Stories for Kids in Hindi:- Here I’m sharing the top Stories for Kids in Hindi which is very valuable and teaches your kids life lessons, which help your children to understand the people & world that’s why I’m sharing with you.
Top 151 Stories For Kids in Hindi 2022
Kids story in Hindi:- यहां मैं हिंदी में बच्चों के लिए शीर्ष कहानियां साझा कर रहा हूं जो बहुत मूल्यवान है और आपके बच्चों को जीवन के सबक सिखाती है, जो आपके बच्चों को लोगों और दुनिया को समझने में मदद करती है इसलिए मैं आपके साथ साझा कर रहा हूं।
सिक्कों की खनक (Kids Story in Hindi)
एक बार मुल्ला नसरुद्दीन किसी शहर के व्यस्त इलाके से गुजर रहा था। उसने देखा कि एक भिखारी को लोगों ने घेर रखा है। कबाब की दुकान के मालिक के सामने वह भिखारी घुटने टेके, आँसुओं में डूबा, गिड़गिड़ा रहा है।
जिज्ञासु मुल्ला ने उस अमीर आदमी के पास जाकर कहा, “क्षमा करें श्रीमान् ! क्या किया है इसने ?” वस्तुतः अमीर व्यक्ति भिखारी को मूर्ख बना रहा था। उसने सोचा मुल्ला को अपनी ओर मिला लेते हैं और मजा आ जायेगा।
वह बोला, “इस भिखारी ने मुझसे मेरे चूल्हे पर रोटी सेंकने की इजाजत मांगी। मैनें दे दी! पर इसने चूल्हे पर रोटी सेंकने की जगह मेरे तवे पर रोटी सेंकी।
उस तवे पर कबाब बनाने के बाद बचा हुआ तेल था । अर्थात् उसकी रोटी में मेरे कबाब की खुशबू चली गई। अब मैं अपने तेल और खुशबू के पैसे माँग रहा हूँ, तो क्या मैं सही नहीं हूँ?”
मुल्ला ने भिखारी और भीड़ पर नजर डालकर भिखारी से पूछा, “क्यों श्रीमान् ! क्या आप नहीं जानते हैं कि दूसरों की वस्तु लेने पर उन्हें पैसा देना पड़ता है?”
हैरान परेशान भिखारी ने चुपचाप जितने भी पैसे जेब में थे निकाले और देने लगा। तुरंत मुल्ला बोल पड़ा, “एक मिनट श्रीमान्! लाइए, मैं उन्हें यह सिक्का देता हूँ।
“यह कहकर मुल्ला ने सिक्के लेकर अमीर आदमी से कहा, “श्रीमान् ! जरा अपना कान तो पास लाइए..।”
परेशान अमीर व्यक्ति मुल्ला की ओर झुका । मुल्ला ने उसके कान के पास ले जाकर सिक्कों को जोर से खनखनाया और पूछा, “श्रीमान् ! आवाज कैसी लगी?”
“बहुत अच्छी, अब जरा हाथ में लेकर देखूँ.. अमीर व्यक्ति ने कहा । “
मुल्ला ने वापस सारे सिक्के भिखारी की जेब में डालकर कहा, ‘‘श्रीमान्! भिखारी ने मात्र कबाब की खुशबू ली, खाया नहीं। आपने भी सिक्कों की खनखनाहट सुन ली।’’ इससे अमीर व्यक्ति सकते में आकर सिर झुकाकर चुपचाप अपनी दुकान में चला गया।
सियार की चतुराई – Kids Story in Hindi

किसी जंगल में एक शेर रहता था। एक बार वह पूरा दिन इधर उधर भटकता रहा, लेकिन भोजन के लिए कोई जानवर नहीं मिला।
थक-हारकर वह एक गुफा के अंदर आकर बैठ गया और सोचने लगा कि रात में कोई न कोई जानवर इसमें जरूर आएगा। आज उसे ही मारकर मैं अपनी भूख मिटाउंगा।
वह गुफा एक सियार की थी। रात होने पर सियार अपनी गुफा में लौट आया। सियार बहुत चतुर था। उसने गुफा के अंदर जाते हुए शेर के पैरों के निशान देखे और अनुमान लगाया कि शेर अंदर तो गया है,
परंतु अंदर से बाहर नहीं आया है । वह समझ गया कि उसकी गुफा में कोई शेर छिपा बैठा है।
सियार ने तुरंत एक उपाय सोचा। वह गुफा के भीतर नहीं गया। उसने बाहर से ही आवाज लगाई – ‘ओ मेरी गुफा, तुम चुप क्यों हो? आज बोलती क्यों नहीं हो?
जब भी मैं बाहर से आता हूँ, तुम मुझे बुलाती हो । आज तुम बोलती क्यों नहीं हो ?’ गुफा में बैठे हुए शेर ने सोचा, ऐसा संभव है कि गुफा प्रतिदिन आवाज देकर सियार को बुलाती हो ।
आज यह मेरे भय के कारण चुप है। इसलिए आज मैं ही इसे आवाज देकर अंदर बुलाता हूँ। ऐसा सोचकर शेर ने अंदर से आवाज लगाई और कहा – ‘आ जाओ मित्र, अंदर आ जाओ।’
आवाज सुनते ही सियार समझ गया कि अंदर शेर बैठा है। वह तुरंत वहाँ से भाग गया। और इस तरह सियार ने अपनी चतुराई से अपनी जान बचा ली।
गौरैया और बन्दर – Story for kids in hindi

किसी जंगल के एक घने वृक्ष की शाखाओं पर चिड़ा-चिड़ी का एक जोड़ा रहता था । वे दोनों अपने घोंसले में बड़े सुख से रहते थे ।
सर्दियों का मौसम था। ठंडी-ठंडी हवा चलने लगी और साथ में बूंदा-बांदी भी शुरु हो गई । उस समय एक बन्दर बर्फीली हवा और बरसात से ठिठुरता हुआ उस वृक्ष की शाखा पर आ बैठा ।
जाड़े के कारण उसके दांत कटकटा रहे थे। उसे देखकर चिड़िया ने कहा “अरे ! तुम कौन हो ? देखने में तो तुम्हारा चेहरा आदमियों सा है, हाथ-पैर भी हैं तुम्हारे ।
फिर भी तुम यहाँ बैठे हो, घर बनाकर क्यों नहीं रहते ?” बन्दर बोला – “अरी ! तुम से चुप नहीं रहा जाता ? तू अपना काम कर । मेरा उपहास क्यों करती है ?”
चिड़िया फिर भी कुछ ना कुछ बोलती गई । वह चिड़ गया और गुस्सेड़ में आकर उसने चिड़िया के उस घोंसले को तोड़ फोड़ डाला जिसमें चिड़ा-चिड़ी सुख से रहते थे।
[Moral of the story in Hindi for Kids] सीख : हर किसी को उपदेश नहीं देना चाहिये। बुद्धिमान् को दी हुई शिक्षा का ही परिणाम होता है, मूर्ख को दी हुई शिक्षा का परिणाम कई बार उल्टा निकल आता है।
दो बकरे और सियार – Stories for kids in hindi

एक दिन एक सियार किसी गाँव से गुजर रहा था । उसने गाँव के बाजार के पास लोगों की एक भीड़ देखी।
उससे रहा नहीं गया और वह भीड़ के पास देखने चला गया कि वहां क्या हो रहा है। सियार ने देखा कि दो बकरे आपस में लड़ाई कर रहे थे।
दोनों ही बकरे काफी तगड़े थे इसलिए उनमे जबरदस्त लड़ाई हो रही थी। सभी लोग जोर-जोर से चिल्ला रहे थे और तालियां बजा रहे थे।
दोनों बकरे बुरी तरह से लहूलुहान हो चुके थे और सड़क पर भी खून बह रहा था ।
जब सियार ने इतना सारा ताजा खून देखा तो अपने आप को रोक नहीं पाया। वह तो बस उस ताजे खून का स्वाद लेना चाहता था और बकरों पर अपना हाथ साफ़ करना चाहता था ।
सियार ने आव देखा न ताव और बकरों पर टूट पड़ा। लेकिन दोनों बकरे बहुत ताकतवर थे । उन्होंने सियार की जमकर धुनाई कर दी जिससे सियार वहीँ पर ढेर हो गया।
[Moral of the story in hindi for Kids] सीख : लालच से प्रेरित होकर कोई भी अनावश्यक कदम नहीं : उठाना चाहिए और कोई कदम उठाने से पहले भली भांति सोच लेना चाहिए।
दो सिरों वाला पक्षी – Hindi story for kids
एक तालाब में भारण्ड नाम का एक विचित्र पक्षी रहता था। इसके मुख दो थे, किन्तु पेट एक ही था ।
एक दिन समुद्र के किनारे घूमते हुए उसे एक बहुत मीठा फल मिला, जिसे समुद्र की लहरों ने किनारे पर फैंक दिया था।
उसे खाते हुए एक मुख बोला- “ओ, कितना मीठा है यह फल ! आज तक मैंने अनेक फल खाये, लेकिन इतना स्वादिष्ट कोई नहीं था ।
न जाने किस अमृत बेल का यह फल है । ” दूसरा मुख उससे वंचित रह गया था। फल की तारीफ सुन दूसरे मुख से रहा नहीं गया तो वह पहले मुख से बोला – “मुझे भी थोड़ा सा चखने को दे दे। “
पहला मुख हँसकर बोला – “तुझे क्या करना है ? हमारा पेट तो एक ही है, उसमें वह चला ही गया है। तृप्ति तो हो ही गई है ।
यह कहने के बाद उसने शेष फल अपनी प्रेमिका को दे दिया।
जिसे खाकर उसकी प्रेमिका बहुत प्रसन्न हुई ।
दूसरा मुख उसी दिन से विरक्त हो गया और इस अपमान का बदला लेने के उपाय सोचने लगा।
आखिरकार, एक दिन उसे एक उपाय सूझा। वह कहीं से एक विषफल ले आया। पहले मुख को दिखाते हुए उसने कहा “देख ! यह विषफल मुझे मिला है। मैं इसे खाने लगा हूँ। ” “
पहले मुख ने रोकते हुए आग्रह किया- “मूर्ख ! ऐसा मत कर,
इसके खाने से हम दोनों मर जायंगे । “
दूसरे मुख ने पहले मुख के मना करने के वावजूद, अपने अपमान का बदला लेने के लिये वह विषफल खा लिया। परिणाम यह हुआ कि दोनों मुखों वाला पक्षी वहीं ढेर हो गया।
सच ही कहा गया है कि संसार में कुछ काम ऐसे हैं, जो एकाकी नहीं करने चाहियें। अकेले स्वादिष्ट भोजन नहीं खाना चाहिये, सोने वालों के बीच अकेले जागना ठीक नहीं, मार्ग पर अकेले चलना संकटापन्न है; जटिल विषयों पर अकेले सोचना नहीं चाहिये।
[Moral of the Story in Hindi for Kids] सीख : मिलकर काम करो ।
सियारों का झुंड और हाथी – Hindi stories for kids

