लाइफ में सकारात्मक विचार के साथ वापसी करनी है तो इस लड़के ने जो उसको खली समय इसे हॉस्पिटल में मिला था उसका सही उपयोग करना शुर किया।
गाने लिखना शुरू किया कविताएं लिखना शुरू किया इसे लिखने का शोख था लिखता चला गया धुन बनता चला गया उन्हें गुण गुनाने लगा इसका जो दिमाग था
वो फुटबॉल से हट कर के म्यूजिक की तरफ आने लगा इसे लगने लगा की इसे अब म्यूजिक में कुछ करना है आप सोचिये वो लड़का जो अभी हॉस्पिटल में है वो अब नया सपना देख रहा है आपको यकीन नहीं होगा 5 साल के बाद में इसका एक गाना आता है जो की पॉपुलर हो जाता है
वो गाना है लाइफ गोज ऑन दी सेम और ये लड़का स्पेन का बहुत पॉपुलर सिंगर बन जाता है इनका नाम है जुलिवैलेसिअस इनकी सच्ची कहानी मैं आपके साथ शेयर की है
इनकी अब तक 30 करोड़ से ज्यादा एल्बम बिक चुके है कई भाषाओँ में गाने गए हैं और ये हमें बताते है की अगर लाइफ में एक सपना टूट जाता है , तो जुलिवैलेसिअस से सीखिए नया सपना देखना शुरू कीजिये और उस नए सपने के लिए मेहनत करना शुरू कीजिये।
36. माता पिता की अहमियत Motivational story in Hindi on Importance of Parents
एक कहानी है आशीष नाम के आदमी की जिसके शादी हो गयी थी दो बच्चे भी थे जिसके फैमली में सब कुछ अच्छा चल रहा था उसके घर में कही कोई कमी नहीं थी एक बड़ा सा घर था गाड़ी थी एक लौता संतान था।
उसके मम्मी पापा बरे शांत शोभाव के थे नेक दिल इंसान लेकिन एक दिन सब कुछ बदल गया आशीष की माँ का देहांत हो गया और एक महीने के बाद ही आशीष ने अपने पिता से लड़ाई करली उसने अपने पापा से बोला की पापा जी
आपकी वजह से बहुत दिकत हो रही है बहु को जो मेरी बीवी है उसे बड़ी परेशानी होती है दिन भर इसे कल्चरल वैल्यूज फॉलो करनी परती है शारी पेहेन कर के काम करना परता है ये मॉडर्न बना चाहती है
लेकिन बन नहीं पा रही है तो पापा आप से एक रिक्वेस्ट है आप अपने घर में जो निचे गराज है उसमे शिफ्ट हो जाओ। इस लड़के ने अपने पिता को अपने ही घर में निचे गराज में शिफ्ट कर दिया।
इसके पापा कुछ नहीं बोले , बिना कुछ बोले चुप चाप अपने सामान ले कर के गराज में शिफ्ट हो गए 15 दिन के बाद में ये ऑनक्ल जी ऊपर आते है सीडी चढ़ कर के डोर बेल्ल बजाते हैं आशीष बहार निकलता है
अपने पापा को देख कर के चउक जाता है इसे लगता है की अब लड़ाई होने वाली है लेकिन ऑनक्ल जी लड़ाई नहीं करते बल्कि उनके हाथ में कुछ वाउचर्स होते हैं आशीष को देते है और बोलते है की बीटा ये 10 दिन की फॉरेन ट्रिप के वाउचर्स हैं
मैंने आपके लिए आपकी पत्नी ले लिए आपके फॅमिली के लिए बच्चो के लिए आप के लिए ले कर के आया हु आपके लिए सरप्राइज है जाओ घूम कर के आओ वैसे भी तुम्हारी मम्मी के जाने के बाद तुम उदाश रहते हो मुझे लगता है
की तुम बारे परेशान रहते हो तुम्हारा मन हल्का हो जाएगा बच्चो को अच्छा लगेगा जाओ घूम कर के आओ तो 10 दिन के लिए ऑनक्ल जी अपने बच्चों को फॉरेन ट्रिप पे भेज देते हैं और उसके बाद ऑनक्ल जी असली खेल करते हैं
