Stories In Hindi For Children:- Here I’m sharing the top 10 Stories In Hindi For Children which is very valuable and teaches your kids life lessons, which help your children to understand the people & world that’s why I’m sharing with you.
यहां मैं बच्चों के लिए हिंदी में नैतिक के लिए शीर्ष कहानी साझा कर रहा हूं जो बहुत मूल्यवान हैं और अपने बच्चों को जीवन के सबक सिखाते हैं, जो आपके बच्चों को लोगों और दुनिया को समझने में मदद करते हैं इसलिए मैं आपके साथ हिंदी में नैतिक के लिए कहानी साझा कर रहा हूं।
Latest Top 10 Stories In Hindi For Children
1. सोने के अंडे Stories In Hindi For Children
एक आदमी के पास एक सुंदर मुर्गी थी जो सोने के अंडे देती थी। ऐसी ईश्वर-प्रदत्त मुर्गी को पाकर वह आदमी खुद को सही मायने में अति भाग्यशाली समझता था।
वह उन अंडों को सुनार को बेच देता था और उनके बदले उसे भारी रकम प्राप्त होती थी। यह तो ठीक ही कहा गया है कि इंसान के लालच की कोई सीमा नहीं होती। यह उक्ति उस आदमी पर भी अच्छी तरह लागू होने लगी।
उसने सोचा कि मुर्गी के पेट में जमा सारा सोना एक ही बार में निकाल लेना अधिक फायदेमंद होगा। इस उद्देश्य से उसने मुर्गी को मार दिया,
लेकिन यह जानकर वह भौंचक्काऔर दुखी हो गया कि वह मुर्गी भी अंदर से अन्य मुर्गियों जैसी ही थी। इस प्रकार उस मुर्गी से जो धन वह कमा रहा था उससे भी वह वंचित हो गया।
शिक्षाः संतोष से ही खुशी मिलती है।
Related:-
2. शेर, चूहा और लोमड़ी New Stories In Hindi For Children
दिन भर की थकान के बाद एक शेर अपनी मांद के सामने गहरी नींद में सोया हुआ था। उसकी ताकत से अनजान एक चूहा उसकी पीठ, पूँछ और पेट पर दौड़ रहा था और उछल-कूद कर रहा था।
एक जोरदार दहाड़ के साथ शेर जाग गया और चूहा भाग गया। शेर बार बार उलट-पुलटकर यह पता लगाने की कोशिश कर रहा था कि किसने उस पर हमला किया और नींद में विघ्न डाला।
एक लोमड़ी कुछ दूर से यह सब देख रही थी। उसने डरपोक जैसा व्यवहार करने के लिए शेर की खिल्ली उड़ाई। उसने ताना मारते हुए कहा, “जंगल का राजा यह शेर एक चूहे से डर गया! लानत है!”
शेर ने जवाब दिया, “तुम गलत सोच रहे हो। ऐसा नहीं कि में चूहे से डर गया था, बल्कि में इस बात पर चकित था कि कोई इतना साहसी कैसे हो सकता है कि एक सोते हुए शेर के शरीर पर दौड़ सके।”
एक जोरदार दहाड़ के साथ शेर जाग गया और चूहा भाग गया। शेर बार बार उलट-पुलटकर यह पता लगाने की कोशिश कर रहा था कि किसने उस पर हमला किया और नींद में विघ्न डाला।
एक लोमड़ी कुछ दूर से यह सब देख रही थी। उसने डरपोक जैसा व्यवहार करने के लिए शेर की खिल्ली उड़ाई। उसने ताना मारते हुए कहा, “जंगल का राजा यह शेर एक चूहे से डर गया! लानत है!”