सियारों के एक झुंड ने एक हाथी को देखा। उनका मन उस हाथी का मॉस खाने का करने लगा। एक बूढ़ा सियार बोला, “चलो, मैं तुम लोगों को तरीका सुझाता हूँ। हाथी को मारने का एक तरीका है मेरे पास ।”
हाथी इधर-उधर घूम रहा था। बूढ़ा सियार उसके पास पहुँचा। “महोदय, मैं एक सियार हूँ। मैं सारे जानवरों ने मुझे आपके पास भेजा है । हम लोगों ने मिलकर तय किया है कि आपको जंगल का राजा बनाया जाना चाहिए। आपके अंदर राजा के सारे गुण हैं। कृपया मेरे साथ चलिए और राजा का काम सँभाल लीजिए।”
हाथी सियार की चापलूसी भरी बातों में आ गया। वह सियार के साथ चल पड़ा। सियार उसे एक झील के पास ले गया, जहाँ हाथी फिसल पड़ा और गहरे कीचड़ में फँस गया।
“मेरी सहायता करो मित्र,” हाथी असहाय होकर चिल्लाने लगा। सियार कुटिलता से मुस्कराया और कहने लगा, “महोदय, आपने मेरे जैसे जानवर पर विश्वास किया। अब आपको इसकी कीमत जान देकर ही चुकानी पड़ेगी।”
हाथी कीचड़ में फँसा रहा और कुछ देर में मर गया। सारे सियारों ने मिलकर उसके गोश्त की दावत उड़ाई।
लड़ने वाले मुर्गे और बाज – Funny story in hindi

कुछ समय पहले की बात है। दो मुर्गे एक कूड़े के ढेर पर लड़ रहे थे । दोनों पूरी शक्ति से एक-दूसरे पर आक्रमण कर रहे थे।
लड़ाई में जीतने वाला ही उस ढेर का राजा घोषित होने वाला था। आखिरकार एक मुर्गा बुरी तरह से घायल होकर गिर पड़ा। धीरे-धीरे उठकर वह अपने दड़बे में चला गया।
जीतने वाले मुर्गे ने एक उड़ान मारी और जोर से बाँग लगाने लगा। उसी समय एक बाज ऊपर से उड़कर जा रहा था।
बाज ने एकदम से झपट्टा मारा और उस मुर्गे को दबोचकर ले गया। हारा हुआ मुर्गा यह सब देख रहा था। वह दड़बे से बाहर निकला और कूड़े के ढेर पर खड़ा हो गया।
उसने बाँग लगाकर अपने को राजा घोषित कर दिया। घमंड करने वाले की सदैव हार होती है।
भेड़िया-भेड़िया चिल्लाने वाला बालक – Hindi kahani for kids

बहुत समय पहले एक चरवाहा था जो अपनी भेड़ों को चराने जंगल ले जाया करता था। एक दिन, उसने गाँव वालों के साथ मजाक करने का निश्चय किया। वह चिल्लाने लगा, “बचाओ! भेड़िया आया!”
गाँव वाले उसकी पुकार सुनकर दौड़े-दौड़े गए। जब वे लोग चरवाहे के पास पहुंचे तो वहाँ उन्हें कोई भेड़िया नहीं दिखा।
चरवाहा गाँव वालों को देखकर जोर-जोर से हँसने लगा। उसने कई बार गाँव वालों के साथ यही मजाक किया। अब गाँव वालों को उसकी पुकार पर भरोसा नहीं रहा।
एक दिन ऐसा हुआ कि सचमुच एक भेड़िया आ गया। चरवाहा गाँव वालों की ओर भागा और चिल्लाने लगा, “बचाओ! भेड़िया आया!”
गाँव वालों ने समझा कि चरवाहा तो हमेशा की तरह मजाक कर रहा है।
गाँव वाले उसका चिल्लाना सुनकर हँसते रहे। जब चरवाहा बहुत गिड़गिड़ाया तो अनिच्छापूर्वक कुछ गाँव वाले उसके साथ गए।
वहाँ सबने देखा कि भेड़िए ने कई सारी भेड़ों को मार डाला था।
पाशुओं की भाषा जानने वाला राजा – Kids story hindi

एक बार एक राजा ने एक साँप की जान बचाई। साँप ने प्रसन्न होकर राजा को ऐसी शक्ति दी जिससे कि वह पशुओं की भाषा समझने लगा।
हालाँकि उसने इस शक्ति को गुप्त रखने की भी शर्त लगा दी और कहा कि अगर किसी को भी उसने यह बता बताई तो उसकी मृत्यु हो जाएगी।
एक बार राजा, रानी के साथ बगीचे में बैठा था। उसने एक चींटी को मिठाई के टुकड़े के बारे में बोलते सुना। राजा चींटी की बात सुनकर मुस्कराने लगा।
रानी ने उससे मुस्कराने का कारण पूछा। राजा ने रानी को बहुत समझाने की कोशिश की पर वह बार- बार कारण पूछती ही रही।
आखिरकार राजा उसे रहस्य बताने को तैयार गया। तभी आकाशवाणी सुनाई दी, “हे राजन, तुम क्यों उसके लिए अपने प्राणों का बलिदान दे रहे हो,
जो स्वयं तुम्हारे प्राणों का मूल्य नहीं समझ रही थी?” राजा ने रानी को बताया कि वह कितनी स्वार्थी है। रानी को भी अपनी गलती समझ में आ ई।
किसान और लोमड़ी – Child story in hindi

एक लोमड़ी थी, जो एक किसान को बहुत परेशान किया करती थी। वह किसान के मुर्गीबाड़े में घुसकर हमेशा उसके मुगेर्-मिर्गयाँ खा जाया करती थी।
किसान उस लोमड़ी से बहुत तंग आ चुका था। उसने लोमड़ी को सबक सिखाने का निश्चय किया। कई दिनों बाद, एक दिन आखिरकार वह लोमड़ी को पकड़ने में सफल हो ही गया |
गुस्से में उसने एक रस्सी को तेल में भिगोकर लोमड़ी की पूँछ से बाँध दिया और उसमें आग लगा दी।
लोमड़ी आग से परेशान होकर किसान के पूरे खेत में दौड़ने लगी। देखते ही देखते किसान की पूरी फसल में आग लग गई।
लोमड़ी की पूँछ तो जली ही, साथ ही किसान भी बर्बाद हो गया! किसान ने गुस्से में आकर अगर इस तरह का काम न किया होता तो उसे इतना बड़ा नुकसान न झेलना पड़ता।
उसे अपने किए पर बहुत पछतावा होने लगा। उसने तय किया कि अब वह गुस्से में आकर कभी भी ऐसा काम नहीं करेगा।
सूरज का विवाह – Kids stories in hindi

गर्मी का दिन था। पृथ्वी पर अचानक लोगों ने खबर सुनी सूरज का कि जल्द ही विवाह होने वाला है। सारे लोग बहुत प्रसन्न हुए।
मेंढक भी बहुत प्रसन्न हुए और पानी में उछल-कूद मचाने लगे। एक बूढ़ा मेंढक पानी के ऊपर आया और सारे मेंढकों को समझाने लगा कि यह प्रसन्नता की नहीं दुख की बात है,
“मेरे साथियो! तुम लोग इतने प्रसन्न क्यों हो रहे हो? क्या यह वाकई खुशी मनाने की खबर है? एक अकेला सूरज तो अपनी गर्मी से हमें झुलसा देता है।
जरा सोचो, जब इस सूरज के दर्जन भर बच्चे हो जाएंगे तो हमारा क्या हाल होगा। हमारा कष्ट कई गुना बढ़ जाएगा और हम लोग जीवित नहीं रह पाएँगे। “
बंदर और मगरमच्छ – Kids story in hindi

एक बंदर और एक मगरमच्छ आपस में दोस्त थे। मगरमच्छ की माँ को बंदर का हृदय बहुत स्वादिष्ट लगता था। उसने मगरमच्छ से कहा कि वह उसके लिए बंदर का हृदय लाए।
मगरमच्छ ने बंदर से कहा, “उस टापू के फल पक गए हैं। मैं तुम्हें वहाँ ले चलता हूँ।” बंदर के मुँह में पानी आने लगा।
वह उछलकर मगरमच्छ की पीठ पर बैठ गया। दोनों टापू की ओर चल पड़े। रास्ते में मगरमच्छ ने बताया, “मेरी माँ तुम्हारा हृदय खाना चाहती है और मैं तुम्हें उसके पास ही लिए जा रहा हूँ।”
बंदर चुपचाप सोचने लगा। कुछ देर बाद वह बोला, “अरे, लेकिन मैं तो अपना हृदय पेड़ पर ही छोड़ आया हूँ।
तुम्हें मेरा हृदय चाहिए तो मुझे वापस वहीं ले चलो।” चतुर बंदर ने बात बनाई।
मूर्ख मगरमच्छ बंदर को वापस नदी के तट पर ले आया। जैसे ही वे तट के पास पहुंचे, बंदर उछलकर पेड़ पर चढ़ गया और उसकी जान बच गई।
मुर्गी और बिल्ली – Story for kids in hindi

