Top 10 Nursery Stories In Hindi:- Here I’m sharing with you the top 10 Nursery Stories In Hindi which are really amazing and awesome these Nursery Stories In Hindi will teach you lots of things and give you an awesome experience. You can share with your friends and family and these moral Nursery stories will be very useful for your children or younger siblings.
Top 10 Nursery Stories In Hindi 2022
- बंदर ने सबक सीखा
- अनपढ़ सेठ
- नीली चिड़िया
- मूर्ख राजा और चालाक दर्जी
- दुष्ट भेड़िया
- मछुआरा और मछलियों का नाच
- चालाक नाग हिंदी में नर्सरी कहानियां
- पिता की परेशानी
- मेहनत का फल
- शिकारी और लक्कड़हारा
बंदर ने सबक सीखा Nursery Stories In Hindi For Kids
एक जंगल में नदी के किनारे एक शरारती बंदर रहता था। वह हमेशा दूसरों की नकल किया करता था और उनका मजाक उड़ाया करता था। एक दिन उसने दो मछुआरों को जाल पकड़े हुए देखा।
फिर उसने उन्हें वह जाल नदी में फेंकते हुए देखा। वे दोनों मछुआरे घंटों वहाँ मछलियाँ पकड़ने के लिए बैठे रहे।
दोपहर के भोजन के समय वे अपना जाल वहीं छोड़कर चले गए। आदत से मज़बूर बंदर उस जगह पर गया, जहाँ वे मछुआरे बैठे थे।
वह उन मछुआरों की नकल करने लगा। मछुआरों की तरह उसने जाल को नदी में फेंका, परंतु वह एक भी मछली पकड़ने में कामयाब नहीं हुआ।
वह बार-बार कोशिश करता रहा और अंत में, उसने खुद को उस जाल में फंसा हुआ पाया।
वह पछताते हुए अपने-आप से बोला-“अब मैं समझ गया हूँ। जो काम मुझ नहीं आता है, वह काम मुझे नहीं करना चाहिए।”
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अनपढ़ सेठ Latest Nursery Stories In Hindi
एक शहर में, एक अमीर लेकिन अनपढ़ सेठ रहता था। सभ्य तौर-तरीके सीखने के लिए उसने एक टीचर नियुक्त किया।
एक दिन, सेठ को एक जन्मदिन की पार्टी का न्यौता आया। टीचर ने उसे समझाया-“वहाँ जाकर तुम कहना-यह दिन तुम्हारी जिंदगी में बार-बार आए।”
रास्ते में सेठ, एक शवयात्रा में जाते हुए लोगों से, अपने टीचर के सिखाए शब्द बोल पड़ा। मृत आदमी के रिश्तेदारों ने उसकी खूब पिटाई की। एक आदमी ने उसे समझाया कि ऐसे मौकों पर क्या कहना चाहिए।
सेठ आगे गया तो उसे एक शादी का मंडप दिखा। वहाँ उसने कहा-“बहुत बुरा हुआ, मुझे बेहद अफसोस है।” यह सुनते ही दूल्हा-दुल्हन के माता-पिता अपना आपा खो बैठे,
और उन्होने सेठ को डाँट कर वहाँ से भगा दिया। थोड़ा आगे चलने पर, एक किसान ने उसे एक नया वाक्य सिखाया-“तुम्हारी आँखों के नीचे का एक दाना भी एक बड़े अनार के पेड़ में बदल जाए।”
यह वाक्य उस सेठ ने एक ऐसी राजकुमारी को बोला, जिसका चेहरा दानों से भरा हुआ था। इसलिए, राजकुमारी से दुर्व्यवहार करने के आरोप में उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
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नीली चिड़िया New Nursery Stories In Hindi
बहुत समय पहले, एक चिड़िया थी जिसके पंख रंग-बिरंगे थे। वह भगवान से नीले पंख पाने के लिए प्रार्थना करती थी। वह एक तालाब के पास रहती थी,
जिसमें वह रोज नहाती थी। वह सोचती थी कि ऐसा करने से उसके पंख पानी की तरह नीले हो जाएंगे। एक दिन उसके सारे पंख झड़ गए और पानी में गिर गए।
तब भी, उसने उम्मीद नहीं छोड़ी। वह उसी प्रकार नहाती रही और भगवान से प्रार्थना करती रही। एक दिन उसके सुंदर नीले रंग के पंख उग आए, जो आज तक मौजूद हैं।
एक दिन, एक लोमड़ी ने उस नीली चिड़िया के सुंदर नीले पंख देखे। उसने, उससे इसका कारण पूछा। नीली चिड़िया ने उसे अपनी पूरी कहानी बताई।
लोमड़ी ने भी वैसा ही करने का फैसला किया। वह रोज़ पानी में गोता लगाती परंतु सब व्यर्थ जाता।
एक दिन, गुस्से में उसने अपनी पूँछ की नोक बुरी तरह से पटकी तो वह सफेद हो गई, जो आज तक वैसी ही है।
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मूर्ख राजा और चालाक दर्जी In Hindi Unique Nursery Stories
एक समय, एक राज्य में एक चालाक दर्जी रहता था। वह हमेशा ऐसी पोशाक बनाने का दावा करता था, जिसे केवल बुद्धिमान लोग ही देख सकते थे।
राजा ने दर्जी के बारे में सुना, तब उसने वैसी ही पोशाक बनाने का उसे आदेश दिया। दर्जी को पोशाक बनाने के लिए आवश्यक चीजों के लिए पैसा दिया गया।
लेकिन वास्तव में, सिलाई मशीन पर कुछ भी नहीं था। दर्जी राजा को धोखा दे रहा था। राजदरबारी भी उसके पास पोशाक देखने जाते परंतु जो पोशाक थी ही नहीं वे उसे देखने का नाटक करते थे.