शेर ने जवाब दिया, “तुम गलत सोच रहे हो। ऐसा नहीं कि में चूहे से डर गया था, बल्कि में इस बात पर चकित था कि कोई इतना साहसी कैसे हो सकता है कि एक सोते हुए शेर के शरीर पर दौड़ सके।”
शिक्षाः बुद्धिमान लोग छोटी-छोटी चीजों की भी अनदेखी नहीं करते हैं।
Related:-
एक बार एक कुत्ता जंगल के निकट स्थित एक फार्म हाऊस के सामने सोया हुआ था। एक भेड़िया अपने संभावित शिकार की खोज में वहाँ पहुँचा और कुत्ते को मारकर खाने वाला था।
कुत्ते ने यह कहते हए दया की भीख मांगी कि, “अभी तो मैं दुबला-पतला और कमजोर हूँ। मेरे थोड़े से मांस से आपका काम नहीं चलेगा कुछ समय तक इंतजार कीजिए। मेरे मालिक लोग जल्द ही एक भोज करने जा रहे हैं।
उसमें मुझे स्वादिष्ट और पोषक भोजन मिलेगा जिसे मैं छककर खाऊंगा। तब मैं मोटा हो जाऊंगा और आपके लिए कहीं अधिक बेहतर भोजन साबित होऊंगा।” भेड़िये को विश्वास हो गया और वह अपने रास्ते चला गया।
वह कुछ घंटों बाद वापस लौटा तो कुत्ते को घर की छत पर सोते पाया। उसने कुत्ते को चिल्लाकर उसका वादा याद दिलाया।
कुत्ते ने जवाब दिया, “अरे मर्ख भेड़िया! अगर तुम मुझे फार्म हाउस के सामने दोबारा सोते हुए देखो तो भोज का इंतजार मत करना।”
कुत्ते ने यह कहते हए दया की भीख मांगी कि, “अभी तो मैं दुबला-पतला और कमजोर हूँ। मेरे थोड़े से मांस से आपका काम नहीं चलेगा कुछ समय तक इंतजार कीजिए। मेरे मालिक लोग जल्द ही एक भोज करने जा रहे हैं।
उसमें मुझे स्वादिष्ट और पोषक भोजन मिलेगा जिसे मैं छककर खाऊंगा। तब मैं मोटा हो जाऊंगा और आपके लिए कहीं अधिक बेहतर भोजन साबित होऊंगा।” भेड़िये को विश्वास हो गया और वह अपने रास्ते चला गया।
वह कुछ घंटों बाद वापस लौटा तो कुत्ते को घर की छत पर सोते पाया। उसने कुत्ते को चिल्लाकर उसका वादा याद दिलाया।
कुत्ते ने जवाब दिया, “अरे मर्ख भेड़िया! अगर तुम मुझे फार्म हाउस के सामने दोबारा सोते हुए देखो तो भोज का इंतजार मत करना।”
शिक्षा: पहले मौके को छोड़कर बेहतर मौके का इंतजार करना मूर्खता है।
Related:-
4. भेड़िया और दादी In Hindi Stories For Children
एक दिन एक भूखा भेड़िया भोजन की तलाश में इधर-उधर भटक रहा था। उसकी तलाश एक ऐसे फार्म पर पहुंचकर खत्म हो गई जहाँ इंसानों की बस्ती थी। वह एक झोपड़ी के निकट झाड़ियों के पीछे जाकर छिप गया।
उसने पालने में पड़े एक शिशु को अपना निशाना बनाना तय किया। एक बूढ़ी दादी उस शिशु को दुलार-पुचकार रही थी लेकिन वह चुप ही नहीं हो रहा था और जोर-जोर से चिल्लाई जा रहा था। दादी बोली,
“अब और अधिक मत चिल्लाना, वरना तुम्हें तुरंत भेड़िये को खाने के लिए दे दूंगी।” भेड़िया बहुत खुश हुआ और भोजन मिलने का इंतजार करने लगा।
जब शाम हो गई तो उसने शिशु से दादी को पुचकार करते फिर सुना, “अगर भेड़िया मेरी झोपड़ी में कदम रखता है अथवा तुम्हें खरोंच लगाने की भी कोशिश करता है तो, मेरे बच्चे व हम उसे मार डालेंगे।”
यह सुनकर भेड़िया अपने रास्ते लौट चला और बुदबुदाया, “ये इंसान लोग पागल होते हैं। वे बोलते कुछ हैं और करते कुछ और ही हैं।”
उसने पालने में पड़े एक शिशु को अपना निशाना बनाना तय किया। एक बूढ़ी दादी उस शिशु को दुलार-पुचकार रही थी लेकिन वह चुप ही नहीं हो रहा था और जोर-जोर से चिल्लाई जा रहा था। दादी बोली,
“अब और अधिक मत चिल्लाना, वरना तुम्हें तुरंत भेड़िये को खाने के लिए दे दूंगी।” भेड़िया बहुत खुश हुआ और भोजन मिलने का इंतजार करने लगा।