एक बार एक बहुत चालाक मुर्गी थी। एक दिन वह बीमार पड़ गई और अपने घोंसले में पड़ी थी। तभी एक बिल्ली उसे देखने आई।
उसके घोंसले में घुसकर बिल्ली बोली, “मेरी दोस्त, क्या हुआ तुम्हें? क्या मैं तुम्हारी कोई मदद कर सकती हूँ?
तुम्हें कुछ चाहिए हो तो बताओ, मैं ला दूँगी। अभी तुम्हें कुछ चाहिए क्या?”
मुर्गी ने बिल्ली की प्यार भरी बातें सुनीं। उसे खतरे का आभास हो गया। वह बोली, “हाँ, बिलकुल।
मेरे लिए एक काम कर दो। यहाँ से चली जाओ। मैं बीमार हूँ और किसी अनचाहे मेहमान को बुलाकर कोई खतरा नहीं उठाना चाहती।”
हंस और मूर्ख कछुआ – Stories for kids in hindi
एक बार की बात है। एक कछुआ और दो हंस आपस में बहुत अच्छे मित्र थे। एक साल बारिश बिलकुल नहीं हुई और जिस तालाब में वे रहते थे, वह सूख गया।
कछुए ने एक योजना बनाई और हंसों से बोला, “एक लकड़ी लाओ। मैं उसे बीच में दाँतों से दबा लूँगा और तुम लोग उसके किनारे अपनी चोंच में दबाकर उड़ जाना और फिर हम तीनों किसी दूसरे तालाब में चले चलेंगे।” हंस मान गए।
उन्होंने कछुए को चेतावनी दी, “तुम्हें पूरे समय अपना मुँह बंद रखना होगा। वरना तुम सीधे धरती पर आ गिरोगे और मर जाओगे।”
कछुआ तुरंत मान गया। जब सब कुछ तैयार हो गया तो हंस कछुए को लेकर उड़ चले। रास्ते में कुछ लोगों की नजर हंस और कछुए पर पड़ी। वे 1. उत्साह में आकर चिल्लाने लगे, “देखो, ये हंस कितने चतुर हैं। वे
अपने साथ कछुए को भी ले जा रहे हैं।” कछुए से रहा नहीं गया। वह उन लोगों को बताना चाहता था कि यह विचार तो उसके मन में आया था।
वह बोल पड़ा लेकिन जैसे ही उसने मुँह खोला, लकड़ी उसके मुँह से छूट गई और वह सीधे धरती पर आकर गिर पड़ा। अगर उसने अपने अहंकार पर नियंत्रण कर लिया होता तो वह भी सुरक्षित नए तालाब में पहुँच जाता।
Hindi story for kids – बिजली और तूफान की कहानी
बहुत समय पहले बिजली और तूफान धरती पर मनुष्यों के बीच रहा करते थे। राजा ने उन्हें मनुष्यों की बस्ती से दूर रखा था।
बिजली तूफान की बेटी थी। जब कभी किसी बात पर बिजली नाराज हो उठती, वह तड़ककर किसी घर पर गिरती और उसे जला देती या किसी पेड़ को राख कर देती, या खेत की फसल नष्ट कर देती। मनुष्य को भी वह अपनी आग से जला देती थी।
जब-जब बिजली ऐसा करती, उसके पिता तूफान गरज गरजकर उसे रोकने की चेष्टा करते। किंतु बिजली बड़ी ढीठ थी। वह पिता का कहना बिलकुल नहीं मानती थी। यहाँ तक कि तूफान का लगातार गरजना मनुष्य के लिए सिरदर्द हो उठा। उसने जाकर राजा से इसकी शिकायत की।
राजा को उसकी शिकायत वाजिब लगी। उन्होंने तूफान और उसकी बेटी बिजली को तुरंत शहर छोड़ देने की आज्ञा दी और बहुत दूर जंगलों में जाकर रहने को कहा। किंतु इससे भी समस्या का समाधान नहीं हुआ।
बिजली जब नाराज होती, जंगल के पेड़ जला डालती। कभी-कभी पास के खेतों का भी नुकसान कर डालती। मनुष्य को यह भी सहन न हुआ। उसने फिर राजा से शिकायत की।
राजा बेहद नाराज हो उठा। उसने तूफान और बिजली को धरती से निकाल दिया और उन्हें आकाश में रहने की आज्ञा दी, जहाँ से वे मनुष्य का उतना नुकसान नहीं कर सकते थे जितना कि धरती पर रहकर करते थे।
Moral of Kids Story in Hindi – क्रोध का फल बुरा होता है।
Hindi stories for kids – सूअर और लड़के
दो शहरी लड़के रास्ता भूल गए। अँधेरा बढ़ रहा था, अतः मजबूरन उन्हें एक सराय में रुकना पड़ा। आधी रात को एकाएक उनकी नींद उचट गई।
उन्होंने पास के कमरे से आती हुई एक आवाज को सुना-‘कल सुबह एक हंडे में पानी खौला देना। मैं उन दोनों बच्चों का वध करना चाहता हूँ।
दोनों लड़कों का खून जम गया। ‘हे भगवान्!’ वे बुदबुदाए, ‘इस सराय का मालिक तो हत्यारा है!’ तुरंत उन्होंने वहाँ से भाग जाने का निश्चय किया। कमरे की खिड़की से वे बाहर कूद गए।
पर बाहर पहुँचकर उन्होंने पाया कि बाहर दरवाजे पर ताला लगा हुआ है। अंत में उन्होंने सूअरों के बाड़े में छिपने का निर्णय किया।
रात भर उन्होंने जागते हुए बिताई। सुबह सराय का मालिक सूअरों के बाड़े में आया। बड़ा सा छुरा तेज किया और पुकारा-“आ जाओ मेरे प्यारे बच्चो, तुम्हारा आखिरी वक्त आ पहुँचा है!
दोनों लड़के भय से काँपते हुए सराय के मालिक के पैरों पर गिर पड़े और गिड़गिड़ाने लगे। सराय का मालिक यह देखकर चकित रह गया। फिर पूछा, “बात क्या है?” “हमने रात में आपको किसीसे कहते सुना था कि सुबह आप हमें मौत के घाट उतारने वाले हैं।” लड़कों ने जवाब दिया।
सराय का मालिक यह सुनकर हँसा, “बेवकूफ लड़को! मैं तुम लोगों के बारे में नहीं कह रहा था। मैंने तो दो ननहे सूअरों के बारे में कहा था, जिन्हें मैं इसी तरह पुकारता हूँ।
Moral of Kids Story in Hindi – पूरी बात जाने बिना दूसरों की बातों पर कभी कान नहीं देने चाहिए।
Funny story in hindi – घंटी की कीमत
रामदास एक ग्वाले का बेटा था। रोज सुबह वह अपनी गायों को चराने जंगल में ले जाता। हर गाय के गले में एक-एक घंटी बंधी थी। जो गाय सबसे अधिक सुंदर थी उसके गले में घंटी भी अधिक कीमती बँधी थी।
एक दिन एक अजनबी जंगल से गुजर रहा था। वह उस गाय को देखकर रामदास के पास आया, “यह घंटी बड़ी प्यारी है! क्या कीमत है इसकी?” “बीस रुपए।” रामदास ने उत्तर दिया। “बस, सिर्फ बीस रुपए! मैं तुम्हें इस घंटी के चालीस रुपए दे सकता हूँ।’ “
सुनकर रामदास प्रसन्न हो उठा। झट उसने घंटी उतारकर उस अजनबी के हाथ में थमा दी और पैसे अपनी जेब में रख लिये। अब गाय के गले में कोई घंटी नहीं थी।
घंटी की टुनक से उसे अंदाजा हो जाया करता था। अतः अब इसका अंदाजा लगाना रामदास के लिए मुश्किल हो गया कि गाय इस वक्त कहाँ चर रही है। जब चरते-चरते गाय दूर निकल आई तो अजनबी को मौका मिल गया। वह गाय को अपने साथ लेकर चल पड़ा।
तभी रामदास ने उसे देखा। वह रोता हुआ घर पहुँचा और सारी घटना अपने पिता को सुनाई। उसने कहा, “मुझे तनिक भी अनुमान नहीं था कि वह अजनबी मुझे घंटी के इतने अच्छे पैसे देकर ठग ले जाएगा।”
पिता ने कहा, “ठगी का सुख बड़ा खतरनाक होता है। पहले वह हमें प्रसन्नता देता है, फिर दुःख। अतः हमें पहले ही उसका सुख नहीं उठाना चाहिए।”
Moral of Kids Story in Hindi – लालच से कभी सुख नहीं मिलता।
Hindi kahani for kids – सच्ची सेवा
एक थी बिल्ली। मुरगी के बच्चे उसे बहुत ही भाते थे। रोजाना दो-चार बच्चों को वह कहीं-न-कहीं से खोज खाजकर खा जाती थी। एक दिन उसे भनक मिली कि एक मुरगी बीमार है।
वह हमदर्दी जताने मुरगी के दरबे के पास आई और कहा, “कहो बहन, कैसी हो? क्या मैं तुम्हारी ऐसी हालत में तुम्हारे कुछ काम आ सकती हूँ? तुम्हारी सेवा करना मेरा फर्ज भी तो है।”
बीमार मुरगी क्षण भर सोचती रही। फिर बोली, “अगर तुम सचमुच मेरी सेवा करना चाहती हो तो मेरे परिवार से दूर रहा-और अपनी जमातवालों से भी ऐसा ही करने को कहो।”
Moral of Kids Story in Hindi – दुश्मन की शुभकामनाओं पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
Kids story hindi- ज्ञान की प्यास
उन दिनों महादेव गोविंद रानडे हाई कोर्ट के जज थे। उन्हें भाषाएँ सीखने का बड़ा शौक था। अपने इस शौक के कारण उन्होंने अनेक भाषाएँ सीख ली थीं; किंतु बँगला भाषा अभी तक नहीं सीख पाए थे।
अंत में उन्हें एक उपाय सूझा। उन्होंने एक बंगाली नाई से हजामत बनवानी शुरू कर दी। नाई जितनी देर तक उनकी हजामत बनाता, वे उससे बँगला भाषा सीखते रहते।
रानडे की पत्नी को यह बुरा लगा। उन्होंने अपने पति से कहा, “आप हाई कोर्ट के जज होकर एक नाई से भाषा सीखते हैं! कोई देखेगा तो क्या इज्जत रह जाएगी! आपको बँगला सीखनी ही है तो किसी विद्वान् से सीखिए।”
रानडे ने हँसते हुए उत्तर दिया, “मैं तो ज्ञान का प्यासा हूँ। मुझे जाति-पाँत से क्या लेना-देना?” यह उत्तर सुन पत्नी फिर कुछ न बोलीं।
Moral of Kids Story in Hindi – ज्ञान ऊँच-नीच की किसी पिटारी में बंद नहीं रहता।
Child story in hindi – कोयल
गरमियों की एक सुबह घनिष्ठ मित्र तोताराम और कल्लू एक जंगल में गए। सहसा उन्हें कोयल की कुहुक सुनाई पड़ी। “यह एक पक्षी की आवाज है जो किसी मंगल की सूचना देती है।”
अंधविश्वासी तोताराम ने कहा, “मैंने इसकी आवाज सुबह-सुबह सुनी है। मुझे विश्वास है कि आज का दिन बड़ा भाग्यशाली होगा। अवश्य ही मुझे रुपयों से भरा थैला मिलेगा।”
“नहीं!” कल्लू ने तोताराम की बात का प्रतिवाद किया, जो उससे भी अधिक वहमी था, “तुम मुझसे अधिक भाग्यशाली नहीं हो। मुझे विश्वास है, यह आवाज मेरे लिए अधिक भाग्यशाली साबित होगी।
तुम देखना, जरूर मुझे अच्छी-खासी रकम प्राप्त होगी।” खूबसूरत मौसम का मजा लेने के बजाय वे दोनों इसी बात पर लड़ने लगे। तू-तू, मैं-मैं के बाद हाथापाई पर उतारू हो गए।
कुछ ही समय में वे बुरी तरह जख्मी हो गए। दोनों डॉक्टर के पास पहुँचे। डॉक्टर ने उनसे पूछा कि 1. वे आखिर इस स्थिति में पहुँचे कैसे? सारी घटना बयान करने के बाद उन दोनों ने डॉक्टर से पूछा,
“आप बताएँ कि कोयल ने किसके भाग्यशाली होने की सूचना दी थी?” डॉक्टर ने हँसते हुए कहा, “कोयल ने मेरे भाग्यशाली होने की सूचना दी थी। अगर तुम दोनों इसी तरह लड़-झगड़कर हाथ-पैर तोड़ते रहे तो मुझे रुपयों का ढेर तुम्हारे इलाज के एवज में मिलता रहेगा।”
Moral of Kids Story in Hindi – बेकार के झगड़े से दूसरों का ही फायदा होता है।
Kids stories in hindi – गरीब विधवा
विधवा कमला देवी अपनी दो पुत्रियों के साथ बड़ी गरीबी में दिन बिता रही थी। अब तक जो भी जमा-पूँजी उसके पास थी, सब खर्च हो चुकी थी। तिसपर आय का एकमात्र सहारा उसकी गाय भी मर गई। वह बड़ी परेशान थी। आखिर करे क्या?
“बस, एक ही रास्ता है, अगर भगवान् हमें कहीं से एक गाय दे दे।” “विश्वास और हिम्मत से काम करो, ईश्वर अवश्य तुम्हारी मदद करेगा।” उनके पड़ोसी ने उनसे कहा। “पर हम करें क्या?” कमला देवी ने निराशा से भरकर कहा।
“तुम अपनी आमदनी बढ़ाओ। तुम सब बहुत अच्छी कढ़ाई-बुनाई जानती हो। प्रतिदिन तीन-चार घंटा यह काम अतिरिक्त करो, ताकि कुछ ऊपरी आमदनी हो सके। उसे जमा करो।
दूसरी बात यह कि अपनी चाय का खर्चा कम कर दो। रोज सुबह दलिया बनाकर उसका पानी पियो, जो स्वास्थ्यवर्धक भी होगा और बचत भरा भी। इस तरह जल्दी ही दूसरी गाय खरीदने के लिए पैसे इकट्ठे हो जाएँगे।”
कमला देवी और उसकी पुत्रियों ने अपने पड़ोसी के सुझाव के मुताबिक काम करना शुरू कर दिया। साल के अंत में उनके पास इतना पैसा इकट्ठा हो गया कि वे एक अच्छी गाय खरीद सके।
Moral of Kids Story in Hindi -मेहनत, बचत और समझदारी आदमी के लिए दूसरा ईश्वर है।
Story in hindi for kids – उलटी गंगा
एक बनिया था। भला था। भोला था। नीम पागल था। एक छोटी सी दुकान चलाता था। दाल, मुरमुरे, रेवड़ी जैसी चीजें बेचता था और शाम तक दाल-रोटी का जुगाड़ कर लेता था।
एक रोज दुकान बंद कर देर रात वह अपने घर जा रहा था, तभी रास्ते में उसे कुछ चोर मिले। बनिये ने चोरों से पूछा, “इस वक्त अँधेरे में आप लोग कहाँ जा रहे हैं?” चोर बोले, “भैया, हम तो सौदागर हैं। आप हमें क्यों टोक रहे हैं?”
बनिये ने कहा, “लेकिन एक पहर रात बीतने के बाद आप जा कहाँ रहे हैं?” चोर बोले, “माल खरीदने।” बनिये ने पूछा, “माल नकद खरीदोगे या उधार ?” चोरे बोले, “न नकद, न उधार। पैसे तो देने ही नहीं हैं।”
बनिये ने कहा, “आपका यह पेशा तो बहुत बढ़िया है। क्या आप मुझे भी अपने साथ ले चलेंगे?” चोरे बोले, “चलिए। आपको फायदा ही होगा ।” बनिये ने कहा, “बात तो ठीक है।
लेकिन पहले यह तो बताओ कि यह धंधा कैसे किया जाता है?” चोर बोले, “लिखो-किसीके घर के पिछवा….” बनिये ने कहा, “लिखा।” चोर बोले, “चुपचाप सेंध लगाना…” बनिये ने कहा,
“लिखा। चोर बोले, “फिर दबे पाँव घर में घुसना…” बनिये ने कहा, “लिखा।” चोर बोले, “जो भी लेना हो, सो इकट्ठा करना…” बनिये ने कहा, “लिखा।”
चोर बोले, “न तो मकान मालिक से पूछना और न उसे पैसे देना…” बनिये ने कहा, “लिखा।” चोर बोले, “जो भी माल मिले उसे लेकर घर लौट जाना।”
बनिये ने सारी बातें कागज पर लिख लीं और लिखा हुआ कागज जेब में डाल लिया। बाद में सब चोरी करने निकले। चोर एक घर में चोरी करने घुसे और बनिया दूसरे घर में चोरी करने पहुँचा।
वहाँ उसने ठीक वही किया जो कागज में लिखा था। पहले पिछवाड़े सेंध लगाई। दबे पाँव घर में घुसा। दियासलाई जलाकर दीया जलाया। एक बोरा खोजकर उसमें पीतल के छोटे-बड़े बरतन बेफिक्री से भरने लगा।
तभी एक बड़ा तसला उसके हाथ से गिरा और सारा घर उसकी आवाज से गूंज उठा। घर के लोग जाग गए। सबने ‘चोर-चोर’ चिल्लाकर बनिये को घेर लिया और उसे मारने-पीटने लगे।
बनिये को ताज्जुब हुआ। मार खाते खाते उसने अपनी जेब में रखा कागज निकाला और उसे एक नजर पढ़ डाला। फिर तो वह जोश में आ गया। जब सब लोग उसकी मरम्मत कर रहे थे, तब बनिया बोला “भाइयो, यह तो लिखा-पढ़ी से बिलकुल उलटा हो रहा है। यहाँ तो उलटी गंगा बह रही है।”
बनिये की बात सुनकर सब सोच में पड़ गए। मारना पीटना रोककर सबने पूछा, “यह तुम क्या बक रहे हो?” बनिये ने कहा, “लीजिए, यह कागज देख लीजिए । इसमें कहीं पिटाई का जिक्र है”? घर के लोग तुरंत समझ गए। उन्होंने बनिये को घर से बाहर धकेल दिया।
Moral of Kids Story in Hindi – सोच-विचारकर किया कार्य कभी कष्टदायक नहीं होता।
Funny stories in hindi – मच्छर की कहानी
क्या तुमको पता है कि केवल मादा मच्छर ही काटती हैं? खून पीती हैं? बहुत पहले की बात है। वियतनाम के एक गाँव में टॉम और उसकी पत्नी न्हाम रहते थे।
टॉम खेती करता था और पत्नी रेशम के कीड़े पालती थी। टॉम बड़ा मेहनती था, पर न्हाम जिंदगी में तमाम ऐशो-आराम की आकांक्षी थी। एक दिन न्हाम एकाएक बीमार पड़ गई।
टॉम उस वक्त खेतों में काम कर रहा था। जब वह घर लौटा, उसने पाया कि न्हाम अब इस दुनिया में नहीं है। टॉम घुटने टेककर ईश्वर से प्रार्थना करने लगा। तभी उसे आकाशवाणी सुनाई दी कि वह समुद्र के बीच स्थित एक विशाल पहाड़ी पर न्हाम का शव ले जाए।
कई दिनों की यात्रा के बाद टॉम न्हाम के शव के साथ उस पहाड़ी पर पहुँचा और एक खूबसूरत फूलों के बाग में ले जाकर शव को लिटा दिया। उसकी पलकें थकान से झपक ही रही थीं कि सहसा सफेद बालों तथा तारों सी चमकती आँखोंवाले एक महापुरुष वहाँ प्रकट हुए।
उन महापुरुष ने टॉम से कहा कि वह उनका शिष्य बनकर इसी जगह शांति से रहे। पर टॉम ने कहा कि वह अपनी पत्नी न्हाम को बेहद प्यार करता है और उसके बगैर रह नहीं सकता।
महापुरुष टॉम की इच्छा जानकर बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने कहा कि वह अपनी उँगली काटकर खून की तीन बूंदें न्हाम के शव पर चुआ दे। टॉम ने वैसा ही किया। तभी जादू-सा हुआ।
खून की बूंदें पड़ते ही न्हाम उठ बैठी। तब महापुरुष ने न्हाम को चेतावनी दी कि अगर वह ईमानदार और मेहनती नहीं बनेगी तो उसे सजा भुगतनी पड़ेगी।
यह कहकर वह महापुरुष वहाँ से अचानक गायब हो गए। टॉम और न्हाम नाव पर बैठकर चल दिए। रास्ते में एक गाँव के किनारे उन्होंने नाव रोकी। टॉम खाने-पीने का कुछ सामान खरीदने चला गया।
नाव में बैठी न्हाम टॉम के लौटने की प्रतीक्षा कर रही थी। तभी एक विशाल सुसज्जित नाव उसके पास आई। उस नाव का मालिक एक अमीर था। उसने न्हाम को अपनी नाव पर आकर चाय पीने की दावत दी।
चायपान खत्म हुआ तो अमीर ने न्हाम से उसकी खूबसूरती की प्रशंसा की और उससे शादी का प्रस्ताव रखा। यह भी वादा किया कि वह उसे अपने महल की एकमात्र रानी बनाकर रखेगा।
न्हाम का तो सपना ही था कि वह धनी महिला बने, उसकी सेवा में ढेरों नौकर चाकर हों। वह चट से उस अमीर का प्रस्ताव मान बैठी। टॉम जब गाँव से चीजें खरीदकर लौटा तो एक बूढ़े नाविक ने उसे पूरा किस्सा सुनाया।
टॉम न्हाम की धोखेबाजी से आगबबूला हो उठा। वह फौरन उस अमीर के घर की तरफ रवाना हुआ। कुछ ही दिनों में वह वहाँ जा पहुँचा। उसके महल में पहुँच उसने एक नौकर से प्रार्थना की कि वह महल के मालिक से मिलना चाहता है।
तभी अचानक न्हाम फूल तोड़ने के लिए बगीचे में आई और टॉम को वहाँ देख चकित रह गई। उसने टॉम से कहा कि वह यहाँ बेहद सुखी है और यहाँ से कहीं नहीं जाना चाहती। टॉम ने कहा कि वह उसे कतई वापस नहीं ले जाना चाहता।
वह तो अपने खून की तीन बूंदें वापस लेने आया है। वह न्हाम उसे लौटा दे। बस! न्हाम इस बात से बेहद खुश हुई, ‘चलो खून की तीन बूँदें देकर ही छुटकारा मिल जाएगा।’
ऐसा कहकर उसने तुरंत अपनी एक उँगली में गुलाब का काँटा चुभोया और टॉम की बाँह पर खून टपकाने लगी। जैसे ही खून की तीसरी बूंद गिरी, न्हाम का शरीर सिकुड़ने लगा और वह मादा मच्छर के रूप में तब्दील हो गई।
यही न्हाम के लिए सजा थी। वह मादा मच्छर बनकर टॉम के सिर पर मँडराने लगी, जैसे भन्नाकर कह रही हो, ‘मुझे खून लौटा दो! मैं माफी माँगती हूँ, मैं माफी माँगती हूँ!’ तभी से मादा मच्छर खून पीने के लिए आदमियों के आसपास भन्नाती रहती हैं।
Moral of Kids Story in Hindi – धोखाधड़ी हमें मौत की ओर ले जाती है।
Comedy story in hindi – बच्चे की शिक्षा
फ्रांसिस वेलेंड पार्कर अमरीका के प्रसिद्ध शिक्षा विशेषज्ञ थे। बहुत दूर-दूर से लोग बच्चों की शिक्षा के बारे में उनसे परामर्श लेने आया करते थे। एक दिन उनका कहीं भाषण हो रहा था।
भाषण पूरा होने पर एक महिला उनके पास आई। उसने पार्कर महोदय से पहला सवाल किया, “मैं अपने बच्चे का शिक्षण प्रारंभ करना चाहती हूँ। इसके लिए कौन सा समय ठीक होगा?”
पार्कर ने पूछा, “आपका बच्चा कब पैदा होगा?” यह सुनकर महिला को बड़ा आश्चर्य हुआ। बोली, “बच्चा तो आज से पाँच वर्ष पहले पैदा हो चुका है। ” पार्कर ने कहा,
“श्रीमतीजी, तब तो आपने अपने बच्चे के पाँच सुनहरे वर्ष बरबाद कर दिए। शिक्षण का कार्य तो बच्चे के जन्म के साथ ही शुरू हो जाना चाहिए। जल्दी घर जाइए और बच्चे का शिक्षण अभी से शुरू कर दीजिए।”
Moral of Kids Story in Hindi – ज्ञान और शिक्षा के लिए कोई समय बंधन नहीं है।
Kids hindi story – लकड़ियों का गट्ठर