जिस माकन में आशीष रेह रहा था उस 6 करोड़ क्र माकन को 3 करोड़ में बेच कर के अपने लिए एक छोटा सा घर ले लेते है और आशीष का सारा सामान एक किराए पे माकन लेते है और शिफ्ट करवा देतें हैं।
आशीष जब 10 दिन के घूम कर के वापस अपने घर आता है तो उसके घर के दरवाजे पे एक बड़ा सा ताला लगा होता है और बाहर एक गार्ड बैठा हुआ होता है तो आशीष बोलता है
ये ताला किसने लगाया मेरे पापा कहा गए तो गार्ड ने बोला क्यों परेशान हो रहे हो मुझे बोल कर के गए है बात करवा देना तो आशीष बोलता है तुम क्या बात करवाओगे मैं बात करता हु तो कॉल लगता है कॉल नहीं लगता है
तो गार्ड बोलता है साहब ये नंबर नहीं लगेगा साहब मुझे दूसरा नंबर लिखवा कर के गए हैं गार्ड जाता है अंदर अपने केबिन में एक छोटी सी पर्ची पे नंबर होता है कॉल करता है और आशीष को उसके पिता से बात करवाता है
तो जब आशीष बात करता है तो बोलता है पापा ये क्या तरीका है यहाँ पे ताला लगा हुआ है ये च्चे कहा खरे होंगे हम बरे परेशान हो रहे हैं तो उसके बाद उसके पिता बोलते है
अच्छा बेटे तुम बस 15 मिनट रुकना मैं आरहा हु 15 मिनट के बाद एक गाड़ी आती है गाड़ी में से ऑनक्ल जी उतरते है ऑनक्ल जी जा कर के बोलते है बेटा ये पकरो चाभी इस माकन में तुम्हारा सरा सामान शिफ्ट करवा दिया है
एक साल का किराया दे दिया है अब तुम्हारी पत्नी को जैसे तुम्हे रखना है रखो मुझे परेशान मत करो तो आशीष पूछता है की पापा आप कहा रहेंगे तो ऑनक्ल जी बोलते है बेटा मैंने तो अपने लिए एक छोटा घर खरीद लिया है
मैं उसमे खुश हु आप तुम्हे जैसे रहना रहो। छोटी सी कहानी बहुत बरी बात सिखाती है लाइफ में पेरेंट्स की हमेसा कदर करना इसे पहल की पेरेंट्स आपकी कदर करना बंद करदे और वैसे भी पेरेंट्स आपका कदर करना कभी भी बंद नहीं करेंगे इस लिए उन्हें कभी भी उन्हें दुखी मत करना।
37. जब खुद की जान पर बन आती है Best Motivational story in Hindi
ये कहानी है एक बादशाह की जिसे अपने कुत्ते से बहुत प्यार था वो शाही अंदाज में रहता था उस राज्य में लोग कहते थे की कास हम बादशाह के कुत्ते होते तो हमरी जिंदगी थोड़ी ठीक होती। बादशाह अपनी प्रजा पर कम ध्यान देता था
वो अपना सारा ध्यान अपना सारा खर्चा अपने कुत्ते पे करता था। इतनी महोबत अपने कुत्ते से थी कुछ लोग मिसाल दिया करते थे जानवरो से प्रेम करना हो तो बादशाह से शिखिये। बादशाह जहा भी जाते थे
जिस भी मीटिंग में जाते थे पोलिटिकल मीटिंग हो या प्रजा के सामने मीटिंग हो हर जगह अपने कुत्ते को साथ में रखते थे दरबार में भी वो बैठा करता था। एक बार उन्हें किसी दूसरे राज्य के राजा से मिलने के लिए जाना था समुंदरी रास्ता था
राजा जब नाव में सवार हुए तो बादशाह के साथ कुछ सैनिक थे कुछ मंत्री थे और उनके अलावा कुछ यात्री भी उस नाव में बैठे हुए थे। अब बादशाह जहा जाते थे वो कुत्ता भी जाता था तो वो कुत्ता भी नावँ में बैठा था।