जब शाम हो गई तो उसने शिशु से दादी को पुचकार करते फिर सुना, “अगर भेड़िया मेरी झोपड़ी में कदम रखता है अथवा तुम्हें खरोंच लगाने की भी कोशिश करता है तो, मेरे बच्चे व हम उसे मार डालेंगे।”
यह सुनकर भेड़िया अपने रास्ते लौट चला और बुदबुदाया, “ये इंसान लोग पागल होते हैं। वे बोलते कुछ हैं और करते कुछ और ही हैं।”
शिक्षाः कुछ लोगों की कथनी और करनी में बहुत फर्क होता है।
Related:-
एक बार एक बिल्ली ने एक मुर्गे पर हमलाकर उसे दबोच लिया। वह उसे खाने ही जा रही थी कि तभी उसने सोचा कि मुर्गे को ऐसा करने का कारण बता ही दिया जाए।
बिल्ली ने उसे कहा, “तुम्हें खाकर मैं उन लोगों की सहायता करुंगी जिन्हें तुम रात में ऊँची आवाज में बांग देकर परेशान करते हो।” मुर्गे ने अपना पक्ष रखते हुए कहा,
“मैं तो उन लोगों को उनके दैनिक काम आरंभ करने के लिए बांग देकर जगाता हूँ।” तब बिल्ली ने मुर्गे पर आरोप लगाया कि तुम दाना चुगने के प्रयास मे चारों और गंदगी फैलाते हो जिससे बीमारियाँ पैदा होती हैं।
मुर्गे ने जवाब दिया, “मैं तो दबी हुई गंदगी को प्रकट कर सफाई के प्रति लोगों का ध्यान दिलाता हूँ ताकि बीमारियाँ न पैदा हों।” बिल्ली चीखते हुए बोली,
“ठीक है, लेकिन मैं केवल इसीलिए भूखी नहीं रहूंगी कि तुम एक भले प्राणी हो और खुद के बचाव के लिए बहुत सारे कारण भी बता रहे हो।” ऐसा कहकर बिल्ली उसे मारकर खा गई।
शिक्षा किसी व्यक्ति की दुष्ट प्रवृति को बदला नहीं जा सकता।
Related:-
एक कुत्ते और एक मुर्गे के बीच गाढ़ी दोस्ती थी। एक दिन वे एक फार्म के पतले झाड़ीदार रास्ते होकर टहल रहे थे। जब सूरज पहाड़ों के पीछे छिप गया तब मुर्गे ने एक वृक्ष के ऊपर शरण ले ली और कुत्ता उस वृक्ष के नीचे बने कोटर में जाकर सो गया।
अपनी आदत और प्रकृति के अनुसार मुर्गे ने हर किसी को जगाने के लिए भोर होने पर जोर की बांग लगाई। झाड़ियों में सोई हुई एक लोमड़ी भी जाग उठी। मुर्गे को देखकर उसके मुँह में पानी आ गया।
वह वृक्ष के पास गया और मुर्गे से बोला, “महोदय, आप कृप्या नीचे आ जाइए। अपनी मीठी आवाज से मुझे जगाने के लिए मैं आपको गले लगाना चाहता हूँ।”
मुर्गे ने उत्तर दिया, “मेरा द्वारपाल अभी भी इस वृक्ष के निचले हिस्से में सो रहा है। तुम उसे जैसे ही जगाओगे वैसे ही मैं नीचे आ जाऊंगा।
लोमड़ी द्वारपाल का पता लगाने के लिए वृक्ष के कोटा के निकट जैसे ही पहुँची वैसे ही कुत्ते ने उस पर झपट्टा मारा और उसे मार डाला।
शिक्षाः बुद्धिमान लोग अपने शत्रुओं को उसके पास भेज देते हैं जो उन्हें परास्त करने में अधिक सक्षम हो।
Related:-
7. बाज एवं काला भौंरा Awesome Stories In Hindi For Children
एक काला भौंरा और एक खरगोश बहुत अच्छे मित्र थे। एक बार एक बाज ने खरगोश को अपना भोजन बनाने का निश्चय किया। काले भौरे ने उससे दया करने का अनुरोध किया।
लेकिन बाज ने उसको अनसुना कर खरगोश के पेट को फाड़ दिया और उसे लेकर उड़ चला। भौरे ने प्रतिशोध लेने का निश्चय किया। वह बाज के घोंसले पर पहुँचा और उसमें पड़े अंडों को नीचे गिरा दिया।
अंडे नीचे गिर-गिरकर टूट पड़े। ऐसा कई बार हुआ। बाज इस बात से दुखी और पीड़ित रहने लगा कि उसका कोई भी अंडा चूजा नहीं बन पा रहा है। वह निर्दय भौरे से अपने अंडों को बचाने के लिए भगवान ज्यूस के पास पहुँचा।
भगवान ज्यूस ने उसे अपनी गोद में ही अंडे देने की अनुमति दे दी। बाज ने ऐसा ही किया। भौरे ने मिट्टी की एक गोली बनाई, उसे लेकर उड़ा और उसे भगवान ज्यूस की गोद में फेंक दिया।
भगवान ज्यूस मिट्टी की गोली झाड़ने के लिए तत्काल खड़े हो गए जिसके कारण उनकी गोद में पड़े अंडे अंजाने में ही नीचे गिर गए और टूट गए। ऐसा कहा जाता है कि उसी समय से बाज उस मौसम में अंडे नहीं देते हैं जिसमें काले भौरे सबसे अच्छी उड़ान भरते हैं।
