Contents
ToggleIn the heart of Hindi folklore lies the captivating tale of “सांड़ और भेड़का” (The Shepherd Boy and the Wolf). This timeless story has transcended generations, imparting valuable lessons about trust, responsibility, and the repercussions of deceit. Join us on a journey through this classic narrative, where a young shepherd boy grapples with the consequences of his actions and learns the importance of honesty.
सांड़ और भेड़का कहानी:
पहला हिस्सा – First Part
एक समय की बात है,
गाँव में एक छोटे से बच्चे भेड़ रखने वाले एक साधू बच्चे की कहानी है।
दूसरा हिस्सा – Second Part
साधू बच्चा अक्सर अपनी आवाज़ से गाँववालों को बताता
कि वह भेड़ों को बचाने के लिए अपनी जान दे देगा।
तीसरा हिस्सा – Third Part
गाँववाले पहले-पहले उसकी बातों पर ध्यान देते थे,
लेकिन बाद में उन्हें लगने लगा कि वह सिर्फ मजाक कर रहा है।
चौथा हिस्सा – Fourth Part
एक दिन, जब वाकई में एक भेड़का गाँव के पास आया,
तो सभी लोग ने साधू बच्चे की बात को नजरअंदाज कर दिया।
पाँचवा हिस्सा – Fifth Part
लेकिन वह वाकई में किसी जीवनुपायी जानवर के खतरे
से बचाने के लिए अपनी आवाज़ बुलंद करने वाला था।
छठा हिस्सा – Sixth Part
इस बार सचमुच भेड़का गाँव के पास था और जब साधू बच्चा अपनी
मदद के लिए आवाज़ करने लगा, तो कोई भी नहीं आया।
सातवां हिस्सा – Seventh Part
भेड़का ने साधू बच्चे से कहा, “तू हमेशा मजाक करता रहता है,
इसलिए कोई तुझपर ध्यान नहीं देता।”
आठवां हिस्सा – One Eighth
साधू बच्चा ने अपनी गलतियों से सिखा कि जो बातें हम मजाक के लिए कहते हैं,
वे किसी के जीवन को प्रभावित कर सकती हैं।
Also Read: Goldilocks Story in Hindi: सोने का सुनहरा किस्सा जो हर बच्चे को सिखाएगा सही और गलत के बारे में
नौवां हिस्सा – Ninth Part
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें अपनी बातों
पर ध्यान देना चाहिए और जिम्मेदारी से बात करनी चाहिए।
दसवां हिस्सा – Tenth Part
“सांड़ और भेड़का” कहानी हमें बताती है कि जो व्यक्ति अपने वचनों
का पालन नहीं करता, उसे अपने कर्मों का दंड भुगतना पड़ता है।
FAQs (पूछे जाने वाले प्रश्न):
सांड़ और भेड़का कहानी का सिख: इस कहानी का सिख क्या है?
उत्तर: “सांड़ और भेड़का” कहानी सिखाती है कि वचनों का पालन करना महत्वपूर्ण है और जिम्मेदारी से बातचीत करना चाहिए।
कहानी में कौन-कौन से पात्र हैं?
उत्तर: कहानी में साधू बच्चा, भेड़का, और गाँववाले मुख्य पात्र हैं।
“सांड़ और भेड़का” कहानी किस युग में है?
उत्तर: यह कहानी समय के साथ बदलती नहीं है और सदैव उपयोगी सिख देती है, इसलिए इसका कोई निश्चित युग नहीं है।