ये उस कुत्ते के लिए पहला सफर था जब वो समुंदरी रास्ता तै कर रहा रहा था नावं में बैठा था। वो कुत्ता बादशाह के साथ था जैसे ही नावं रवाना हुई तो पानी में जब नाव चलती है
तो उसे जो हलचल होती है उसे कुत्ता बेचैनी महसूस करेने लगा वो असहज महसूस कर इधर से उधर उछाले मार रहा था उछाल कूद कर रहा था
इधर से उधर जा रहा था तो जो बाकि यात्री थे उनको भी डर लग रहा था। हर कोई कुत्तो के साथ कम्फर्टेबले नहीं होता तो उनको लग रहा था की कहा बादशाह इसे अपने साथ लेके आगये,
और उस कुत्ते के उछाल कूद करने की वजह से नावं में बरी चिंता हो रही थी की कही नावं पलट न जाए कही कोई यात्री पलट न जाए कही कोई दीकत न हो जाए।
हर कोई ये चाह रहा था की खास ये बात बादशाह समझले लेकिन बादशाह को सुरु सुरु में बहुत अच्छा लग रहे था की वाह हमारा कुत्ता कितना प्यारा हैं खेल कूद रहा है।
थोड़ी देर के बाद में ये चीजे उन्हें भी परेसान करने लगी उन्हें लगने लगा की कही कोई खतरा न हो जाए।
इस कुत्ते के बार बार उछलने कूदने की वजह से कही नावं न पलट जाए लेकिन वो कैसे समझाए उस कुत्ते को वो तो उनके दिल के बहुत करीब था।
वो जो यात्री बैठे हुए थे उन में से एक दार्शनिक बैठा हुआ था उस दार्शनिक ने सोचा और हिमत कर के बादशाह के पास गए और बोलै गुश्ताकी माफ़ हुजूर
लेकिन हमें कुछ न कुछ करना होगा वरना ये जो आपका प्यारा कुत्ता है हम सब को मुसीबत में दाल देगा ये नावं पलट जाएगी।
बादशाह ने कहा ठीक है आप क्या करना चाहते है आपको जो समझ में आ रहा है वो कर लीजिये मेरी तरफ से आपको इजाज़त है।
वो दार्शनिक गया और जो उसके पास में जो साथी बैठे हुए थे उन में से जो दो साथी बैठे हुए थे उसे बोले आओ मेरे साथ एक काम करना है
उन तीनो में मिल कर उस कुत्ते को पकड़ा और समुद्र में फैक दिया और जैसे ही वो कुत्ता समुद्र में गिरा उसकी जान पर बन आई उसे समझ नहीं आया क्या करे वो तड़पता हुआ नावं को पकर लिया
उसने थोड़ी देर वो नावं को पकर के साथ में चलता रहा उसके बाद में दार्शनिक जो था उसने अपने साथियो से कहा अब इसे वापस उठा कर के नाव में ले आते हैं
वापस से उन तीनो ने उस कुत्ते को उठा कर के नावं में बैठा दिया वो जा शाही कुत्ता था बादशाह का जो बहुत प्यारा था जो उछाल कूद रहा था वो चुप चाप से जा कर के एक कोने में बैठा गया
बादशाह को समझ नहीं आया यात्रियों को भी समझ नहीं आया ये क्या हो गया अचानक से इसकी उछाल खुद बंद हो गयी तो बादशाह पूछा उस दार्शनिक से ये क्या किया जो इतना उछल कूद रहा था अचानक से पालतू बकरी बन गया है
तो दार्शनिक ने कहा बादशाह बहुत ही सीधी बात है जिंदगी में जब तक खुद पे कोई विपत्ति नहीं आती तब तक हमें दूसरे की परेशानिया दूसरे की परिस्थिति समझ नहीं आती जब खुद की जान पर बन आती है
तो दूसरे की परिस्तिति अपने आप समझ जाते हैं। सामने वाले की जिंदगी में क्या चल रहा है किन वजहों से चल रहा है आप और हम कुछ नहीं जानते सामने वाले की जिंदगी पे कमेंट करने से पहले 10 बार 12 बार सोचियेगा ये कहना बारे आसान होता है