शिक्षा: किसी को हीन समझकर उसकी अनसुनी नहीं करनी चाहिए।
Related:-
8. लोमड़ी और नकाब AnimalsStories For Children In Hindi
एक लोमड़ी इधर-उधर टहलते हुए एक गाँव जा पहुंची। उसने वहाँ पर एक घर की खिड़की खुली हुई देखी। उस खिड़की के रास्ते वह उस घर में घुस गई। वह कमरे में रखीं चीजों को उलटने-पलटने लगी।
वस्तुत: वह किसी अभिनेता का घर था। उसने अल्मारी खोलकर कई चीजें बाहर निकाल ले तो उसके लिए बिल्कुल नई थीं। ऐसी चीजें थीं-चिड़ियाँ, मेकअप के सामान, नकली दाढ़ी-मूछें, नाटक वाले कपड़े आदि।
उसने उन चीजों को बड़े कौतुहल से देखा और फर्श पर बिखेर दिया। उसे एक नक़ाब भी मिला। दैत्य का अभिनय करने के लिए पहना जाने वाला वह नक़ाब बड़ा, सुंदर ढंग से ।
सजा हुआ और जीवंत दिखाई पड़ रहा था। लोमड़ी ने उसे अपने पंजों से पकड़ लिया और कहा, “आह! कितना सुपर सिर है यह ! इसमें कितने अच्छे-अच्छे रंग हैं। लेकिन इसमें दिमाग ही नहा है।”
शिक्षाः अज्ञानियों को चीजों की पहचान नहीं होती है।
9. भलाई का बदला Stories For Children In Hindi
एक लोमड़ी थी। वह शिकार करने के बजाए शिकार चुराकर खाया करती थी। एक दिन हड़बड़ी में उसके गले में भोजन करते हुए एक हड्डी फँस गई। वह दर्द से कराती हुई सभी जानवरों के पास मदद मांगने गई।
डर के कारण कोई भी जानवर लोमड़ी के गले से हड्डी निकालने को तैयार नहीं हुआ। एक सारस को उस पर दया आ गई और उसने लोमड़ी से कहा, “अपना मुँह खोलो, “मैं तुम्हारे गले से हड्डी निकाल देता हूँ।”
लोमड़ी ने बड़ा-सा मुँह खोल दिया और सारस ने अपनी लंबी चोंच से उसके गले में फँसी हड्डी निकाल दी। लोमड़ी ने राहत की साँस ली तो सारस बोला, “मैंने तुम्हारे गले से फँसी हड्डी निकाल दी है।
इसलिए तुम्हें मुझे कुछ इनाम देना चाहिए।” लोमड़ी गुस्से में बोली, “तुम्हारी मुझसे इनाम मांगने की हिम्मत कैसे हुई? तुम्हारी गर्दन मेरे मुँह में थी, फिर भी मैंने तुम्हें खाया नहीं। इससे पहले कि मेरा इरादा बदल जाए, यहाँ से चले जाओ।”
शिक्षा: दुष्ट कभी एहसान नहीं मानते।
Related:-
यह उन दिनों की बात है, जब बिजली नहीं थी और लोग घरों में रोशनी के लिए तेल का दीया जलाते थे। एक दिन जलते हुए दीए के मन में अहंकर जागा और वह बोलने लगा, “मैं पूरे घर को रोशनी देता हूँ।
मेरी रोशनी का मुकाबला तो सूरज और चांद-तारे भी नहीं कर सकते।” घर की बूढ़ी मालकिन ने सुना लेकिन ध्यान नहीं दिया। वैसे वह दीए को सिखाना चाहती थी कि अहंकार करना बुरी बात है।
तभी हवा के एक झोंके से वह दीया बुझ गया। वृद्धा ने वह दीया दोबारा जलाते हुए कहा, “छोटे दीए! माना कि तुम घर में प्रकाश करते हो,
पर तुम अपनी । तुलना चांद और सूरज से नहीं कर सकते। तुम्हें अपनी मर्यादा में रहना चाहिए और बड़े बोल नहीं बोलने चाहिए।”
शिक्षा: अपनी मर्यादा को कभी लांघना नहीं चाहिए।
Also Read:-
- Nursery Stories In Hindi
- Best Short Stories In Hindi
- Stories In Hindi Comedy
- Short Kahani Lekhan In Hindi
- Hindi short Kahani
Thank you for reading Top 11 Kids Stories In Hindi For Children which really helps you to learn many things of life which are important for nowadays these Stories In Hindi For Children are very helping full for children those who are under 13. If you want more stories then you click on the above links which are also very interesting.