क्योंकि वे मर्ख नहीं कहलाना चाहते थे। यहाँ तक कि दर्जी का दौरा करते समय राजा ने भी ऐसा ही नाटक किया। अंत में राजा ने एक परेड में वह पोशाक (जो थी ही नहीं) पहनने का फैसला किया।
जैसे ही वह परेड में पहुँचा, एक बच्चा जोर से चिल्लाया-“देखो! राजा ने कपड़े नहीं पहने!” यह सुनते ही सभी जोर से हसने लगे। यह सुनकर राजा भी झेंप गया।
अब राजा को भी अपनी गलती का एहसास हो रहा था कि किस प्रकार दर्जी उसे मूर्ख बना रहा था। इस तरह राजा ने खुद को बेवकूफ बनाया।
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दुष्ट भेड़िया Amazing Stories For Nursery Students In Hindi
एक समय की बात है एक भेड़िया था, जो हमेशा भेड़ों के झुंड का पीछा करता था, परंतु उन पर हमला नहीं करता था।
जब चरवाहे को उसकी यह आदत पता चली तो वह बहुत खुश हुआ। वह धीरे-धीरे भेड़िये को भेड़ों का रक्षक मानने लगा। चरवाहा, भेड़िये पर इतना विश्वास करने लगा कि उसका भेड़ो के पास होना उसे अच्छा लगने लगा।
एक बार उसे पास ही के एक गाँव में जाना था। उसने सोचा भेड़ों की जिम्मेदारी वह किसको देकर जाए।
अचानक, उसे एक विचार आया कि जब तक वह नहीं लौटता तब तक क्यों न भेड़ों ने भेड़िये के साथ छोड़ दिया जाए।
इसलिए वह अपनी भेड़ों को भेड़िये के साथ छोड़कर चला गया, लेकिन जब वह वापस आया तो उसने पाया कि भेड़िया उसकी सभी भेड़ें खा चुका था। दुष्ट पर विश्वास करने का उसे बहुत दुख हुआ, लेकिन अब कुछ नहीं हो सकता था।
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मछुआरा और मछलियों का नाच Best Nursery Stories In Hindi
एक गाँव में एक मछुआरा था, जो बहुत अच्छी बांसुरी बजाता था। एक दिन वह अपना जाल और अपनी बाँसुरी लेकर नदी के किनारे गया।
वहाँ बैठकर वह बांसुरी बजाने लगा। उसने सोचा बांसुरी की तान सुनकर मछलियाँ नाचते-नाचते उसके पास आ जाएँगी। वह घंटों बांसुरी बजाता रहा परंतु कोई मछली नहीं आई।
इस पर वह निराश नहीं हुआ और उसने बांसुरी बजाना छोड़कर नदी में अपना जाल बिछाया। जाल की मदद से, थोड़ी ही देर में उसने बहुत सारी मछलियाँ पकड़ लीं।
ढेर सारी मछलियाँ पकड़ कर वह बहुत खुश हुआ, लेकिन उसने जैसे ही मछलियों को ज़मीन पर रखा तो वे उछलने लगीं।
यह देखकर उसे बहुत गुस्सा आया और वह मछलियों से चिल्लाकर बोला “मूर्ख मछलियों! जब मैं बांसुरी बजा रहा था, तब तुम नहीं नहीं! अब मैं बांसुरी नहीं बता रहा, तो तुम नाचती जा रही हो!”