की लास्ट बॉल पे सिक्स लग सकता लेकिन मैदान में जा करके उस गेंद का सामना करना जो 140km/h की गति से आती है वो एक अलग कहानी होती है इसलिए आप कोशिश कीजियेगा दुवारो पे कुछ कहने से बचें अपनी इस्तिति अपनी जिंदगी अच्छी करें।
38. ज़िन्दगी में अगर आपको भी लक्ष्य मालूम नहीं है New Motivational story in Hindi
ये कहानी है एक ऐसे व्यक्ति की जो ट्रैन से सफर किया करते थे अपने दफ़्दर ये आते थे और जाते थे और ट्रैन की सफर से कुछ न कुछ सीखते थे
और घर जा कर के dairy में लिखते थे की आज मैंने ट्रैन की सफर में ये सीखा रोजाना का ये उनका रूटीन था
एक दिन वो अपने ऑफिस के लिए निखले ट्रैन में जा कर के बैठे ट्रैन रवाना हुए उनके ठीक सामने वाली सीट पे एक फॅमिली बैठी हुई थी बच्चे खिल खिला रहे थे बाते वाते चल रही थी,
तभी वहा से एक पानी बेचने वाला लड़का निकला पानी बेचते हुए लड़का निकल रहा था ज़ोर ज़ोर से आवाजे दे रहा था इनके सामने वाली सीट पे जो फॅमिली बैठी हुई थी
उसमे एक भाई साहब थे उन्हों पूछा बेटा पानी की बॉटल कितने की दी तो उस लड़के ने बोला भैया 20 rs की बोतल है तो इन्होने बोला की ये 15 की बोतल दो ये 20 rs में क्या बेच रहे हो 15rs में दो
तो बताओ वो जो पानी बेच रहा था लड़का वो सिर्फ मुस्कुराया कुछ नहीं बोला चुप चाप आगे बढ़ गया ये जो भाई साहब सामने की सीट पे बैठे हुए थे
जो की रोजाना लिखते थे की आज क्या सीखा इनको लगा अंदर से जिज्ञासा हुई भाई क्या मतब आज सीखा है ? ये फटा फट उस लड़के के पीछे गए की
ये आज मुझे ये कुछ बढ़िया सा सिख दे देगा की क्या करना चाहिए लाइफ में मुस्कुरा के कैसे चलागया ज़िद बहस नहीं की।
वो उस लड़के के पीछे पीछे निकल लिए वो लड़का इस कोच से दूसरे कोच आगे बढ़ चूका था पानी बेचते बेचते उसे जा कर के रोका और पूछा भाई एक बात बताओ मैं तुमसे कुछ पूछना चाह रहा हु तुम अभी मेरे कोच में थे वहा पे एक फॅमिली थी
याद आया ये बाँदा तुमसे बोल रहा था की 15 की बोतल दो 20 की क्यों दे रहे हो तुमने कुछ नहीं बोला उसे तुम चुप चाप आगे बढ़ गए मतलब ऐसा क्यों तुम्हे गुसा नहीं आया की कहा 2 – 5 रूपये के लिए ज़िद कर रहा है
एक गरीब आदमी से तुम कुछ तो बोलते फिर उस लड़के ने कहा वो जो भाई साहब बैठे हुए थे
उनको पानी पीना ही नहीं था उनको प्यास ही नहीं लगी थी तो ये जो बांदा था जो रोज लिखता था उसने पूछा अरे तुम्हे कैसे पता चल गया की उनको प्यास नहीं लगी थी
तुम क्या अंतर यामी हो तुम्हे पता चल गया की उन्हें पानी नहीं पीनी है हो सकता है की उनको प्यास लगी हो,
तो फिर से लड़के ने बोला उन्हें प्यास नहीं लगी है जिसको प्यास लगी रहती है वो पहले पानी की बोतल लेता है उसको पिता है उसके बाद में दाम पूछता है और पैसे दे देता है वो फालतू की ज़िद बहस नहीं करता है।
उस लड़के ने जब ये जवाब दिया तो उन्होंने उसे सुना और घर जा कर के dairy में बहुत कुछ लिख डाला इन्होने लिखा ज़िन्दगी में अगर हमने गोल बना लिया है अगर हमारे माइंड में बात फिक्स है