एक वृद्ध पिता अपने तीन पुत्रों के साथ रहता था। तीनों पुत्र बहुत मेहनती थे पर आपस में झगड़ते रहते थे। एक दिन पिता ने सब बच्चों को बुलाया।
अपने बड़े पुत्र से पिता ने वह गट्ठर तोड़ने के लिए कहा। पुत्र अत्यंत बलशाली था। अपनी पूरी शक्ति लगाकर भी वह उसे तोड़ने में असफल रहा।
बारी-बारी से अन्य पुत्रों ने भी अपना जोर आजमाया पर सभी असफल रहे। अब पिता ने गट्ठर को खोलकर उन्हें एक-एक लकड़ी उठाने के लिए कहा।
सभी पुत्रों ने गट्ठर में से एक-एक लकड़ी उठा ली। पिता ने पुत्रों से कहा, “इन्हें तोड़ो।” सबने बड़ी सरलता से अपनी-अपनी लकड़ियाँ तोड़ डालीं और आश्चर्य से पिता की ओर देखने लगे ।
मुस्कराते हुए पिता ने कहा, “मेरी मृत्यु के पश्चात् तुम सब इसी गट्ठर की तरह इकट्ठे रहना। आपस में कभी लड़ाई नहीं करना। एकता बनाए रखना।
कोई भी शक्ति तुम्हें तोड़ नहीं पाएगी। यदि अलग हो जाओगे तो उस लकड़ी की भांति तुरंत टूट जाओगे।” पुत्रों को बात समझ आ गयी और उन्होंनें प्रेम से साथ रहने का वादा किया।
शिक्षा : एकता में बहुत बल होता हैं।
Hindi kids story – जिंजरब्रेड मैन