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चालाक नाग हिंदी में नर्सरी कहानियां
एक बार एक जंगल में एक नाग रहता था। वह पानी पीने के लिए पास के छोटे तालाब में जाता था। एक दिन, उस तालाब में रहने वाले पानी के सांप ने उसे कहा-“यह तालाब मेरा है।
तुम यहाँ पानी नहीं पी सकते।” तब मामला सुलझाने के लिए नाग ने उस सांप को लड़ाई के लिए चुनौती दी। एक मेंढक भी उसी तालाब में रहता था।
वह पानी के सांप का दुश्मन था, इसलिए वह नाग का समर्थन कर रहा था। प्रतियोगिता का दिन आया। लड़ाई से पहले मेंढक बहुत ज़ोर से टरटराया क्योंकि,
इसके अलावा उसे कुछ और करना भी नहीं आता था। अंत में नाग लड़ाई जीत गया। तब मेंढक नाग के पास आया और बोला-“तुम लड़ाई जीत गए।
अब मुझे मेरा हिस्सा दो।” यह सुनकर नाग सीटी बजाने लगा और मेंढक उलझन में पड़ गया। नाग ने कहा-” मैं वही कर रहा हूँ, जो तुमने किया था।” दूसरों के मामलों में तुम्हें अपनी टांग नहीं अड़ानी चाहिए।
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पिता की परेशानी For Children Nursery Stories In Hindi 2022
एक गाँव में, एक किसान रहता था। उसकी दो बेटियाँ थीं। उनमें से एक का विवाह एक किसान के साथ और दूसरी का विवाह एक कुम्हार के साथ हुआ था।
एक दिन, उस किसान ने दोनों बेटियों से मिलने का निश्चय किया। वह पहली बेटी के घर गया और उससे पूछा-“तुम्हारे पति का काम कैसा चल रहा है?” बेटी ने जवाब दिया-“ठीक चल रहा है,
पिताजी। लेकिन हमें सिंचाई के लिए और पानी की आवश्यकता पड़ेगी। इसलिए हम भगवान से अपने खेतों के लिए ज्यादा बारिश की प्रार्थना करते हैं।”
पिता पहली बेटी से विदा लेकर अपनी दूसरी बेटी के पास गया। उसने वही सवाल दूसरी बेटी से भी पूछा। बेटी ने जवाब दिया-
“काम तो ठीक चल रहा है परंतु हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि रोज़ सूरज चमके जिससे हमारे मिट्टी के बर्तन जल्दी से देखें।”
अब पिता बहुत परेशान हुआ और बोला-“हे भगवान! मैं क्या मांगू? मेरी एक बेटी की इच्छा, दूसरी बेटी की इच्छा के एकदम उलट है।”
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मेहनत का फल Awesome Stories In Hindi For Nursery
एक बार एक गाँव में एक किसान और उसके चार बेटे रहते थे। किसान बहुत बूढ़ा हो चुका था और बीमार रहने लगा था।
एक दिन उसने अपने सभी बेटों को बुला कर कहा-“मेरे बेटो, डॉक्टर ने कहा है कि मैं अब एक सप्ताह से ज्यादा जीवित नहीं रहूँगा।
इसलिए मैं तुम सभी से एक राज़ की बात कहना चाहता हूँ। मैंने मेरे अँगूर के बाग में एक खज़ाना छुपा रखा है। मेरे मरने के बाद वह खज़ाना आपस में बांट लेना।”
कुछ दिन बाद किसान मर गया। तब उसके बेटे कुदाल लेकर अंगूर के बाग में गए। उन्होंने सारा वाग खोद डाला परंतु उन्हें कुछ भी नहीं मिला।
वे बहुत निराश हुए। परन्तु पूरे बाग की खुदाई हो जाने के कारण उस बार अंगूर की फसल बहुत अच्छी हुई। सभी भाई बहुत खुश हुए। वे सभी समझ चुके थे कि मेहनत ही असली खज़ाना है।
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शिकारी और लक्कड़हारा Nursery Stories In Hindi
एक बार जंगल के पास एक लकड़हारा रहता था। एक दिन जब वह जंगल के पास से गुज़र रहा था तो उसे अपनी ओर एक शिकारी आता दिखाई दिया।
शिकारी के कंधे पर बंदूक लटक रही थी। वह बहुत प्रभावशाली लग रहा था। शिकारी लक्कड़हारे के पास आया और कठोर आवाज़ में बोला-“क्या तुमने यहाँ कोई भालू देखा है?
मेरा मतलब है, उसके पैरों के निशान देखो हैं?” लक्कड़हारा बहुत बहादुर था। वह बोला-“हाँ, मैंने देखा है। आओ, मैं तुम्हें उसकी माँद में ले चलूं।”
ऐसा कह कर उसने अपनी कुल्हाड़ी नीचे रखी। शिकारी को इस बात की उम्मीद नहीं थी। डर के मारे उसका चेहरा पीला पड़ गया।
वह कांपती हुई आवाज में बोला-“वह नहीं, दरअसल मैं भालू को नहीं सिर्फ उसके पैरों के निशान को ढूंढ रहा था।” ऐसा कह कर वह जल्दी से वहाँ से चला गया।