तो हम फालतू के वाद विवाद में नहीं पड़ेगे लेकिन हमारा गोल फिक्स नहीं है अगर हमें पता ही नहीं है की हमें क्या करना है
तो हम बहुत साडी कमिया उस गोल में ज़िन्दगी के गाल में भी निकालते रहेंगे और बस इसी चाकर में टाइम खत्म कर देंगे। खास कर के जो भी स्टूडेंट्स इस कहानी को बढ़ रहें है
मैं उनको बोलना चाहता हु कीअपने गोल को फिक्स कीजिये क्यों की अगर आपके माइंड में फिक्स नहीं होगा की आपको क्या करना है
तो आप वो तीन चार ऑप्शंस में उलझ कर के रह जाएंगे साल पर साल निकलते चले जाएंगे और उसके बाद में आपको महसूस होगा की क्या टाइम तो तब था
तब तो कुछ क्या ही नहीं लाइफ में अपने गोल को फिक्स कीजिये और फिर वाद विवाद में परने वाली बात आएगी ही नहीं।
39. ये कहानी उनके लिए जो भीड़ में चल रहे हैं Latest Motivational story in Hindi
ये कहानी है अकबर और बीरबल की एक बार जहाँ पनाह ने बीरबल से कहा बीरबल बताओ अविदया क्या है बीरबल ने कहा महाराज इस सवाल का जवाब देने के लिए मुझे चार दिन की छुटियाँ चाहिए
तो अबार ने पूछा की छुटिया क्यों चाहिए तो बिरल ने कहा महाराज मैं परेशान हो गया हु
आपके सवाल का जवाब देते देते दिमाग थक गया है दिमाग को थोड़ा आराम चाहिए चार दिन के बाद जब वापस आऊंगा तो पके से बताऊंगा की अविदया क्या है अकबर ने कहा जैसे तुम्हें मंजूर है।
बीरबल को चार दिन की छुटिया मिल गई वो घर गया घर जाने के बाद सीधा मोची के पास गया और मोची के पास जा कर के बोला एक ऐसी शानदार जूतियां बनाओ जिसे जो देखे देखता रह जाए तो मोची ने बोला कैसी बनानी है
थोड़ी नाप वाप बताओ तो बीरबल ने बोला नाप वाप कुछ नहीं एक बीती चोरी बना दो, दो बीती लम्बी बना दो आराम से शानदार वाली बना दो तुम्हे जितना वक्त लेना है ले लो लेकिन उनमे हिरे जैवरात जरने है और सोने चांदी से सिलाई करनी है
ऐसी जुतिया बनानी है जिसे देखने के बाद लोगो के मुँह से बस वाह निकले तो मोची कहा जनाब बनवा किसके लिए रहे हो तो बिलबाल ने कहा ज्यादा सवाल जवाब मत कर और बनाने के बाद तुम भूल जाना की तुमने बनाई है यही शर्त है।
मोची ने कहा मंजूर है तीन दिन के बाद में मोची ने जुतिया बनादि बीरबल गए पैसे दे दिए और फिर से बोल दिया की किसी से बोलना नहीं की तुमने बनाई है।
फिर बीरबल ने क्या किया की एक जूते को अपने घर में जा के रख दी और दूसरी जो जूती थी उस जोड़े की उसको ले जा कर के महजिद में फेंक दिया।
सुबह सुबह मौलवी साहब वाला पहुंचे नवाज़ पढ़ने के लिए वहा उन्हें वो जूती दिखाई दी हिरे जैवरात जरे हुए थे सोने चांदी की तारो से सिलाई की हुई थी।
मौलवी साहब को लगा ये किसे आम इंसान की जूती तो हो ही नहीं सकती उन्हें लगा की जरूर ऊपर वाले आए होंगे निचे नवाज पढ़ने के लिए और उनकी जूती यहाँ छूट गयी होगी।
मौलवी साहब ने उसे उठाया अपने आँखों से लगाया माथे से चूमा सर पर लगाया उसके बाद वहा पे जितने लोग नवाज़ पढ़ने के लिए आ रहे थे उन सबको बताया की देखो भाइये ये जो जूती छूट गयी है