एक समय की बात है, एक बूढ़ी औरत थी। उसकी कोई संतान नहीं थी। वह बहुत ही अकेली थी। एक दिन उसने जिंजरब्रेड का एक लड़का बनाने का निर्णय किया।
उसने आटा गूंथकर उसे एक लड़के का आकार दिया। किशमिश से आँखें और मुँह बनाकर चीनी से बाल और कपड़े बनाए।
मीठी गोलियों के बटन लगाकर उसे पकने के लिए तंदूर में डाल दिया और दूसरे काम करने लगी। कुछ समय के बाद उसने तंदूर खोला तो जिंजरब्रेड मैन कूदकर बाहर निकला और भागने लगा।
बूढ़ी औरत उसके पीछे-पीछे भागी पर वह भागता ही जाता था। साथ में गाता जाता था, “भागो-भागो, पूरी ताकत से भागो… तुम मुझे नहीं पकड़ सकते, मैं जिंजरब्रेड मैन हूँ। ”
दौड़ते-दौड़ते उसकी मुलाकात एक गाय, एक घोड़े और एक बकरी से हुई पर कोई उसे न पकड़ सका। वह एक तालाब के किनारे पहुँचा। वहाँ उसकी मुलाकात एक लोमड़ी से हुई।
उसे देखकर जिंजरब्रेड मैन ने अपनी शेखी बघारी, “मुझे कोई नहीं पकड़ सका है, मैं जिंजरब्रेड मैन हूँ।
लोमड़ी ने कहा, “मैं तो तुम्हारी सखी हूँ, तुम्हें खाना नहीं चाहती। तुम थोड़ा आराम कर लो… थक गए हो…” ज्योंही वह आराम करने बैठा लोमड़ी ने लपककर उसे खा लिया।
शिक्षा : जल्दी का काम शैतान का।
Stories in hindi for kids – गाने वाली बुलबुल

वर्षों पुरानी बात है… चीन में एक राजा था। उसके महल के पास में ही एक जंगल था। इस जंगल में रहने वाली एक बुलबुल बहुत ही मीठी आवाज में गाती थी।
एक दिन राजा ने अपने मंत्री को उसे लाने का आदेश दिया। मंत्री किसी तरह उसे पकड़ने में सफल हो गया। एक पिंजरे में बंद कर राजा के सामने बुलबुल को लाया गया।
पर कैद हो जाने के कारण बुलबुल उदास हो गई। उसने खाना-पीना-गाना सब छोड़ दिया। कई दिन व्यतीत हो गए। रानी को बुलबुल पर दया आई और उसने पिंजरा खोल दिया। बुलबुल उड़ती हुई अदृश्य हो गई।
राजा बुलबुल के संगीत का दीवाना था। उसने मंत्री से दूसरी चिड़िया लाने के लिए कहा। मंत्री ने राज्य के शिल्पकार से हू-ब-हू वैसी ही मिट्टी की बुलबुल बनवाई जो गाती भी थी।
राजा सोने से पहले उसका गाना सुनता था। एक दिन वह गिरकर टूट गई। राजा उदास और बीमार रहने लगा। एक दिन रानी की कृपा का प्रतिदान देने वही बुलबुल आई और खिड़की पर बैठकर गाने लगी।
राजा ठीक होने लगा। अब प्रतिदिन रात को बुलबुल आती, गाना गाती और राजा को सुलाकर चली जाया करती थी।
शिक्षा : स्वतंत्रता अनमोल है।
Hindi kahaniyan for kids – टिन का बहादुर सिपाही

शानू एक बहुत ही प्यारा बच्चा था। उसके पास रंग-बिरंगे खिलौने थे। उनमें टिन के सिपाही की पूरी सेना भी थी पर एक सिपाही लंगड़ा था। खिलौनों में एक गत्ते का महल और एक नर्तकी भी थी।
शानू ने लंगड़े सिपाही में कुछ विशेषता देखी और उसे सेना का कप्तान बना दिया। शाम के समय शानू जब बाहर खेलने जाता तो खिलौने सजीव होकर आपस में खेलना शुरु कर देते। कप्तान नर्तकी की सुंदरता से उसकी ओर आकर्षित होने लगा था।
एक दिन शानू के मित्र आए। एक मित्र ने लंगड़े कप्तान को बेकार समझकर खिड़की से बाहर नाली में फेंक दिया। कप्तान बहता-बहुता गटर चला गया और वहाँ से समुद्र में।
वहाँ उसे एक बड़ी मछली ने निगल लिया। वह मछली एक मछुआरे द्वारा पकड़ी गई। मछुआरे से उसे एक बावर्ची ने खरीद लिया। बावर्ची ने जब उसे काटा तो कप्तान बाहर निकला।
कप्तान को वह जगह जानी पहचानी सी लगी। तभी उसे नर्तकी दिखाई दी। बावर्ची कप्तान को शानू को देने जा रहा था कि अचानक उसका पैर एक छोटी गाड़ी पर पड़ा और बावर्ची फिसलकर गिरा ।
कप्तान हाथ से छूटकर अलाव में गिर पड़ा। कप्तान जलने लगा तभी हवा का झोंका नर्तकी को उड़ाकर आग में ले गया। अंततः कप्तान को उसकी नर्तकी मिल गई।
शिक्षा : कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
Funny story for kids in hindi – अबाबील की दूरदर्शिता

बहुत साल पहले की बात है… पक्षियों का एक झुंड एक खेत के ऊपर से जा रहा था। पक्षियों के झुंड में एक नन्ही अबाबील भी थी। अबाबील अपनी दूरदर्शिता के लिए प्रसिद्ध है।
उसने सभी चिड़ियों से कहा, “इस किसान से सावधन रहना। चलो, नीचे चलकर, हम सब मिलकर, सारे बीजों को चुगकर निकाल लेते हैं। किसान सन के बीज बो रहा है। “
सभी चिड़ियों ने कहा, “तो बोने दो, हमें उससे क्या करना है?” अबाबील ने समझाया, “सन से रस्सियाँ बनाई जाती हैं और फिर उन्हीं रस्सियों से जाल बनाया जाता है जो हम जैसी चिड़ियों तथा मछलियों को पकड़ने के काम में लाया जाता है। इन्हें निकाल दो अन्यथा पछताओगे । “
अबाबील के कहने पर किसी ने भी उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। थोड़े समय बाद सन में अंकुर फूट गए और पौधे बनने लगे। फसल तैयार हो गई और उससे रस्सी बनाई गई।
रस्सी से जाल बुना गया और वही जाल चिड़ियों को पकड़ने में काम लाया जाने लगा। अबाबील का कहना सही निकला।
शिक्षा : पहले से ही सावधानी बरतना अच्छा होता है।
Funny stories for kids in hindi – टोपीवाला और बंदर