मुझे तो लगता है की किसी आम आदमी की नहीं है ऊपर वाले की है लोगो ने बोला बिलकुल सही बोल रहे है जनाब बिलकुल ऊपर वाले की है
हर किसी ने वही किया सबने चूमा माथे पर रख लिया उसके बाद ये बात जंगल में आग की तरह पुरे राज्य में फ़ैल गयी अकबर तक बात पहुंची जहा पनाह अकबर ने बोला की उस जूती को हमें ला कर दिखाई जाए जूती ले
जाई गयी तो अकबर ने देखा तो बोला बिलकुल सही बोल रहे हो ये किसे आप इंसान की तो हो ही नहीं सकती ये जरूर ऊपर वाले की है। ऊपर वाला निचे आया होगा नवाज पढ़ी होगी और जूती छूट गयी होगी उन्होंने भी
वही किया माथे से लगा लिया आखो से चुम लिया सर पर रख लिए उसके बाद अकबर ने कहा ये बहुत ही नायाब जूती है इसको ले जा कर के अच्छे से अस्थान पे रखदो और पूजा करो। इसकी पूजा होनी चाहिए अच्छे से ध्यान रखना है यही
आपको करना है अकबर का आदेश माना गया। इधर चार दिन की छुटिया बीरबल की ख़त्म हो गयी बीरबल वापस आया उसका चेहरा उतरा हुआ था मुँह उदाश था अकबर ने पूछा क्या हुआ तुम तो ऐसे लग रहे हो जैसे की घर किसी की मौत हो गई हो
तो बीरबल ने कहा क्या बताऊं जहा पनाह हमारे पर दादा की जूतियां थी चोर आएं एक जूती ले गए एक जूती छोर गए अब हम परेशान चल रहे है वो हमारे दिल की इतनी करीब थी की आज तक हमने उसे बेचा नहीं था
बस अपने घर में रखा हुआ था तो अकबर ने कहा तुम्हारे पास वो जूती है बीरबल ने कहा हा जी हा है
अभी आपको देखता हु तो बीरबल ने जूती दिखाई अकबर का माथा ठनक गया अकबर ने कहा वो जो जूती रखवाई है उसको मंगवाओ वो जूती जहा पे रखवाई गई थी उसे मंगवाई गयी जोड़ा जूतियो का बन गया बीरबल को दिया गया
बीरबल ने कहा महाराज यही अविदया है न आपको कुछ पता था ना उनको कुछ पता था न जिसको मिली उसको कुछ पता था सब बस भेड़ चाल में चले जा रहे थे इसे ही अविदया कहा गया है।
40. अगर बुरा वक़्त चल रहा है तो सब्र करो Motivational story in Hindi for Students
एक बार की बात है एक राजा साहब के पास में बड़ा सुन्दर विशाल महल था और उस विशाल सी महल में एक सुंदर सी बगीची थी उस सुन्दर सी बगीची में एक माली था और अंगूरों की बेल थी माली जो था वो इस बात से परेशान था
की अंगूरों की बेल पे रोजाना एक चिड़ियाँ आकर के आक्रमण करती थी और कुछ इस तरीके से वो आक्रमण करती थी जिसे की जो मीठे मीठे अंगूर थे उसे तो खा लेती थी जो अधपके थे और जो खटे अंगूर थे उसे ज़मीन पर गिरा देती थी।
माली इस बात से बड़ा परेशान चल रहा था की इस अंगूरों के बेल को ये चिड़ियाँ एक दिन तबाह कर देगी नस्ट कर देगी उसने बहुत कोसिस की लेकिन उसको कोई उपाय मिला नहीं तो वो राजा के पास पंहुचा और कहा
मालिक हुकुम आपही कुछ कीजिये मुझसे कुछ हो नहीं पारहा है अंगूरों की बेल कभी भी ख़त्म हो सकती है राजाने कहा माली साहब आप चिंता मत कीजिये आपका काम मैं करूँगा।
अगले दिन राजा साहब पहुंचे खुद और अंगूरों की बेल के पीछे जाके छुप गए और जैसे ही चिड़ियाँ आई राजा ने फुर्ती दिखाते हु चिड़ियाँ को पाकर लिया।
जैसे ही चिड़ियाँ को पकड़ा चिड़ियाँ ने राजा के कहा हे राजन मुझे माफ़ करना मुझे मत मारो मैं आपको चार ज्ञान की बातें बताउंगी राजा बहुत घुसे में थे राजा ने बोला पहेली बात बताओ चिड़ियाँ ने कहा अपनी हाथ में आए शत्रु को कभी भी जाने न दे
राजा ने कहा दूसरी बात बता चिड़ियाँ ने कहा कभी भी असम्भव बात पर यकीन न करें राजा ने कहा बहुत हो गया डरामा तीसरी बात बताओ चिड़ियाँ ने कहा बीती बात कर पछतावा न करें
राजा ने कहा अब चौथी बात बता अब खेल खत्म करता हु बहुत देर से परेशान कर रखा है
चिड़ियाँ ने कहा राजा साहब अपने जिस तरीके से मुझे पाकर रखा है मुझे साँस नहीं आरही आप मुझे थोड़ी सी ढील देंगें तो शायद मैं आपको चौथी बात बता पाऊं राजा ने हलकी सी ढील दी
और चिड़ियाँ उर कर के डाल पे बैठ गई चिड़ियाँ ने कहा मेरे पेट में दो हिरे हैं ये सुन कर के राजा पश्चाताप करने लगा उदाश हो गया
और राजा की ये शक्ल देख कर के चिड़ियाँ ने ने बोला राजा साहब मैंने जो आपको अभी चार ज्ञान की बात बताई थी पहली बात बताई थी अपने शत्रु को कभी हाथ में आने के बाद छोड़ें न
आपने हाथ में आए शत्रु यानि मुझे छोर दिया दूसरी बात बताई थी असबभाव बात पर यकीन न करें , आपने यकीं कर लिया की मेरे छोटे से पेट में दो हिरे हैं ,
तीसरी बात बताई थी की बीती हुई बात पर पश्चताप न करें आप उदास है आप पश्चाताप कर रहें है जबकि मेरे पेट में हिरे है ही नहीं उसको सोच कर के आप पश्चाताप कर रहें है।
उस चिड़ियाँ ने राजा को नहीं हम सबको भी बताई हम सब भी जो बीती चूका होता है उस पर कई बार पश्चाताप कर रहें होतें हैं हमेशा भूतकाल में रहतें है और भविस का सोचतें नहीं हैं प्रेजेंट में रहना सुरु की जिए
फ्यूचर की प्लानिंग करना सुरु कीजिये अपने सपनो को फॉलो करना सुरु कीजिये। जिंदगी में जो हो गया आपका उसपर कण्ट्रोल नहीं है लेकिन जो होगा उसको आप बदल सकते है।
41. अगर आपको बात बात में गुस्सा आता है Motivational story in Hindi
एक बार की बात है एक राज्य में राजा का दरबार लगा था और शर्दियों के दिन थे इसलिए दरबार खुले में धुप में लगा हुआ था सब लोग बैठे हुए थे दीवान थे मंत्री थे राजा के पंडित थे राजा के परिवार के लोग थे हर कोई बैठा हुआ था।
राजा साहब के सामने एक मेज रखवा दी गयी थी तभी अचानक से भीड़ में से एक आदमी बहार आता है और कहता है की मुझे राजा साहब से मिलना है मेरे पास में दो चीजें हैं जिनकी मैं परीक्षा लेना चाहता हु राजा साहब तक बात पहुचायी गयी
राजा साहब ने बोला आने दीजिये उस आदमी को दरबार में आने की इजाज़त दी गयी जो की खुले में लगा हुआ था राजा के सामने में वो व्यक्ति पंहुचा इजाज़त ले कर के राजा साहब ने कहा
बताओ बात क्या है उस इंसान ने कहा मेरे पास में दो चीजें है एक जैसी दिखने वाली एक जैसे आकर की बिलकुल एक जैसी लेकिन इन मेसे एक हिरा है
और एक कांच है लेकिन मैं कई राज्यों में गया हु कई राजाओ से मिला हु लेकिन कोई भी ये नहीं बता पाया की कौन सा असली है और कौन सा नकली है आपकी भी परीक्षा लेना चाहता हु और में जानना चाहतो हूँ की आपके दरबार कोई