बहुत पुरानी बात है… एक टोपीवाला था। वह मस्ती में हाँक लगाता, “टोपियाँ ले लो, टोपियाँ… रंग बिरंगी टोपियाँ, पाँच की, दस की, हर उम्र के लिए टोपियाँ ले लो…” एक शहर से दूसरे शहर टोपियाँ बेचने जाया करता था।
एक बार जंगल से गुजरते समय वह थककर एक पेड़ के नीचे विश्राम करने बैठ गया। शीघ्र ही उसकी आँख लग गई। पेड़ पर ढेर सारे बंदरों का बसेरा था।
उन्होंने टोपीवाले को सोते देखा तो नीचे उतर आए और उसकी गठरी खोलकर टोपियाँ ले लीं और वापस पेड़ पर जाकर बैठ गए। सभी टोपियाँ पहनकर खुशी से ताली बजाने लगे।
ताली की आवाज सुनकर टोपीवाले की आँख खुल गई। उसने अपनी गठरी खोली और टोपियों को गायब पाया। इधर-उधर देखा पर टोपियाँ नहीं दिखी।
अचानक उसकी दृष्टि पेड़ पर टोपी पहने बंदरों पर पड़ी। टोपीवाले को कुछ सूझा। उसने अपनी टोपी उतारी और नीचे फेंक दी।
नकलची बंदरों ने उसकी नकल उतारी और उन्होंने भी अपनी- अपनी टोपियाँ उतारकर नीच फेंक दीं। टोपीवाले ने उन्हें समेटा और गठरी बनाकर खुशी-खुशी हॉक लगाता हुआ चल पड़ा…, “टोपी ले लो भाई, टोपी… रंग बिरंगी टोपी…
शिक्षा : बुद्धिमता मनुष्य की सबसे महत्वपूर्ण निधि है।
चिल्ड्रन स्टोरी इन हिंदी – दर्जी और हाथी

एक समय की बात है, एक गाँव के मंदिर में एक हाथी रहता था। वह प्रतिदिन संध्या के समय, नदी में स्नान करने जाया करता था। नदी में पानी से थोड़ी देर खेलता और फिर स्नान कर मंदिर वापस आ जाता था।
लौटते समय वह एक दर्जी की दुकान पर रुकता था। दर्जी उसे प्यार से केला खिलाया करता था। यह उसकी नियमित दिनचर्या थी।
एक दिन दर्जी किसी काम से शहर गया हुआ था। दुकान पर दर्जी का बेटा बैठा था। हाथी आया और उसने केले के लिए अपनी सूँढ़ उसकी ओर बढ़ाई।
बेटे को शरारत सूझी। उसने हाथी की सूंड में सूई चुभो दी। हाथी दर्द से तिलमिलाकर चुपचाप वापस चला गया।
अगले दिन हाथी फिर नदी पर नहाने गया। लौटते समय दर्जी की दुकान पर रुका और केले के लिए सूँढ़ बढ़ाया। इस बार भी लड़के ने उसे सूई चुभो दी।
क्रुद्ध हाथी ने अपनी सूँढ़ में भरा हुआ कीचड़ का फव्वारा दर्जी के बेटे पर डाल दिया। उसी समय दर्जी वापस आ गया । सच्चाई जानकर दर्जी ने अपने पुत्र को डाँटा,
“यह हाथी हमारा मित्र है, उससे क्षमा माँगो…” और फिर दर्जी ने हाथी को प्यार से अपने हाथों से केले खिलाए। हाथी वापस चला गया।
शिक्षा : दया अपने आप में ही एक गुण है।
Kahani for kids – नन्ही लाल मुर्गी

एक नन्ही लाल मुर्गी अपने तीन मित्रों कुत्ता, बत्तख, और बिल्ली के साथ रहती थी। नन्ही लाल मुर्गी बहुत मेहनती थी परन्तु उसके दोस्त आलसी थे।
एक दिन उसे एक मक्के का दाना मिला। मेहनती मुर्गी ने अकेले ही दाना बोया। जब उसमें मक्के लगे तो अकेले ही काटा। फिर वो उसे चक्की वाले के पास ले गई।
चक्की वाला मुर्गी की मेहनत से बहुत प्रसन्न हुआ। उसने मक्के का आटा पीसा और उसे दे दिया। घर आकर अपने आलसी मित्रों को शिक्षा देने के लिए नन्ही लाल मुर्गी ने मात्र अपने लिए सूप बनाया और सब देखते रह गए।
शिक्षा : मेहनत का फल मीठा होता है।
Story for children in hindi- खरगोश और उसके मित्र

एक जंगल में एक खरगोश रहता था। उसके ढेर सारे मित्र थे। एक दिन खरगोश ने कुछ शिकारी कुत्तों की आवाज सुनी। वे जंगल की ओर आ रहे थे।
खरगोश बहुत डर गया। अपनी जान बचाने के लिए वह अपने मित्रों के पास सहायता मांगने गया। घोड़े के पास पहुँचकर उसने सारी बात बताई और कहा, “क्या आप मेरी सहायता करेंगे? कृपया मुझे अपनी पीठ पर बिठाकर यहाँ से ले चलिए।”
घोड़े ने कहा, “क्षमा करना भाई, मुझे अभी बहुत काम है।” खरगोश बैल के पास गया और बोला, “मेरी जान पर बन आई है… क्या आप अपने नुकीले सींगों से शिकारी कुत्तों को डरा देंगे?” बैल ने कहा कि उसे किसान की पत्नी के पास जाना है।
खरगोश भालू के पास गया। उसने भी व्यस्तता का बहाना बनाया। खरगोश ने बकरी के पास जाकर कहा, “बहन, शिकारी कुत्तों से मुझे बचा लो।” बकरी बोली, “मुझे उनसे बहुत डर लगता है । क्षमा करो, मैं जरा जल्दी में हूँ। तुम किसी और से सहायता ले लो।”
शिकारी कुत्ते बहुत पास आ चुके थे खरगोश ने अब भागना शुरु किया। सामने ही उसे एक बिल दिखाई दिया। उसमें छिपकर खरगोश ने अपनी जान बचाई।
शिक्षा : दूसरों पर निर्भर रहने की जगह स्वयं पर भरोसा करना चाहिए।
स्टोरी इन हिंदी फॉर चाइल्ड – भेड़िया आया, भेड़िया आया

एक गाँव में एक गड़ेरिये का बेटा था। वह प्रतिदिन अपने भेड़ों को चराने के लिए पहाड़ी पर ले जाया करता था। सारे दिन पहाड़ी पर भेड़ों के साथ अकेले रहने में उसे बड़ी ऊब होती थी।
एक दिन बैठे-बैठे उसने मनोरंजन हेतु कुछ करने का सोचा। पहाड़ी पर से वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा, “बचाओ! बचाओ! भेड़िया आया, भेड़िया आया, बचाओ।”
गाँव वालों ने उसकी चीख सुनी। सभी किसानों ने अपना काम छोड़ा और उसे बचाने के लिए भागे आए। उनका इस प्रकार भागकर आना गड़ेरियें के बेटे को बड़ा रोचक लगा।
वह खुश होकर ताली बजाता हुआ बोला, “मैं तो मजाक कर रहा था।” गाँव वालों को लड़के का मजाक अच्छा नहीं लगा और वे बहुत क्रोधित हुए। थोड़े दिनों के बाद उस लड़के ने फिर से झूठा शोर मचाया। गाँव वालों को बहुत बुरा लगा।
कुछ दिनों बाद सचमुच अचानक से भेड़िया आ गया। गड़ेरिये का बेटा डरकर एक ऊँचे पेड़ पर चढ़ गया और चिल्लाने लगा, “बचाओ-बचाओ,
भेड़िया आया, बचाओ” किसानों ने उसकी आवाज सुनी पर सोचा कि यह फिर से मजाक कर रहा होगा। भेड़िए ने कई भेड़ों को मार डाला और लड़का कुछ न कर सका।
शिक्षा : झूठे व्यक्ति का सच बोलने पर भी विश्वास नहीं करा जाता है।
Kahani in hindi for kids – शहरी चूहा और देहाती चूहा

बहुत समय पहले की बात है, दो चूहे भाई थे। एक भाई शहर में रहता था और दूसरा गाँव में। एक दिन शहर वाला चूहा गाँव वाले भाई से मिलने गया। गाँव वाले चूहे ने अपने भाई को जलपान के रूप में कुछ अन्न के दाने खाने के लिए परोसा।
शहर वाले चूहे की नाक चढ़ गई। उसे मोटा अन्न खाने की आदत जो नहीं थी। शहर वाले चूहे ने शहर की बड़ी तारीफ करी और अपने भाई को शहर आने के लिए आमंत्रित किया।
वह राजी हो गया और दोनों चूहे शहर आ गए। शहरी चूहा एक बड़े से मकान के गैराज में रहता था। वहाँ की तड़क-भड़क गाँव वाले चूहे को आकर्षित कर रही थी।
दोनों भोजन करने खाने वाले हॉल में पहुँचे। वहाँ नाश्ते से बचा हुआ ढेर सारा भोजन पड़ा था। दोनों केक खाने लगे।
अचानक उन्हें गुर्राहट सुनाई दी। दरवाजा खुला और मालिक के दो बड़े कुत्ते भीतर आए। शहरी चूहा अपने भाई को लेकर भागा और छिप गया। गाँव वाला चूहा सारी स्थिति समझ गया और वापस अपनी शांतिपूर्ण जिंदगी जीने गाँव चला गया।
शिक्षा : जीवन में सुरक्षा और शांति सर्वोपरि है।
Story for kids hindi – सूर्य और हवा
एक समय की बात है… सूर्य और हवा में बहस छिड़ गई कि कौन अधिक बलवान है। हवा अपने आपको बलशाली बता रही थी पर सूर्य उसे बड़ा नहीं मान रहा था। मामला उलझता ही जा रहा था।
तभी उन्हें सामने से एक यात्री आता दिखाई दिया। यात्री को देखकर हवा को एक युक्ति सूझी। उसने सूर्य से कहा, “देखो, एक यात्री आ रहा है। हममें से जो भी उसकी चादर उतरवा देगा वही बलशाली होगा। तुम बादलों की ओट में हो जाओ।”
सूर्य बादलों के पीछे छिप गया। हवा जोर से चलने लगी। हवा की गति जितनी बढ़ती यात्री उतनी ही तेजी से अपनी चादर को पकड़ लेता ताकि ठंड से बचा रहे। जोर लगा-लगा कर हवा थक गई, हार गई पर किसी भी प्रकार वह यात्री की चादर नहीं उतरवा पाई। अंततः वह शांत हो गई।
अब सूर्य की बारी आई। वह बादलों के पीछे से निकलकर चमकने लगा। तेज गर्मी से परेशान होकर यात्री ने अपनी चादर उतार दी। हवा ने अपनी हार मान ली और सूर्य विजयी हुआ।
शिक्षा : कभी भी अपनी ताकत और योग्यता पर घमंड नहीं करना चाहिए।
हिंदी कहानी फॉर किड्स – भेड़िया और सारस