बुद्धिमान है जो ये बता सके की और अगर आपके राज्य में किसी ने बता दिया तो हिरा आपके राज्य के खजानेमे जमा करवा दूँगा और अगर नहीं बताया तो इस हिरे का जो कीमत है
वो आपको मुझे देनी होगी बस ऐसे ही मैं जीतता चला आ रहा हु राजा साहब ने कहा ठीक है लाया जाए राजा साहब के सामने जो मेज राखी हुई थी उस पर उन दोनों चीजों
को रखा गया एक एक हिरा था और एक नकली हिरा था। राजा साहब ने कहा अपने दिवानो से मंत्रिओं से सब लोगों से कहा एक एक कर के आइ ये और बताइये कुछ लोगों ने हिमत की और कुछ लोगो ने सोचा की अगर राजा साहब हर गए तो उल्टा दोष हम पर आ जाएगा तो लोग आगे नहीं आएं।
राजा साहब को भी समझ में नहीं आ रहा था की यहाँ तो हार उनकी होती जा रही है तभी भीड़ में से एक अंधे बाबा बहार निकल कर के आए और उन्हों ने कहा की
मुझे राजा साहब से मिलने दिया जाए मैं एक बार कोशिश करना चाहता हु राजा साहब तक बात पहुँचाई गयी। की एक अंधे बाबा है वो आना चाहते है
वो भी एक बार कोसिस करना चाहते हैं राजा साहब ने कहा ठीक है जब कोई मान नहीं रहा कुछ हो नहीं रहा है तो इनको भी एक बार मौका दिया जाए वो अंधे बाबा आगे आए और एक मिनट में उन्हों ने बता दिया की असली हिरा कोन सा है
और नकली हिरा कोन सा है हर कोई चौंक गया हर कोई खुश हो गया सब बोलने लगें क्या बात है राजा का सम्मान बच गया राजा राज्य में नया हिरा आ गया
हिरे को तिजोरी में जमा करने की तैयारियाँ होने लगी लेकिन इस सब के बिच में राजा साहब ने पूछा बाबा एक बात तो बताओ अपने पहचना कैसे बूढ़े बाबा ने कहा बहुत आसान था
हम खुले में बैठें है, धुप में बैठे हैं जो धुप में गरम हो गया वो कांच और जो ठंडा रह गया वो हिरा। इस कहानी से हमें सिखने को मिलता है की जिंदगी में हम छोटी छोटी बातो पर गुसा करते हैं नाराज होतें है.
अपनों से नाराज होते हैं और हमरी से जिंदगी दोस्त काम होते चले जाते है अपने काम होते चले जाते है रूठते चले जाते हैं। जिसने जिंदगी में आपा नहीं खोया , विपरीत परिस्तिथियों में भी खरा रहा ठंडा रहा वही जीता है वही सिकंदर कैहै लाता है। Thank you for Reading these motivational Story in Hindi I’m sure it will help you to grow in your life and also it will change your mindset these motivational stories come form lots of mindset of successful people.
Motivational story का हिंदी में क्या मतलब होता है?
प्रेरक या प्रेरक कहानियाँ आशा, वचन और प्रोत्साहन की कहानियाँ होती हैं।
सबसे अच्छी motivational कहानियां हम कहा से पढ़ सकते हैं ?
hindimein.in के वेबसाइट पे आपको सबसे अच्छी और लेटेस्ट motivational कहानियां पढ़ने को मिलेंगी।
बच्चों को कैसे हमेसा motivated कैसे रखें ?
१.पता लगाएं कि आपके बच्चे को क्या रोक रहा है।
२. अध्ययन के समय को आसान बनाएं।
३. एक साथ एक अध्ययन योजना बनाएं।