एक बार एक भेड़िया अपना शिकार खा रहा था। तभी एक हड्डी का टुकड़ा उसके गले में अटक गया। जिससे उसे गले में दर्द होने लगा। भेड़िया दर्द से छटपटाने लगा।
उसे साँस लेने में भी कठिनाई होने लगी। कइयों से उसने सहायता माँगी और बदले में पुरस्कार देने का भी वायदा किया पर किसी ने उसकी सहायता नहीं की।
अंत में एक सारस को उस पर दया आई। उसने भेड़िए को कहा, “तुम करवट लेकर अपना मुँह खोलकर लेट जाओ।”
भेड़िया अपना मुँह खोलकर लेट गया। सारस ने अपनी लंबी चोंच उसके गले में डाली और फँसी हुई हड्डी को खींचकर निकाल दिया। भेड़िए की जान में जान आ गई।
सारस ने भेड़िए से अपने पुरस्कार की माँग की तो भेड़िए ने कहा, “मूर्ख पक्षी, तुम अपने भाग्य को सराहो कि अभी तक जीवित हो।
जब तुमने अपनी चोंच मेरे मुँह में डाली थी, चाहता तो तभी तुम्हें चट कर जाता। क्या तुम्हारा जीवित रहना किसी पुरस्कार से कम है?”
Moral of Hindi story for kids शिक्षा : भले के साथ ही भलाई करनी चाहिए।
Kids hindi stories – भेड़िया और मेमना

एक बार एक भेड़िया, किसी पहाड़ी झरने पर, ऊपर की ओर पानी पी रहा था। उसकी दृष्टि नीचे की ओर पानी पी रहे एक मेमने पर पड़ी। मेमने के नरम माँस को खाने की कल्पना से ही भेड़िए के मुँह में पानी भर आया और वह तरकीब सोचने लगा।
उसने मेमने को डाँटते हुए कहा, “अरे ओ मेमने! इस पानी को गंदा करने का तुम्हारा साहस कैसे हुआ? देखते नहीं हो, मैं पानी पी रहा हूँ…’ “
मेमना भेड़िए को देखकर डर गया फिर भी साहस बटोर कर बोला , “श्रीमान्! मैं भला पानी कैसे गंदा कर सकता हूँ? पानी तो आपकी ओर से बहकर नीचे आ रहा है।
“ठीक है-ठीक है, पर तुमने मुझे पिछले वर्ष गाली क्यों दी थी?” क्रोधित भेड़िए ने पूछा।
सहमे हुए मेमने ने कहा, “मैं तो कुल 6 महीने का हूँ… आपको साल भर पहले गाली कैसे दे सकता हूँ? मेरा तो जब जन्म ही नहीं हुआ था…” और वह काँपने लगा।
“तो फिर तुम्हारे पिता होंगे। मैं तुम्हें नहीं छोडूँगा…” और भेड़िया मेमना पर टूट पड़ा।
Moral Hindi story for kids शिक्षा : झगड़ालू झगड़े का कोई न कोई बहाना ढूँढ ही लेते हैं।
बेडटाइम स्टोरी फॉर किड्स इन हिंदी – भेड़ की खाल में भेड़िया

किसी जंगल के पास एक बेड़े में बहुत सारी भेड़ें रहती थीं। जंगल में रहने वाला भेड़िया उन्हें खाना चाहता था पर उसकी इच्छा कभी पूरी नहीं हो पाती थी।
भेड़ों की रखवाली के लिए गड़ेरियें ने बड़े ही चौकन्ने कुत्ते रखे हुए थे। भेड़िया कुत्तों के कारण उन्हें पकड़ नहीं पाता था। एक दिन भेड़िये ने एक भेड़ की खाल को जमीन पर पड़ा हुआ देखा।
उसने सोचा, “इसे पहनकर मैं भेड़ों के झुंड में मिल जाऊँगा और गड़रियें को शंका भी नहीं होगी। रात में अवसर पाकर जी भरकर इन्हें खाऊँगा । भेड़ की खाल भेड़िए ने पहन ली और भेड़ों के झुंड में मिल गया।
एक भेड़ भेड़िये के पीछे-पीछे चली गयी। भेड़िये मौका देखकर उसे चट कर गया। अगले दिन फिर भेड़िया खाल ओढ़कर भेड़ों के झुण्ड मे जा मिला।
एक दिन बेड़े के मालिक ने अपने रसोइये से भेड़ के भोजन की फरमाईश करी। रसोइया ने भेड़िये को भेड़ समझकर मार डाला।
Moral Hindi story for kids शिक्षा : बुरा करने वाले का बुरा ही होता है।
Hindi children story – चालाकी नहीं चली
भोलू और गोलू नामक दो कौवे अच्छे मित्र थे। एक दिन उन दोनों में अपनी-अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करने के लिए झगड़ा होने लगा।
उन्होंने तय किया कि जो चुनौती को पूरा कर लेगा, वही श्रेष्ठ होगा। चुनौती यह थी कि दोनों को अपनी चोंच में एक एक भरा हुआ थैला लेकर उड़ना था।
जो अपने थैले को लेकर आकाश में अधिक ऊपर उड़ेगा, वही श्रेष्ठ होगा। गोलू बहुत ही चालाक कौआ था। उसने अपने थैले में रूई और भोलू के थैले में नमक भरा और दोनों ने उड़ान भरी।
जल्दी ही थैले का वजन कम होने के कारण गोलू भोलू से अधिक ऊपर उड़ने लगे। और भारी वजन होने के कारण भोलू ऊँची उड़ान भरने में असमर्थ था।
तभी बारिश शुरू हो गई। रूई पानी सोखने के कारण भारी हो गई और नमक घुलनशील होने के कारण पानी में घुल गया। इसके फलस्वरूप गोलू का थैला भारी और भोलू का थैला हल्का हो गया।
अब भोलू ने गोलू के मुकाबले अधिक ऊँची उड़ान भरी। इस तरह भोलू वह चुनौती जीत गया।
Hindi story for children – चतुर मेमना
एक भेड़िया भूखा था। वह भोजन की तलाश में जंगल में इधर से उधर भटक रहा था। तभी उसे नहर के किनारे से आती एक मेमने के मिमियाने की आवाज सुनाई पड़ी।
यह आवाज सुनकर उसका दिल खुशी से झूम उठा। उसने मन ही मन सोचा, ‘चलो, अब अधिक परिश्रम नहीं करना पड़ेगा। क्यों न मैं इस मेमने को खाकर अपनी भूख शांत कर लो।
उसने जल्दी से नहर के पास जाकर देखा कि सामने स्थित एक पहाड़ी पर वह मेमना खड़ा है। उनके बीच पर्याप्त दूरी थी। भेड़िये के वहाँ पहुँचने से पहले मेमना भाग भी नहीं सकता था।
इसलिए भेड़िये ने एक योजना बनाई और बोला, “प्यारे छोटे मेमने! यहाँ नीचे चरागाह में आ जाओ। यहाँ पर चरने के लिए हरी-हरी नर्म घास है।
तुम यहाँ पर नहर का ठंडा मधुर जल भी पी सकते हो।” चालाक मेमना भेड़िए की चालाकी भाँपकर बोला, “सुझाव के लिए धन्यवाद भेड़िया भाई।
लेकिन मैं यहीं पर ठीक हूँ। यहाँ मेरे लिए पर्याप्त घास है। इस तरह भेड़िए की योजना असफल हो गई। किसी ने ठीक ही कहा है कि मक्का से होशियारी अच्छी होती है।
Hindi story kids – हिरण और शिकारी

एक हिरण था। पोखर में पानी पीने गया। पानी पीते समय उसने पानी में अपनी परछाई देखी। हिरण प्रसन्न होते हुए सोचने लगा, “ईश्वर ने मुझे इतने सुंदर सींग दिए हैं…
काश! मेरे पैर भी इतने ही खूबसूरत होते। ये इतने पतले हैं कि मैं इन्हें देखकर दुखी हो जाता हूँ।” तभी एक शिकारी ने निशाना साधकर हिरण पर तीर छोड़ दिया।
हिरण ने अपने फुर्तीले पैरों से छलांग लगाई और दूर निकल गया। पर उसके सींग एक पेड़ में उलझ गए। हिरण ने बहुत जोर लगाया पर भागने में सफल नहीं हुआ। शिकारी ने उसे पकड़ लिया।
Moral of Hindi story for kids शिक्षा : अपनी ताकत को पहचानो।
Childhood story in hindi – पहेली
एक बार एक राजा किसी बुद्धिमान व्यक्ति को अपना प्रधानमंत्री नियुक्त करना चाहता था। इसलिए उसने एक योजना बनाई और पूरे राज्य में घोषणा करवा दी कि जो भी एक पहेली का जवाब देगा,
वह उसे ही अपना प्रधानमंत्री नियुक्त करेगा। पहेली इस प्रकार थी- एक आदमी के पास एक शेर, एक बकरी और घास का एक परिंदा है। वह व्यक्ति तीनों को किस प्रकार नदी पार ले जाए ताकि शेर बकरी को व बकरी घास को न खा सके।
जबकि नाव में एक वक्त में सिर्फ दो ही लोग जा सकते हैं। वह आदमी क्या करेगा? बहुत से लोगों ने इस पहेली को हल करने की कोशिश की, लेकिन कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए।
तब एक युवक राजा के पास आया और बोला, “महाराज, पहेली के लिए मेरा हल इस प्रकार है, वह व्यक्ति पहले बकरी को नदी के पार लेकर जाएगा।
फिर वह शेर को नदी पार लेकर जाएगा, बकरी को अपने साथ वापस ले जाएगा। तब वह घास को लेकर जाएगा और फिर बकरी को लेकर जाएगा।
इस प्रकार तीनों नदी पार हो जाएंगे।” राजा उसकी चतुराई एवं बुद्धिमानी से अत्यधिक प्रसन्न एवं प्रभावित हुआ और उसे अपना प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया।
Child stories in hindi – आस्था
धर्मदास एक मेहनती एवं ईश्वर में आस्था रखने वाला व्यक्ति था। अपनी सफलता के लिए वह हमेशा ईश्वर को धन्यवाद दिया करता था। धीरे-धीरे कठिन परिश्रम कर वह एक सफल व्यवसायी बन गया।
लेकिन अब उसे अपने ऊपर घमंड हो गया। वह सोचता कि वह सिर्फ अपने कठिन परिश्रम से ही सफल हुआ है, इसमें भगवान का कोई हाथ नहीं है।
इसलिए उसकी भगवान में आस्था कम हो गई और उसने भगवान की पूजा करनी छोड़ दी। एक बार लोगों के बीच भगवान को लेकर बहस होने लगी.
तो धर्मदास बोला,”भगवान कौन है? वह है ही नहीं! देखो मैं अपने कठिन परिश्रम के कारण ही आज सफल हुआ हूँ। और यदि वास्तव में भगवान शक्तिशाली है,
तो वह मुझे दो मिनट में मारकर दिखाए। मैं उसे चुनौती देता हूँ।” दो मिनट बाद धर्मदास स्वयं को जिंदा पाकर भगवान के ऊपर हँसने लगा। तब एक बूढ़ा बोला,
“यदि तुम्हारा बेटा तुमसे ऐसा करने को कहता तो क्या तुम उसे मार डालते? भगवान हमारे पिता के समान हैं। वह कभी तुम्हें हानि नहीं पहुंचा सकते।
तुम्हारी सफलता में भगवान का ही आशीर्वाद है।” धर्मदास को अपनी गलती का अहसास हुआ। उसने घमंड करना छोड़ दिया। और वह एक बार फिर ईश्वर में विश्वास करने लगा।
स्टोरी फॉर किड्स इन हिंदी – कंजूस व्यक्ति
एक दिन एक कंजूस व्यक्ति के दोस्त ने अपने मित्र की कंजूसी की आदत छुड़ाने की सोची। वह उसे बाजार ले गया और बोला, “प्रिय मित्र, तुम क्या खाना पसंद करोगे?”
कंजूस बोला, “भूख लगी है, चलो भोजन किया जाए।” वे एक होटल में जाकर। कंजूस के दोस्त ने होटल मालिक से पूछा, “भोजन कैसा है?” होटल मालिक ने कहा,
“मिठाई की तरह स्वादिष्ट!” कंजूस का दोस्त बोला, “क्यों न भोजन के स्थान पर कुछ मीठा खाया जाए।” फिर वे एक शहद बेचने वाले की दुकान पर गए और पूछा.
“शहद कैसा है?” शहद बेचने वाला बोला, “एकदम शुद्ध बिल्कुल पानी की तरह।'” कंजूस का दोस्त बोला, “अरे, फिर यूँ ही पैसे क्यों व्यर्थ करें।
चलो, घर चलते हैं। मैं तुम्हें घर पर शुद्ध शहद के रूप में पानी दूंगा।” फिर घर पहुँचकर कंजूस के दोस्त ने उसे पानी से भरा एक बर्तन थमा दिया।
कंजूस समझ गया कि उसके दोस्त ने उसे सबक सिखाने के लिए ही ऐसा किया है। इसलिए उसने उस दिन से कंजूसी छोड़ दी।
Kids story in hindi – घमंडी पेड़
सड़क के किनारे एक बरगद और एक आम का पेड़ था। आम के पेड़ पर रसीले एवं मीठे आम लगते थे। सभी लोग उसकी छाँव में विश्राम करने के साथ-साथ उसके मीठे फलों का भी आनंद लेते थे।
बूढ़े बरगद की तरफ कोई भी ध्यान नहीं देता था। धीरे-धीरे उस आम के पेड़ को अपने ऊपर बड़ा घमंड हो गया। वह बरगद के पेड़ से बोला,
“प्रत्येक व्यक्ति मुझे ओ मेरे स्वादिष्ट फलों को ही पसंद करता है, तुम्हें तो कोई पूछता भी नहीं।” बरगद का पेड़ बोला. “इतना घमंड अच्छा नहीं,
प्रत्येक वस्तु का अपना एक विशेष महत्व और उपयोग होता है।” इसके अगले ही दिन कुछ बच्चों ने उस घमंडी पेड़ के सारे आम तोड़ डाले और टहनियों एवं पत्तों को भी नुकसान पहुंचाया।
अब आम का पेड़ बड़ा ही भद्दा लग रहा था। आम के पेड़ की ऐसी स्थिति देखकर बरगद का पेड़ बोला, “घमंड हमेशा मुसीबत में डालता है। तुम्हारी खूबसुरती ही तुम्हारे लिए मुसीबत बन गई, जबकि मैं अब भी यहाँ पर वैसे ही सुरक्षित खड़ा हूँ।”
Story for kids in hindi चतुर राजा
राजा कालहेतु एक कर एवं लालची राजा था। उसने सभी पडोसी राज्यों पर आक्रमण कर उन्हें पराजित कर दिया था। लेकिन सिर्फ राजा उदयमान को पराजित करने में वह असफल रहा था।
उदयमान को बंदी बनाने के लिए राजा कालहेतु ने एक चाल चली। उसने उदयमान को अपने महल में भोज पर आमंत्रित किया। राजा उदयमान ने उसका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।
जब राजा उदयभान राजा कालकेतु के महल पहुँचा तो उसे बंदी बना लिया गया। अब राजा के हेतु अपने एकमात्र दुश्मन को बंदी हो सुनकर बहुत खुश था।
उसे अपने ऊपर अत्यधिक गर्व महसूस रहा था। वह यह सोच-सोचकर फूला नहीं समा रहा था कि भले मैंने छल का सहारा लिया है, लेकिन अब मेरा कोई शत्रु नहीं रहा।
अब उसे किसी का भय नहीं रहा था। तभी अचानक एक सिपाही दौड़ता हुआ उसके पास आया और बोला, “महाराज, राजा उदयमान ने हमारे राज्य पर आक्रमण कर दिया है और उसकी सेना ने हमें चारों तरफ से घेर लिया है।
जिस व्यक्ति को आपने बंदी बनाया है, वह राजा उदयमान नहीं है, बल्कि एक बहरूपिया है।” उदयमान की इस युद्ध में विजय हुई। फिर उसने कालहेतु से दूसरे राज्यों के राजाओं को आजाद करने के लिए कहा।
Stories for kids in hindi – जैसे को तैसा
एक आम विक्रेता घूम-घूमकर आम बेच रहा था। कुछ देर बाद वह एक पान की दुकान के पास पान खाने के लिए रुका। उधर पान बेचने वाले ने आम देखे तो वह आम बेचने वाले से चिल्लाकर बोला,
“आम वाले! अगर तुम्हें बुरा न लगे तो पान के बदले आम दोगे?” आम विक्रेता खुशी-खुशी तैयार हो गया। लेकिन पान बेचने वाला उसे धोखा देना चाहता था।
उसने एक छोटा-सा पान का पत्ता लिया और एक छोटा पान बनाकर आम विक्रेता को दे दिया। आम विक्रेता ने उससे चूना डालने को कहा। लेकिन पान वाला बोला,
“जाओ और पान को दीवार से रगड़ो। चूना अपने आप मिल जाएगा।” आम विक्रेता समझ गया कि पान वाला उसे धोखा दे रहा है। इसलिए उसने पान वाले को हरा आम दिया।
हरा आम देखकर पान वाला बोला, “मुझे पीला पका हुआ आम दो।” उसकी बात सुनकर आम विक्रेता हँसते हुए बोला, “जाओ और पीले रंग से पुती हुई दीवार से आम को रगड़ो तो वह पीला हो जाएगा।”
इस प्रकार आम विक्रेता ने पान वाले के साथ वैसा ही व्यवहार किया, जैसा कि उसने किया था। इसे ही कहा जाता है- ‘जैसे को तैसा’।
Hindi story for kids – खुजली
एक दिन एक राजा ने एक भिखारी को महल के दरवाजे के सामने अपनी पीठ रगड़ते हुए देखा। उसने अपने सिपाहियों से भिखारी को पकड़कर राजदरबार में ले आने को कहा।
सिपाही फौरन गए और भिखारी को पकड़कर ले आए। राजा ने उससे पूछा, “तुम महल के दरवाजे के सामने अपनी पीठ क्यों खुजला रहे थे?” भिखारी बोला,
“महाराज, मेरी पीठ में खुजली हो रही थी, इसलिए मैं महल के दरवाजे के सामने पीठ खुजला रहा था।” राजा ने यह सुनने के बाद अपने सिपाहियों को आदेश दिया,
“इस भिखारी को बीस स्वर्ण मुद्राएँ दी जाएँ।” जल्दी ही यह खबर पूरे राज्य में आग की तरह फैल गई। कुछ समय बाद राजा ने दो अन्य भिखारियों को महल के सामने अपनी पीठ रगड़ते देखा।
उन्हें भी बुलवाकर राजा ने उनसे पीठ खुजाने का कारण पूछा। उन्होंने भी जवाब दिया कि उनकी पीठ में खुजली हो रही थी। यह सुनकर राजा ने अपने सिपाहियों से कहा,
“इन भिखारियों की पीठ की खुजली ठीक करने के लिए इनकी पीठ पर बीस-बीस कोड़े लगाओ।” यह सुनकर दोनों तुरंत बोले, “लेकिन महाराज,
आपने तो एक अन्य भिखारी को वीस स्वर्ण मुद्राएँ दी थीं।” राजा बोला, “उसने सच कहा था, लेकिन तुम दोनों झूठ बोल रहे हो। यदि चाहते तो तुम दोनों एक-दूसरे की पीठ खुजला सकते थे। तुम दोनों यहाँ सिर्फ लालच के कारण ही आए हो।” दोनों भिखारी अपनी करनी पर शर्मिंदा थे।
Hindi stories for kids– आलसी चिड़िया
चिक्की, मिक्की नाम की दो चिड़िया एक घोंसले में रहती थीं। दोनों बहुत आलसी थीं। सर्दी का मौसम था। चारों तरफ ठंडी हवा चल रही थी।
बर्फवारी भी हो रही थी। संयोग से उनके घोंसले में एक छेद हो गया। छेद से ठंडी हवा आने के कारण उनका घोंसला एकदम ठंडा हो जाता था।
चिक्की और मिक्की दोनों को भारी ठंड लगती। चिक्की ने सोचा, ‘मुझे आश्चर्य है कि मिक्की इस छेद को क्यों ठीक नहीं करवाती है।’ वहीं दूसरी तरफ मिक्की ने सोचा, ‘चिक्की बड़ी आलसी है।
वह क्यों नहीं इस छेद को ठीक करती?’ इस तरह दोनों ही एक-दूसरे से उस छेद को बंद करवाने की उम्मीद लगाए बैठी थीं। फलस्वरूप उनके घोंसले का छेद वैसे ही बना रहा।
धीरे-धीरे बर्फवारी तेज हो गई और हवा भी तेज चलने लगी। अब छेद के रास्ते बर्फ उनके घोंसले में प्रवेश कर गई। अब आलसी चिड़िया ठंड से काँपने लगीं,
लेकिन किसी ने भी छेद को बंद करने की कोशिश नहीं की अंतिम दोनों ठंड से मर गईं। इस प्रकार, अपने आलसी स्वभाव के कारण दोनों चिड़ियाँ अकाल मौत का शिकार बनीं।
Video of Story for Kids in Hindi:-
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FAQ for Kids story in Hindi with Moral
Moral Story का हिंदी में क्या मतलब होता है ?
एक कहानी का नैतिक वह सबक है जो इतिहास सिखाता है कि दुनिया में कैसे व्यवहार करना है।
सबसे अच्छी Moral story हिंदी में कहा से पढ़ सकते है ?
आपको सबसे अछि मोरल स्टोरी हिंदी में के वेबसाइट पे मिलेगी और वोभी कई भाषाओं में।
छोटे बचो को कैसी कहानिया अच्छी लगती है ?
बौने, परियों, सूक्ति, जलपरी, और बात करने वाले जानवरों जैसे पात्रों से भरी परियों की कहानियां बच्चों के बीच सबसे लोकप्रिय कहानियों में से कुछ हैं।